9 साल की बच्ची से रेप-मर्डर मामला में फूफा को फांसी

कोर्ट ने 3 महीने में सुनाया फैसला, कहा- समाज में सख्त संदेश जाना जरूरी

नर्मदापुरम/इटारसी। नर्मदापुरम में 9 साल की बच्ची के रेप और मर्डर के दोषी फूफा को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। इटारसी कोर्ट ने 3 महीने में यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने सजा सुनाते हुए कहा कि यह बहुत ही कम उम्र की पीड़िता के साथ किया गया कृत्य है। समाज को सख्त संदेश जाना चाहिए। ताकि इस प्रकार का कृत्य समाज में दोबारा न हो।केसला थाने के प्रभारी रहे गौरव बुंदेला ने इस केस में सिर्फ 10 दिन में चालान कोर्ट में पेश कर दिया था। वहीं आरोपी को किसी तरह की रियायत नहीं मिले, इसके लिए भी बहुत से सबूत जुटाए थे। पुलिस की यही तत्परता दोषी को सजा दिलाने में मददगार बनी।नर्मदापुरम के केसला गांव में 18 नवंबर 2022 को बच्ची के फूफा ने ही दुष्कर्म के बाद गला दबाकर उसकी हत्या कर दी थी। दोषी 22 साल का है। उसने रेप और हत्या के बाद बच्ची का शव जंगल में फेंक दिया था। घटना वाले दिन बच्ची के परिजन काम करने बाहर गए थे। घर पर बच्ची और उसका फूफा ही था। शाम को जब परिवार के लोग लौटे तो बच्ची नहीं दिखी। बच्ची को आसपास खोजा, लेकिन कामयाबी नहीं मिली तो देर शाम थाने जाकर शिकायत की। पुलिस ने छानबीन की तो पड़ोसियों से पता चला कि बच्ची को फूफा के साथ जाते हुए देखा था।
अर्धनग्न अवस्था में मिली थी लाश
खबर मिलने के बाद देर रात 11 बजे SP डॉ. गुरकरन सिंह भी मौके पर पहुंचे थे। आरोपी नशे में होने से स्पष्ट नहीं बता पा रहा था कि किस स्थान पर बच्ची को फेंका है। वह पुलिस को गुमराह करता रहा। SP ने SDOP, 5 निरीक्षक स्तर के अधिकारी, करीब 70 पुलिसकर्मी और FSL टीम के साथ ताकू प्रूफ रेंज के जंगल में सर्चिंग शुरू की। इमरजेंसी लाइट में पुलिस ने करीब 5 घंटे सर्च की। तभी जंगल में पुलिस को बच्ची का शव अर्धनग्न हालत में मिला। बच्ची के चेहरे पर कपड़ा ढंका था। बच्ची घर में बड़ी थी। उससे छोटा भाई है। वह क्लास 4th की छात्रा थी।
बच्ची के मां-बाप को 5-5 लाख रु. देने के भी आदेश
डीपीओ राजकुमार नेमा ने बताया, पुलिस ने इस मामले में शुरू से ही गंभीरता से जांच की और सबूत जुटाए। साइंटिफिक एविडेंस और परिस्थिति के आधार पर कोर्ट में चालान पेश हुआ। अभियोजन ने पूरी मेहनत से जितने भी सबूत थे, उन्हें पेश कराया। 34 गवाही हुईं। पॉक्सो, रेप, मर्डर… इन सभी धाराओं में कोर्ट ने अपराध को सिद्ध पाते हुए दोषी को फांसी की सजा सुनाई। 26 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। बच्ची के मां-बाप को भी कोर्ट ने प्रतिकर के रूप में 5-5 लाख रुपए देने का आदेश दिया है।
दोषी की पत्नी ने कहा था- फांसी की सजा हो
मृतक की बुआ और दोषी की पत्नी ने कहा था, जिस इंसान ने मेरे साथ 7 फेरे लिए। उसने मेरे मायके आकर मेरी देवी स्वरूप भतीजी के साथ ऐसी नीच हरकत की। उसने थाने में खुद को पहले शादीशुदा नहीं होना बताया। क्या पता जेल से छूटने के बाद मेरे साथ या किसी और बच्ची के साथ ऐसा ही करे। मुझे नहीं पता था कि वह इस तरह की दरिंदगी कर सकता है। वह मेरा पति जरूर है, लेकिन मैं चाहती हूं कि उसे फांसी की सजा दी जाए।
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