नई दिल्ली। देशभर में प्रकृति की मार मौत बनकर टूटी है। मैदानी राज्यों से लेकर पहाड़ी राज्यों में बादल फटने से भारी बारिश और बिजली गिरने से 68 से अधिक लोगों की मौत हुई है। सर्वाधिक 42 मौत उप्र में हुई, जबकि हिमाचल प्रदेश में 19, उत्तराखंड में 6 और जम्मू-कश्मीर में 8 लोगों की मौत हुई है। उप्र में बिजली गिरने से 17, डूबने से 12 और अतिवृष्टि से 5 लोगों की मौत हुई है। यहां बागपत, इटावा, आगरा, बलिया, जालौन, कानपुर, कन्नौज, गाजीपुर, मैनपुरी में मौत का समाचार मिला है। उप्र के बाद हिमाचल प्रदेश में सर्वाधिक मौत हुई है। यहां लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन के चलते 15 लोगों की मौत का समाचार है। जम्मू-कश्मीर के डोडा में भारी बारिश के चलते पांच लोगों की मौत हुई है, वहीं दिल्ली और एनसीआर में हो रही रिकार्डतोड़ बारिश के बीच पांच से अधिक लोगों की जानें जा चुकी हैं। यहां 50 हजार लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेजा गया। असम में ब्रह्मपुत्र सहित सभी सहायक नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। हिमाचल में भारी बारिश से प्रारंभिक अनुमान के अनुसार 3,000 से लेकर 4,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री ने नुकसान का सही आकलन करने के लिए राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता वाली समिति को शीघ्र बैठक बुलाने के निर्देश दिए।
यूपी, मप्र, राजस्थान, दिल्ली समेत उत्तर भारत के सात राज्यों में जमकर बारिश हो रही है। बारिश का असर यह है कि हिमाचल प्रदेश में कई मंदिर डूब गए हैं। नदी किनारे बनीं बिल्डिंगें भरभराकर गिर गई हैं। लगभग सभी प्रमुख नदियां उफान पर हैं। पूल टूट गए हैं और सडक़ों पर पानी भरा है। पिछले 24 घंटे में सात राज्यों में लैंडस्लाइड और बाढ़ की अलग-अलग घटनाओं में 68 मौतें हुई हैं। मनाली में बारिश का 52 साल का रिकॉर्ड टूटा है। हिमाचल ष्टरू ने लोगों से अगले 24 घंटे घर में रहने को कहा है। प्रदेश में कई नदी-नहरें खतरे के निशान से ऊपर हैं। 2 जगह बादल फटा है। दिल्ली में यमुना नदी का वॉटर लेवल खतरे के निशान के पार है। सीएम केजरीवाल ने कहा – हमारा सिस्टम ऐसी बारिश के लिए नहीं बना। इस समय सभी राज्यों को साथ मिलकर काम करना है। देश की कुल बारिश अब सामान्य से अधिक हो गई है। 9 जुलाई तक सामान्य बारिश 239 मिमी होती थी। अब आंकड़ा इसे पार कर 243 मिमी हो गया है, जो 2 प्रतिशत ज्यादा है।
पीएम मोदी ने स्थिति का लिया जायजा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों से भारत के विभिन्न हिस्सों में अत्याधिक बारिश से पैदा हुई स्थिति की समीक्षा की। प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक ट्वीट में यह जानकारी दी। पीएमओ ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों से बात की और भारत के कुछ हिस्सों में अत्याधिक वर्षा के मद्देनजर पैदा हुई स्थिति की समीक्षा की। स्थानीय प्रशासन, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें प्रभावित लोगों की कुशल-क्षेम सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही हैं।
कटनी, खरगोन में नदी-नाले उफने
