MP विधानसभा के अध्यक्ष होंगे गौतम

कांग्रेस नहीं उतारेगी प्रत्याशी, गिरीश निर्विरोध चुने जाएंगे, विधानसभा के 18वें अध्यक्ष होंगे

भोपाल। 17 साल बाद विधानसभा अध्यक्ष विंध्य से होगा। रीवा के देवतालाब से विधायक गिरीश गौतम ने रविवार को नामांकन दाखिल कर दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष पद पर अपना प्रत्याशी नहीं उतारेगी, जिससे गिरीश गौतम का निर्विरोध निर्वाचित होना तय है। गौतम विधानसभा के 18वें अध्यक्ष होंगे। वे 4 बार के विधायक हैं। विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव सोमवार 22 फरवरी को बजट सत्र के पहले दिन होना है। नामांकन के दौरान गौतम के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग भी मौजूद रहे। विधानसभा अध्यक्ष के लिए नामांकन दाखिल करने के बाद गिरीश गौतम ने कहा कि बीजेपी ने विंध्य का हमेशा से सम्मान किया है l विधायकों के हितों की रक्षा करना मेरी प्राथमिकता होगी l विंध्य को हमेशा से मिलता सम्मान रहा है l उपेक्षा जैसी कोई बात नहीं है। अध्यक्ष पद के लिए दूसरे दावेदारों के नामों पर कहा कि सबको अपनी बात रखने का हक है। अलग विंध्य प्रदेश पर बोले – मांग उठाने वाले दूसरे लोग हैं। बीजेपी के अंदर कोई मांग नहीं उठा रहा है। विधानसभा का बजट सत्र 22 फरवरी से शुरू हो रहा है। पहले दिन विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने शनिवार को तैयारियों का जायजा लिया।

17 साल बाद विंध्य के खाते में
विधानसभा अध्यक्ष का बाद 17 साल बाद एक बार फिर विंध्य के खाते में जाएगा। विंध्य के कद्दावर नेता श्रीनिवास तिवारी 9 साल 352 दिन विधानसभा के अध्यक्ष रहे। उनका दो बार का कार्यकाल दिग्विजय सरकार के दौरान 24 दिसंबर 1993 से 11 दिसंबर 2003 तक रहा।कमलनाथ ने कहा- निर्विरोध ढंग से चुनाव कराने में सहयोग देंगे
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि भाजपा का शुरू से ही संसदीय परंपराओं में कभी विश्वास नहीं रहा हैl वर्षों से विधानसभा अध्यक्ष का पद सत्ता पक्ष और उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को देने की परंपरा चली आ रही। परंपराओं को भाजपा ने तोड़ा हैl लेकिन हमारा शुरू से ही संसदीय परंपराओं में विश्वास रहा है। हमने निर्णय लिया है कि निर्विरोध ढंग से विधानसभा अध्यक्ष का निर्वाचन करवाने में पूरा सहयोग देंगे।

कमलनाथ ने तोड़ी परंपरा, नहीं देंगे उपाध्यक्ष का पद : वीडी शर्मा
शिवराज सरकार कांग्रेस को उपाध्यक्ष का पद देने के लिए तैयार नहीं है, क्योंकि कमलनाथ सरकार में भाजपा को यह पद नहीं दिया गया था। विधानसभा में सीटों के गणित के हिसाब से चुनाव होता है तो दोनों पद भाजपा के पाले में ही जाएंगे। बता दें कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा कह चुके हैं कि मप्र विधानसभा में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के चुनाव की परंपरा पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने तोड़ी थी। अब इसका खामियाजा तो कांग्रेस को भुगतना पड़ेगा। शर्मा ने स्पष्ट किया कि उपाध्यक्ष का पद कांग्रेस को नहीं दिया जाएगा।

Advertisements
Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *