नई दिल्ली। कार्मिक मंत्रालय के अधीन आने वाले कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने एकसाथ दो या उससे ज्यादा जुर्माने की कार्रवाई को लेकर स्पष्ट किया है कि यह नियम 7वें वेतन आयोग के अधीन आने वाले सभी कर्मचारियों पर समान रूप से लागू होगा।
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने 28 अक्तूबर को जारी ऑफिस मेमोरेंडम में कहा है कि जुर्माने की पहली कार्रवाई के दौरान ही दूसरी कार्रवाई को भी लागू किया जा सकता है। विभाग ने कहा है कि सजा सुनाने वाले प्राधिकरणों को अपने आदेश में यह स्पष्ट रूप से लिखना चाहिए कि किसी कर्मचारी पर एक साथ दो जुर्माने की कार्रवाई की जा रही है और दोनों ही सजाएं एकसाथ चलेंगी। इसमें यह बताना होगा कि दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी या फिर एक खत्म हो जाने के बाद दूसरी लागू होगी। इसके अलावा क्या पहले दी गई सजा ही चलेगी या दूसरी सजा उसके ऊपर प्रभावी हो जाएगी।कार्मिक विभाग ने कहा है कि अगर प्राधिकरण अपने आदेश में इसका स्पष्ट उल्लेख नहीं करता है तो दोनों ही सजाएं एकसाथ लागू होंगी और साथ-साथ चलेंगी। इतना ही नहीं अगर बाद में दिया गया आदेश बड़े जुर्माने वाला है तो उसे पहले वाले आदेश के ऊपर भी तत्काल लागू किया जाएगा और उसकी मियाद खत्म होने के बाद यदि पहले वाले आदेश की अवधि बाकी है तो उसे भी पूरा किया जाएगा। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने 7वें वेतन आयोग के तहत सैलरी पाने वाले कर्मचारियों के लिए कई नियमों में बदलाव किया है। इससे पहले सरकार ने सीसीएस (पेंशन) नियम 2021 में भी बदलाव किया है। इसके तहत अगर कोई केंद्रीय कर्मचारी अपने सेवाकाल के दौरान गंभीर अपराध या लापरवाही का दोषी पाया जाता है तो उसकी पेंशन अथवा ग्रेच्युटी या फिर दोनों ही पर रोक लगाई जा सकती है। इस कार्रवाई का अधिकार रखने वाले प्राधिकरण को रिटायर्ड कर्मचारी के पेंशन और ग्रेच्युटी रोकने का अधिकार होगा। केंद्रीय कर्मचारियों के यात्रा भत्ते से जुड़े नियमों में भी बदलाव किया गया है। इसमें कहा गया है कि कर्मचारियों को सीसीएस (लीव ट्रैवल कंसेसन) नियम 1988 के तहत उत्तर-पूर्वी क्षेत्र, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख या अंडमान निकोबार की हवाई यात्रा को लेकर छूट दी जा रही है। इसके तहत केंद्रीय कर्मचारी 25 सितंबर 2024 तक इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे।
7वें वेतन आयोग के नए नियम से बढ़ सकती हैं केंद्रीय कर्मचारियों की मुश्किलें
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