9 हफ्तों में कोरोना के कारण भारत बना मौतगाह

देश में हर दिन औसतन 4,800 लोगों की हो रही है मौत
नई दिल्ली। अब तक देश में 2.22 लाख से अधिक लोगों को मौत की नींद सुलाने वाला कोरोना संक्रमण दिन पर दिन घातक होता जा रहा है। देश में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 2 करोड़ के पार हो गया है। पिछले 24 घंटे के अंदर देश में 3 लाख 55 हजार 680 लोग संक्रमित पाए गए हैं। उधर, इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन (आईएचएमई) ने दावा किया है कि पिछले 9 हफ्तों के दौरान कोरोना के कारण भारत मौतगाह बन गया है। पिछले 9 सप्ताह में 26 वें स्थान से पहले स्थान पर पहुंच चुका है। कोविड-19 से मरने वालों का आंकड़ा प्रति दस लाख लोगों की आबादी पर 4 से ज्यादा हो गया है। इस तरह देश में कुल 11 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश ऐसे हैं, जहां कोविड-19 से होने वाली मौतों में इतनी वृद्धि दर्ज की गई है। आईएचएमई के अनुमान के अनुसार 9 हफ्तों में ही स्थिति इतनी खराब हो गई है कि कोविड-19 महामारी भारत में मृत्यु का पहला सबसे बड़ा कारण बनकर उभरी है। यदि 26 अप्रैल 2021 को जारी आंकड़ों को देखें तो कोविड-19 के कारण हर दिन औसतन 4,800 लोगों की मौत हो रही है, जिसका मतलब है कि इसके कारण प्रति सप्ताह 33,460 लोगों की जान जा रही है। वहीं एक सप्ताह पहले इससे हर रोज 2,700 लोगों के मरने की जानकारी सामने आई थी। यही वजह थी कि यह महामारी ह्रदय रोग को पीछे छोड़ अब पहले स्थान पर पहुंच गई है।
महामारी सबसे बड़ी हत्यारिन
22 फरवरी को इस महामारी के कारण हर रोज औसतन 180 लोगों की जान गई थी जिसका मतलब है कि एक सप्ताह में कोरोना महामारी ने 1,273 लोगों की जान ली थी, तब यह महामारी देश में मृत्यु के लिए जिम्मेदार कारकों में 26 वें स्थान पर थी, जबकि अगले 8 सप्ताह के अंदर 19 अप्रैल तक यह दूसरे स्थान पर पहुंच गई थी। वहीं यदि आईएचएमई द्वारा जारी हालिया अनुमानों को देखें तो यह महामारी सबसे बड़ी हत्यारिन बन चुकी है, जिसे शीर्ष पर पहुंचने में सिर्फ एक सप्ताह का समय लगा। यदि भारत में होने वाली मौतों के लिए जिम्मेदार अन्य प्रमुख कारणों को देखें तो उनमें ह्रदय रोग दूसरे, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) तीसरे, स्ट्रोक, चौथे स्थान पर, डायरिया संबंधी बीमारियां पांचवे, शिशु सम्बन्धी विकार छठे, सांस से जुड़े संक्रमण सातवें, तपेदिक आठवां, डायबिटीज मेलिटस नौवें और लीवर संबधी बीमारियां जिनमें सिरोसिस भी शामिल है, दसवें स्थान पर थे।
6 और राज्यों में बढ़ी मृत्यु दर
19 अप्रैल तक पांच राज्यों छत्तीसगढ़, दिल्ली, गोवा, महाराष्ट्र और उत्तराखंड में कोविड-19 से मरने वालों का आंकड़ा दस लाख लोगों पर चार से ज्यादा था। लेकिन 6 और राज्यों हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, झारखंड और कर्नाटक ने भी पुष्टि की है कि वहां कोविड-19 से होने वाली मौतों में वृद्धि दर्ज की गई है। इस तरह अब कुल 11 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में प्रति दस लाख लोगों पर कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा चार से ज्यादा है। वहीं 12 अप्रैल से छत्तीसगढ़, दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तराखंड और गोवा में स्थिति लगातार बिगड़ रही है। 26 अप्रैल तक, इन राज्यों में कोविड-19 से होने वाली दैनिक मृत्यु दर प्रति दस लाख पर 8 से ज्यादा हो चुकी है।
एक हफ्ते में 41 प्रतिशत मौतें बढ़ीं
