कर्नाटक-हरियाणा के थे दोनों मरीज, देश में अब तक 90 केस
नई दिल्ली । देश में कोविड की तरह फैल रहे H3N2 इन्फ्लूएंजा से पहली बार मौतों की खबर सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट्स में हेल्थ मिनिस्ट्री के सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि हरियाणा और कर्नाटक में इन्फ्लुएंजा के एक-एक मरीजों की मौत हुई है। देश में अभी तक H3N2 के 90 केस सामने आए हैं।कर्नाटक के केस की जानकारी सामने आई है। मृतक का नाम हीरा गौड़ा है और उम्र 82 साल है। जिला स्वास्थ्य अधिकारी के मुताबिक, हीरा की एक मार्च को मौत हुई थी। वह डायबिटीज और हाइपरटेंशन का मरीज था। जांच के दौरान उनका सैंपल लिया गया था। 6 मार्च को सामने आया कि वह H3N2 से संक्रमित था।उधर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने शुक्रवार को देश में H3N2 इन्फ्लुएंजा वायरस के बढ़ते मामलों की समीक्षा के लिए बैठक बुलाई। इस दौरान उन्होंने राज्यों को अलर्ट रहने और स्थिति की बारीकी से निगरानी करने के लिए एडवाइजरी जारी की। मांडविया ने बताया कि सरकार स्थिति से निपटने के लिए राज्यों के साथ काम कर रही है। शनिवार को H3N2 और सीजनल इन्फ्लूएंजा को लेकर नीति आयोग बैठक करेगा।
स्वास्थ्य विभाग बोला- वायरस से नहीं कैंसर से मरा जींद का व्यक्ति
इस वायरस से मरने वाला हरियाणा में जींद जिले का रहने वाला है। जींद की सिविल सर्जन डॉ. मंजू कादियान ने बताया कि मरने वाले व्यक्ति को फेफड़ों का कैंसर भी था। उसकी मौत H3N2 वायरस से नहीं बल्कि कैंसर से हुई है। स्वास्थ्य विभाग उसके परिवार के सभी सदस्यों के सैंपल जांच के लिए भिजवा रहा है।स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंचने से पहले ही परिवार ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया था। परिवार से जब मृतक के इलाज से जुड़े कागजात मांगे गए तो परिवार ने कहा कि शव के साथ ही उन्होंने मेडिकल से जुड़ा सारा रिकॉर्ड भी जला दिया।
इस वायरस से मरने वाला हरियाणा में जींद जिले का रहने वाला है। जींद की सिविल सर्जन डॉ. मंजू कादियान ने बताया कि मरने वाले व्यक्ति को फेफड़ों का कैंसर भी था। उसकी मौत H3N2 वायरस से नहीं बल्कि कैंसर से हुई है। स्वास्थ्य विभाग उसके परिवार के सभी सदस्यों के सैंपल जांच के लिए भिजवा रहा है।स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंचने से पहले ही परिवार ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया था। परिवार से जब मृतक के इलाज से जुड़े कागजात मांगे गए तो परिवार ने कहा कि शव के साथ ही उन्होंने मेडिकल से जुड़ा सारा रिकॉर्ड भी जला दिया।
पूर्व एम्स निदेशक बोले थे- बुजुर्गों को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत
एम्स के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने पिछले दिनों H3N2 इन्फ्लूएंजा से लोगों को सावधान रहने की अपील की थी। उन्होंने कहा कि यह कोरोना के जैसे ही फैलता है। इससे बचने के लिए मास्क पहनें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और बार-बार हाथ धोते रहें। बुजुर्गों और पहले से ही किसी बीमारी से परेशान लोगों को इससे ज्यादा परेशानी हो सकती है।
एम्स के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने पिछले दिनों H3N2 इन्फ्लूएंजा से लोगों को सावधान रहने की अपील की थी। उन्होंने कहा कि यह कोरोना के जैसे ही फैलता है। इससे बचने के लिए मास्क पहनें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और बार-बार हाथ धोते रहें। बुजुर्गों और पहले से ही किसी बीमारी से परेशान लोगों को इससे ज्यादा परेशानी हो सकती है।
राजस्थान में बढ़े केस; 12-15 दिन तक नहीं जा रही खांसी
राजस्थान में H3N2 के कई केस सामने आ रहे हैं। इसकी चपेट में सबसे ज्यादा बच्चे हैं। इन्हें ठीक होने में 10 से 12 दिन का समय लग रहा है। बच्चों को ICU तक में भर्ती करना पड़ रहा है। एसएमएस मेडिकल कॉलेज,जयपुर में जनरल मेडिसिन डिपार्टमेंट के सीनियर प्रोफेसर डॉ. पुनीत सक्सेना ने बताया कि यहां OPD में हर तीसरा-चौथा मरीज तेज खांसी-बुखार की शिकायत लेकर आ रहा है।उन्होंने कहा कि ज्यादातर मामले H3N2 के अलावा इससे मिलने अपर रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (URI), एडिनोवायरस, पैरा इन्फ्लूएंजा वायरस के हैं। ये वायरस मौसम में बदलाव के साथ एक्टिव होता है और तेजी से फैलता है। इसमें बुखार सामान्यत: 3-4 दिन रहता है, लेकिन कुछ केस में 6-7 दिन में भी बुखार ठीक नहीं हो रहा।
राजस्थान में H3N2 के कई केस सामने आ रहे हैं। इसकी चपेट में सबसे ज्यादा बच्चे हैं। इन्हें ठीक होने में 10 से 12 दिन का समय लग रहा है। बच्चों को ICU तक में भर्ती करना पड़ रहा है। एसएमएस मेडिकल कॉलेज,जयपुर में जनरल मेडिसिन डिपार्टमेंट के सीनियर प्रोफेसर डॉ. पुनीत सक्सेना ने बताया कि यहां OPD में हर तीसरा-चौथा मरीज तेज खांसी-बुखार की शिकायत लेकर आ रहा है।उन्होंने कहा कि ज्यादातर मामले H3N2 के अलावा इससे मिलने अपर रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (URI), एडिनोवायरस, पैरा इन्फ्लूएंजा वायरस के हैं। ये वायरस मौसम में बदलाव के साथ एक्टिव होता है और तेजी से फैलता है। इसमें बुखार सामान्यत: 3-4 दिन रहता है, लेकिन कुछ केस में 6-7 दिन में भी बुखार ठीक नहीं हो रहा।
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