बंगाल की खाड़ी से बनी नमी के चलते मप्र में जोरदार बारिश हो रही है। प्रदेश के 19 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट किया गया है। यहां बीते 24 घंटे में कटनी में 9 घंटे पांच इंच बारिश हुई तो वहीं खरगोन में भारी बारिश के चलते नदी-नाले उफान पर हैं। कटनी के बाद रीवा में रिकार्ड चार इंच बारिश दर्ज की गई है। उधर ग्वालियर, सिवनी, मंडला, जबलपुर, पचमढ़ी, छिंदवाड़ा, दतिया में भारी बारिश के चलते नदी-नाले उफान पर हंै। प्रदेश के कई शहर और गांवों में भीषण वर्षा का दौर जारी है, वहीं कुछ शहर ऐसे हैं, जहां अब भी वर्षा का इंतजार है। इंदौर और इसके आसपास के इलाकों में अभी भी बूंदाबांदी का दौर ही चल रहा है।
नर्मदा का जल स्तर 937.70 हुआ
नर्मदापुरम जिले से खबर है कि यहां सोमवार सुबह हल्की बूंदाबादी हुई। तापमान में भी लगातार गिरावट का दौर जारी है। नर्मदापुरम जिले में 1 जून से 9 जुलाई तक 194.1 मिमी बारिश दर्ज की गई है। नर्मदा नदी के जल स्तर रविवार को 937.70 रिकार्ड किया गया। यह स्तर लगातार बढ़ रहा है और आने वाले एक दो दिन में जल स्तर और बढऩे की आशंका जताई गई है, क्योंकि जबलपुर में भेड़ाघाट में अचानक नर्मदा का जल स्तर बढ़ गया था। अब दो दिन में यह पानी नर्मदापुरम तक पहुंच जाएगा।
जबलपुर में अचानक आई बाढ
रविवार शाम को भेड़ाघाट स्थित नर्मदा नदी में अचानक जल स्तर बढ़ गया और मछली पकडऩे गए चार युवक चट्टानों के बीच फंस गए। उन्हें बचाने के काफी प्रयास किए गए, लेकिन रात हो जाने के कारण रेस्क्यू आपरेशन रोक दिया गया। सोमवार को सुबह दिन के उजाले में उन्हें सुरक्षित निकाल लिया गया। बताया गया कि चार युवक गोपालपुर में बने टापू पर मछली पकड़ रहे थे। जलस्तर बढऩे पर उन्होंने मदद के लिए आवाज लगाई। उनकी आवाज सुन वहां से गुजर ने लोगों ने भेड़ाघाट पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने स्थानीय नाविकों और गोताखोंरों की मदद से युवकों को निकालने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। तब प्रशासन और एसडीआरएफ की टीम को जानकारी दी गई। एसडीएम और तहसीलदार समेत कई प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए। अंधेरा होने के कारण रेस्क्यू में पेरशानी हो रही थी। घाट से टॉर्च के जरिए टापू पर फंसे युवकों को रोशनी दिखाई जा रही थी। एसडीआरएफ की टीम मोटर बोट और गोताखोरो के साथ मौके पर पहुंची। होमगार्ड के जवान बोट से टापू के लिए रवाना हुए, लेकिन बहाव तेज होने के कारण वे घाट पर लौट आए। नर्मदा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा था। ऐसे में ड्रोन के जरिए टापू पर फंसे युवकों तक लाइफ जैकेट पहुंचाई गई। रेस्क्यू टीम ने ड्रोन के जरिए दो बार रस्सी पहुंचाने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। रात 10.30 बजे तक युवकों का रेस्क्यू नहीं हो सका था। सोमवार सुबह फिर शुरू हुए रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।
थांवर नदी का पुल डूबा, मंडला-सिवनी मार्ग रहा बंद
शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में जहां रूक-रूककर हल्की मध्यम बारिश हो रही है, वहीं जंगलों में मूसलाधार बारिश का दौर चल रहा है। सोमवार को भी जिले में सुबह से बारिश का दौर शुरू हो गया। रविवार को मंडला जिले सहित डिंडौरी में हो रही बारिश के चलते नर्मदा के जल स्तर में बढ़ोत्तरी हुई है। पिछले 24 घंटों में 106.4 मिमी (4.18 इंच) बारिश दर्ज की गई है। थांवर नदी का पुल डूबने की वजह से मंडला-सिवनी मार्ग बंद हो गया है। जिले में बाढ़ की स्थिति को लेकर प्रशासन अलर्ट हो गया है।