सिरोंज। विदिशा में बोरवेल में गिरी ढाई साल की बच्ची को नहीं बचाया जा सका। 8 घंटे चले रेस्क्यू के बाद उसे बाहर निकाला गया। फिर एंबुलेंस से सिरोंज के अस्पताल भेजा गया। जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।डॉक्टर सुरेश अग्रवाल ने बताया कि बच्ची की मौत अस्पताल लाने के 3-4 घंटे पहले ही हो चुकी थी। जब बच्ची को बाहर निकाला तो उसके हाथ पैर में अकड़न आ चुकी थी। सामान्य तौर पर किसी की मौत के बाद ऐसा 10-12 घंटे में होता है, लेकिन गीली मिट्टी की वजह से बच्ची की मौत के बाद उसकी बॉडी में अकड़न आ गई। इससे ऐसा माना जा रहा है कि बच्ची की मौत बोरवेल के अंदर ही हो चुकी थी।घटना जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर सिरोंज-कुरवाई रोड पर कजरी बरखेड़ा गांव की है। बच्ची अपने घर के आंगन में ही बने करीब 15 फीट गहरे बोरवेल में गिर गई थी। वह 13 फीट पर फंसी थी। घरवालों की सूचना पर पुलिस, प्रशासन के साथ ही एसडीईआरएफ और एनडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंच गई।जेसीबी और पोकलेन की मदद से बोरवेल के पैरेलल गड्डा खोदा गया। फिर सुरंग बनाकर बच्ची तक पहुंचा गया। इस दौरान डॉक्टर को बोरवेल के पैरेलल खोदे गड्ढे में भेजा गया था। डॉक्टर ने वहीं पर बच्ची की प्राथमिक जांच भी की। बारिश के कारण रेस्क्यू में परेशानी भी आई। हालांकि तिरपाल ढंक कर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रखा था।बच्ची के पिता इंदर सिंह ने बताया कि बेटी अस्मिता सुबह 10 बजे घर के आंगन में खेल रही थी, तभी बोरवेल में गिर गई। इंदर सिंह ने बताया कि कुछ बोलने पर अंदर से बच्ची जवाब भी दे रही थी।अस्मिता इसी बोरवेल के पास आंगन में खेल रही थी। विदिशा एसपी दीपक शुक्ला ने बताया कि हमारी पहली प्राथमिकता बच्ची को रेस्क्यू कर बाहर निकालना था। मामले में जांच की जाएगी। इसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
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