सोमवार को देश में 3436 लोगों की संक्रमण के चलते मौत हो गई। ये लगातार 6वां दिन था जब 3 हजार से ज्यादा लोगों ने जान गंवाई है। पूरे हफ्ते के आंकड़ों पर नजर डालें तो इस हफ्ते मौतों की संख्या में 41 प्रतिशत का इजाफा दर्ज हुआ है। इस दौरान 24 हजार 503 मरीजों की मौत हुई है। हालात ये है कि देश की राजधानी दिल्ली में हर 3 मिनट में एक मौत हो रही है। यहां सोमवार को 448 लोगों ने जान गंवा दी। दुनिया के टॉप-10 देशों से तुलना करें तो भारत के अलावा तुर्की, अर्जेंटीना, जर्मनी और कोलंबिया में ही मौतों के आंकड़ों में इजाफा देखने को मिला है। बाकी अमेरिका, ब्राजील, फ्रांस, ईरान जैसे देशों में पिछले हफ्ते के मुकाबले इसमें गिरावट दर्ज हुई है।
अप्रैल में अंतिम 10 दिनों में मौतें
दिनांक मौत
21 अप्रैल 2,104
22 अप्रैल 2,263
23 अप्रैल 2,624
24 अप्रैल 2,767
25 अप्रैल 2,812
26 अप्रैल 2,771
27 अप्रैल 3,293
28 अप्रैल 3,645
29 अप्रैल 3,498
30 अप्रैल 3,449
आंध्र प्रदेश में मिला कोरोना का नया स्ट्रेन
मौजूदा वायरस से 15 गुना ज्यादा खतरनाक, 3-4 दिन में ही ऑक्सीजन लेवल पर बुरा असर डालता है आंध्र प्रदेश में कोरोना का नया स्ट्रेन मिला है। इसे एपी स्ट्रेन और एन440के नाम दिया गया है। सेंटर फॉर सेल्यूलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी के वैज्ञानिकों ने बताया कि ये भारत में मौजूदा स्ट्रेन के मुकाबले 15 गुना ज्यादा खतरनाक है। इससे संक्रमित होने वाले मरीज 3-4 दिनों में हाइपोक्सिया या डिस्पनिया के शिकार हो जाते हैं। मतलब मरीज के फेफड़े तक सांस पहुंचना बंद हो जाती है। सही समय पर इलाज और ऑक्सीजन सपोर्ट नहीं मिला तो मरीज की मौत हो जाती है। भारत में इन दिनों इसी के चलते ज्यादातर मरीजों की मौत हो रही है।
कुरनूल में हुई पहचान, तेजी से फैल रहा
वैज्ञानिको के मुताबिक, सबसे पहले इसकी पहचान आंध्र प्रदेश के कुरनूल में हुई। ये आम लोगों के बीच काफी तेजी से फैलता है। सबसे चिंता की बात है कि इस वैरिएंट के आगे अच्छे इम्यूनिटी वाले लोग भी फेल हो जा रहे हैं। मतलब ये ऐसे लोगों को भी नहीं छोड़ रहा जिनकी इम्यूनिटी मजबूत है। इस नए स्ट्रेन के चलते लोगों के शरीर में साइटोकाइन स्टॉर्म की समस्या आती है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, ये स्ट्रेन युवाओं और बच्चों पर तेजी से हावी हो रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक, अगर समय रहते इसके चेन को तोड़ा नहीं गया तो कोरोना की ये दूसरी लहर और भी ज्यादा भयावह हो सकती है। ये मौजूदा स्ट्रेन बी1617 और बी117 से कहीं ज्यादा खतरनाक है।

Advertisements
Advertisements

4 thoughts on “9 हफ्तों में कोरोना के कारण भारत बना मौतगाह

  1. Your design and style is so unique compared to other people I’ve browse things from.Lots of thanks for publishing any time you’ve acquired The chance, Guess Iwill just bookmark this site.

  2. You will be so brilliant! I don’t suppose I’ve read through just one thing such as this right before. So nice to find An additional particular person that has a couple of authentic ideas on this situation. Critically.. many thanks for commencing this up. This Web-site is another thing that is necessary over the internet, a person with a few originality!

  3. Place on with this particular publish-up, I truly think that this Site needs a lot more interest. I’ll probably be returning to browse far more, thanks for the information!

  4. An excellent share! I’ve just forwarded this on to a colleague who was conducting a little investigate on this. And he the truth is purchased me supper just because I discovered it for him… lol. So let me reword this…. Thank YOU for the food!! But yeah, many thanks for expending a while to discuss this subject matter below on the Net web-site.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *