कोरोना के दहशत की वजह से 135 स्कूलों मे पहुंच रहे सिर्फ 5410 छात्र
उमरिया। कोरोना संक्रमण के बीच शासन के निर्देश पर जिले सरकारी स्कूलों मे मार्गदर्शन कक्षायें प्रारंभ कर दी गई हैं, परंतु महामारी का खौफ अभिभावकों मे साफ तौर पर दिखाई दे रहा है। यही कारण है कि अब तक मात्र 15 प्रतिशत पालकों ने अपने बच्चों को स्कूल भेजने की सहमति प्रदान की है। दरअसल जिले मे 135 हाई और हायर सेकेण्डरी स्कूल हैं। जिनमे 9वीं से 12वीं के 36 हजार 711 बच्चे पढ़ते हैं। मार्गदर्शन क्लास लगाने की छूट मिलने के बाद स्कूल तो खुल गये, लेकिन जो अनुमान लगाये जा रहे थे। उस हिसाब से छात्र कक्षाओं मे नही पहुंचे। एक जानकारी के मुताबिक अभी तक केवल 5 हजार 410 बच्चे ही कक्षाओं मे उपस्थित हुए हैं। जबकि 31 हजार 301 छात्र-छात्राओं को उनके माता-पिता द्वारा स्कूल नही भेजा जा रहा है।
नहीं लेना चाहते जोखिम
जो सरकारी स्कूल मार्गदर्शन क्लास लगा रहे हैं, उनके द्वारा साफ तौर पर निर्देशित किया गया है कि अभिभावकों के बिना लिखित सहमति बच्चों को स्कूलों मे प्रवेश नहीं दिया जायेगा। वहीं कक्षाओं मे मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य होगा। जानकारों का मानना है कि कोई भी अभिभावक अपने बच्चों के लिये जोखिम लेना नहीं चाहते यही कारण है कि वे इसके लिये लिखित सहमति प्रदान नहीं कर रहे हैं।
यह है पूरा आंकड़ा
शिक्षा विभाग द्वारा दी गई जानकारी अनुसार कक्षा 1 से 12वीं तक के बच्चों को ऑनलाईन पढ़ाई कराई जा रही है। आंकड़ों के अनुसार जिले मे कक्षा 1 से 8 तक के 70 हजार 685 तथा कक्षा 9 से 12 तक 36 हजार 711 कुल 1 लाख 7 हजार 396 छात्र-छात्राएं हैं। इनमे से डिजिलैप से जुड़े छात्रों की संख्या 33 हजार 762 है। वहीं टीवी के माध्यम से डिजिलैप से जुड़े 19 हजार 991 तथा रेडियो के माध्यम से जुड़े 5 हजार 572 छात्र हैं। स्कूलों मे मार्गदर्शन प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या 5 हजार 410 और मोहल्ला कक्षा के माध्यम से जुड़े बच्चे 67 हजार 295 है। जबकि 3 हजार 291 छात्रों के पास कोई साधन नही है।
चल रही हैं मार्गदर्शन क्लास
हाईस्कूल और हायर सेकेण्डरी स्कूलों मे शिक्षारत 5 हजार 410 विद्याथियों के अभिभावकों ने सहमति पत्र दिये गये हैं। जिले मे मार्गदर्शन क्लास चल रही है। जहां अपने डाउट क्लियर करने के लिए बच्चे आ रहे हैं। स्कूलों मे कोरोना से बचाव के सभी इंतजाम किये गये हैं। साथ ही बच्चों को कोरोना से जागरूकता की शपथ भी दिलाई जा रही है।
उमेश धुर्वे
जिला शिक्षा अधिकारी, उमरिया
85 प्रतिशत पालकों ने नहीं दी सहमति
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