कांग्रेस नहीं उतारेगी प्रत्याशी, गिरीश निर्विरोध चुने जाएंगे, विधानसभा के 18वें अध्यक्ष होंगे
17 साल बाद विंध्य के खाते में
विधानसभा अध्यक्ष का बाद 17 साल बाद एक बार फिर विंध्य के खाते में जाएगा। विंध्य के कद्दावर नेता श्रीनिवास तिवारी 9 साल 352 दिन विधानसभा के अध्यक्ष रहे। उनका दो बार का कार्यकाल दिग्विजय सरकार के दौरान 24 दिसंबर 1993 से 11 दिसंबर 2003 तक रहा।कमलनाथ ने कहा- निर्विरोध ढंग से चुनाव कराने में सहयोग देंगे
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि भाजपा का शुरू से ही संसदीय परंपराओं में कभी विश्वास नहीं रहा हैl वर्षों से विधानसभा अध्यक्ष का पद सत्ता पक्ष और उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को देने की परंपरा चली आ रही। परंपराओं को भाजपा ने तोड़ा हैl लेकिन हमारा शुरू से ही संसदीय परंपराओं में विश्वास रहा है। हमने निर्णय लिया है कि निर्विरोध ढंग से विधानसभा अध्यक्ष का निर्वाचन करवाने में पूरा सहयोग देंगे।
कमलनाथ ने तोड़ी परंपरा, नहीं देंगे उपाध्यक्ष का पद : वीडी शर्मा
शिवराज सरकार कांग्रेस को उपाध्यक्ष का पद देने के लिए तैयार नहीं है, क्योंकि कमलनाथ सरकार में भाजपा को यह पद नहीं दिया गया था। विधानसभा में सीटों के गणित के हिसाब से चुनाव होता है तो दोनों पद भाजपा के पाले में ही जाएंगे। बता दें कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा कह चुके हैं कि मप्र विधानसभा में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के चुनाव की परंपरा पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने तोड़ी थी। अब इसका खामियाजा तो कांग्रेस को भुगतना पड़ेगा। शर्मा ने स्पष्ट किया कि उपाध्यक्ष का पद कांग्रेस को नहीं दिया जाएगा।