643 प्रत्याशियों की किस्मत ईव्हीएम में बंद

यूपी के 11 जिलो मे 60 फीसदी वोटिंग, सबसे ज्यादा मुजफ्फरनगर और गाजियाबाद मे सबसे कम
लखनऊपश्चिम यूपी की 11 जिलों की 58 सीटों पर वोटिंग पूरी हो गई है। इन सीटों पर कुल 60.31% वोटिंग हुई। सबसे ज्यादा 69.42% शामली और सबसे कम 52.43% गाजियाबाद जिले में वोटिंग हुई। वहीं, अगर विधानसभा की बात करें तो सबसे ज्यादा वोटिंग पलायन मुद्दे से चर्चा में आई शामली की कैराना सीट पर हुई। यहां 75.12 पर वोटिंग हुई। वहीं, गाजियाबाद की साहिबाबाद विधानसभा सीट पर सबसे कम 45% मतदान हुआ।11 जिलों में छिटपुट घटनाओं के बीच 643 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में बंद हो गई है। बागपत, छपरौली और आगरा की एत्मादपुर की सीट पर वोट डालते हुए कई वोटर्स ने अपने वीडियो शेयर किए। इससे चुनाव की गोपनीयता और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हुए हैं। इसके अलावा, कई जगह लोगों ने अपना विरोध दर्ज कराते हुए वोटिंग का बहिष्कार किया। करीब 50 से ज्यादा केंद्रों पर EVM खराब होने से वोटिंग में दिक्कत आई। गुरुवार को शुरुआत में वोटिंग धीमी थी। हालांकि, दिन चढ़ने के साथ ही वोटिंग में तेजी आई। सुबह 9 बजे तक 11 सीटों पर महज 8.01% वोटिंग हुई थी। इसके बाद 11 बजे वोटिंग प्रतिशत 20.03 पर पहुंच गया। दोपहर एक बजे वोटिंग प्रतिशत बढ़कर 35.03%, 3 बजे 48.24% और 5 बजे 57.79% पर पहुंच गया। वहीं, अंतिम आंकड़े आने तक वोटिंग प्रतिशत बढ़कर 60% क्रास कर गया।
11 जिलों में कहां कितना मतदान
जिन 11 जिलों में वोटिंग हुई है, वहां शामली जिले में 69.42% मतदान हुआ। वहीं, गाजियाबाद जिले में सबसे कम 52.43% मतदान हुआ है। सीटों की बात करें तो सबसे ज्यादा कैराना सीट पर 75.12% मतदान हुआ।2017 में किस जिले में कितना मतदान
2017 में शामली जिले में सबसे ज्यादा 67.48% मतदान हुआ था। वहीं, गाजियाबाद जिले में सबसे कम 55.53% मतदान हुआ था। गाजियाबाद के अलावा गौतमबुद्ध नगर जिले में भी 60% से कम मतदान हुआ था। बागपत, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा और आगरा में 60 से 65 फीसदी के भीतर मतदान हुआ था। हापुड़, मेरठ मुजफ्फरनगर और शामली जिलों में 65% से ज्यादा वोटिंग हुई थी।

मणिपुर में विधानसभा चुनाव की तारीखों में बदलाव

मणिपुर में विधानसभा चुनाव की तारीखों में बदलाव कर दिया गया है। इस संबंध में चुनाव आयोग ने गुरुवार को आदेश जारी किया। जानकारी के मुताबिक, मणिपुर में पहले चरण के लिए अब 28 फरवरी को वोट डाले जाएंगे। इससे पहले यहां पहले चरण का मतदान 27 फरवरी को होना था। इसके अलावा मणिपुर में दूसरे चरण के मतदान की तारीख को तीन मार्च से बदलकर पांच मार्च कर दिया है। दरअसल, मणिपुर की 60 सीटों पर दो चरणों में मतदान होने हैं। इसके नतीजे उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और गोवा के विधानसभा चुनाव के परिणामों के साथ 10 मार्च को घोषित किए जाएंगे। पिछली बार मणिपुर में चार मार्च और आठ मार्च को चुनाव हुए थे। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो राजनीतिक दलों और संगठनों ने 27 फरवरी को पहले चरण के विधानसभा चुनाव की तारीख बदलने की मांग की थी। ईसाई संगठनों का कहना था कि रविवार का दिन ईसाई समुदाय का प्रार्थना दिवस होता है। 17 जनवरी को ऑल मणिपुर क्रिश्चियन ऑर्गनाइजेशन (एएमसीओ) के नेताओं ने मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) से तारीख बदलने का अनुरोध किया था। उन्होंने सीईओ मणिपुर को इससे जुड़ा ज्ञापन भी सौंपा था।  मामले में ईसाई धर्म के प्रमुख नेताओं की बैठक गुरुवार को भी हुई। एएमसीओ के अध्यक्ष एस प्राइम वैफेई ने बताया कि बैठक में चुनाव आयोग से पहले चरण के मतदान की तारीख को बदलने की मांग की गई थी और यह भी तय किया गया था कि अगर चुनाव आयोग ने तारीख नहीं बदली तो संगठन अदालत का रुख करेगा। वैफेई ने कहा कि ईसाई समुदाय पीछे नहीं हटेगा। हमारा समुदाय ईसाइयों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए संघर्ष करता रहेगा। दरअसल, मणिपुर की 30 लाख आबादी में ईसाई आबादी 41.29 फीसदी है। यहां 41.39 फीसदी हिंदू हैं और 8.40 फीसदी लोग मुस्लिम हैं।

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