MP के छतरपुर में बोरवेल में 13 फीट नीचे फंसी बच्ची को बचाया,

10 घंटे बाद मिली कामयाबी

छतरपुर। मध्यप्रदेश के छतरपुर में 80 फीट गहरे बोरवेल में गिरी 15 महीने की दिव्यांशी को आखिरकार 10 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सुरक्षित निकाल लिया गया। बोरवेल में 13 फीट नीचे गहराई में फंसी दिव्यांशी को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन गुरुवार दोपहर 3.30 बजे से रात 12.47 बजे तक चला। उसे निकालने के लिए पुलिस, SDERF के साथ ही सेना के जवान बिना रुके लगातार कोशिश करते रहे। आखिरकार मेहनत रंग लाई और बोरवेल से दिव्यांशी को बाहर निकाल लिया गया। दिव्यांशी को बाहर आता देख वहां मौजूद भीड़ चिल्लाई- दिव्यांशी तुम जीत गई। मां की आंखों में खुशी के आसूं छलक आए। हादसा छतरपुर में गुरुवार दोपहर को हुआ, जब दौनी नौगांव में 15 महीने की दिव्यांशी कुशवाहा अपने ही खेत पर खुले पड़े बोरवेल में गिर गई। हादसा दोपहर एक बजे हुआ, जब वह मां रामसखी और अपनी दो बड़ी बहनों के साथ खेत पर गई थी। मां खेत में पानी लगाने लगी और तीनों बच्चे खेलने में लग गए। खेलते-खेलते बच्ची बोरवेल में गिर गई। दोपहर 3.30 बजे तक प्रशासन ने आकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कराया। कलेक्टर और SP समेत तमाम अफसर मौके पर पहुंच गए। SDERF के साथ ही सेना की मदद ली गई और रेस्क्यू ऑपरेशन कामयाब रहा।
SDERF ने रेस्क्यू शुरू किया, सेना को भी बुलाया
मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने SDERF (स्टेट डिजास्टर इमरजेंसी रिस्पॉन्स फोर्स) के दल को ग्वालियर से बुलाया। नौंगाव छावनी में संदेश भिजवाकर आर्मी से मदद ली गई। साथ ही होमगार्ड छतरपुर की टीम भी घटनास्थल पर पहुंची। रेस्क्यू टीम ने बोरवेल से करीब 10 फीट की दूरी पर समानांतर गड्ढा खोदना शुरू किया। यह काम शाम साढ़े 7 बजे तक चला।टीम ने करीब 18 फीट गहरा गड्ढा खोदा। इसके बाद बच्ची के पास जाने के लिए सुरंग बनाने का काम शुरू हुआ। करीब 4 फीट तक तो पहले ड्रिल मशीन के जरिए खुदाई की गई। इसके बाद मिट्‌टी धंसने के डर से कुदाल और हाथ से मिट्टी को हटाने का काम शुरू किया गया, जो रात करीब 9 बजे तक चला।
रेस्क्यू टीम को फिर से करनी पड़ी खुदाई
रात साढ़े 9 बजे टीम को लगा कि टनल की दिशा गलत हो रही। इसके चलते टीम ने फिर से सही दिशा में खुदाई शुरू की। रात करीब 12:47 बजे तक टीम बच्ची के पास पहुंच गई और उसे सुरक्षित बाहर निकाल लिया। इस दौरान बच्ची को सुरक्षित रखने के लिए लगातार ऑक्सीजन की सप्लाई जारी रखी गई। इसके अलावा मां से बात करवाने के साथ ही उस पर कैमरे से नजर भी रखी जा रही थी।
मां ने बात की तो बेटी ने जवाब दिया
मां रामसखी ने बताया कि तीनों बेटियों को लेकर खेत पर गई थी। करीब साढ़े 3 बजे छोटी बेटी बोरवेल में गिर गई। मैं बोरवेल के पास पहुंची तो उसके रोने की आवाज सुनाई दी। इसके बाद मैंने तत्काल आसपास वालों को बताया। सरपंच को भी फोन करवाया। उन्होंने पुलिस सहित अन्य सभी को कॉल किया। रेस्क्यू के दौरान मैंने बेटी से बात की। मैंने कहा- दिव्यांशी तू अच्छी है ना तो उसने कहा- मम्मी आ जाओ।
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