मोदी ने नए संसद भवन का भूमिपूजन किया, कहा- लोकतंत्र जीवन का मंत्र और व्यवस्था का तंत्र
सर्वधर्म प्रार्थना हुई
भूमिपूजन में हर धर्म के लोगों से प्रार्थना कराई गई। कार्यक्रम में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला समेत कई नेता मौजूद थे।भूमिपूजन में हर धर्म के प्रतिनिधि मौजूद थे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने प्रधानमंत्री को भूमिपूजन का बाकायदा न्योता दिया था। उन्होंने यह भी कहा था कि 2022 में देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर हम नए संसद भवन में दोनों सदनों के सेशन की शुरुआत करेंगे। नया संसद भवन सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का हिस्सा है।
टाटा को मिली जिम्मेदारी
अधिकारियों ने सितंबर में बताया था कि नए भवन को त्रिकोण (ट्राएंगल) के आकार में डिजाइन किया गया है। इसे मौजूदा परिसर के पास ही बनाया जाएगा। इस पर 861.90 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसे बनाने का जिम्मा टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को मिला है।
पुरानी पार्लियामेंट लुटियंस ने डिजाइन की थी
मौजूदा संसद भवन एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर ने डिजाइन किया था। उन्होंने नई दिल्ली का कंस्ट्रक्शन और प्लानिंग भी की थी। गोल आकार में बना संसद भवन भारत की सबसे बेहतरीन इमारतों में शुमार है। इसके सामने महात्मा गांधी की प्रतिमा बनी है।
यह है सेंट्रल विस्टा का मास्टर प्लान
- सरकार ने राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट के बीच नई इमारतें बनाने के लिए सेंट्रल विस्टा का मास्टर प्लान तैयार किया है।
- इसी इलाके में सेंट्रल सेक्रेटेरिएट के लिए 10 बिल्डिंग बनाई जाएंगी। राष्ट्रपति भवन, मौजूदा संसद भवन, इंडिया गेट और राष्ट्रीय अभिलेखागार की इमारत को वैसा ही रखा जाएगा।
- सेंट्रल विस्टा के मास्टर प्लान के मुताबिक, पुराने संसद भवन के सामने गांधीजी की प्रतिमा के पीछे नया तिकोना संसद भवन बनेगा।
- इसमें लोकसभा और राज्यसभा के लिए एक-एक इमारत होगी, लेकिन सेंट्रल हॉल नहीं बनेगा। यह इमारत 13 एकड़ जमीन पर तैयार होगी।