6 मांह तक करते रहे दुष्कर्म
नाबालिग का दैहिक शोषण करने के अपराध मे 20 वर्ष का सश्रम कारावास
बांधवभूमि, उमरिया
नाबालिग किशोरी को घर से उठा कर उसके सांथ 6 मांह तक जबरन दुष्कर्म करने के मामले मे जिले की विशेष न्यायालय ने आरोपी को 20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। यह मामला वर्ष 2019 का है। घटना को पीडि़ता के रिश्तेदारों ने ही अंजाम दिया था। जानकारी के मुताबिक 24 मई 2019 को सुबह पीडि़ता अपने घर मे अकेली थी, इसी दौरान आकाश महोबिया और बादल महोबिया निवासी बरबसपुर सफेद बोलेरो मे वहां आये और लड़की को अपने सांथ ले गये। आरोपी युवती को लेकर उचेहरा से ग्राम घुटकू छत्तीसगढ़ के जंगल पहुंचे, जहां आकाश नामक युवक ने उसे खेत मे बने टीन शेड के कमरे मे बंद कर दिया। वह किसी से संपर्क न कर सके, इसलिये उसका मोबाईल भी तोड़ दिया गया।
बारी-बारी से करते थे दुराचार
युवती ने अपने कथन मे बताया है कि आकाश और बादल बारी-बारी से उसके साथ दुराचार करते, बाद मे कमरे पर ताला जड़ कर चले जाते थे। ताले की चाभियां दोनो के पास थीं। यह कृत्य करीब 6 मांह तक चलता रहा। दोनों आरोपीगण पीडिता को जान से मारने की धमकी देकर कहते थे यदि यहां से भागने की कोशिश की तो जान से मार देंगे। 26 नवंबर 2019 को निस्तार के लिये निकली पीडिता ने एक बुजुर्ग के फोन पर अपनी मां से संपर्क किया और पूरी कहानी सुना दी। यह जानकारी मिलते ही 27 नवंबर को किशोरी के पिता, मां, मामा और मौसी मौके पर पहुंच गये। जिन्हे देख कर आकाश और बादल भाग खड़े हुए। जिसके बाद युवती अपने घर आ गई ।
दो न्यायालयों मे प्रस्तुत हुए अभियोग पत्र
पीडि़ता की शिकायत पर थाना कोतवाली पुलिस ने आरोपीगण के विरूद्ध धारा 376, 376डी, 363, 344, 376(2)(एन)व 506 भादंसं के अलावा धारा 5एल, 6 व 3,4 तथा 5जी लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 का अपराध दर्ज किया। प्रकरण की विवेचना करने के उपरांत उप निरीक्षक सरिता ठाकुर द्वारा बाल आरोपी आकाश महोबिया का अभियोग पत्र बाल न्यायालय तथा बादल महोबिया का अभियोग पत्र माननीय न्यायालय मे प्रस्तुत किया गया। राज्य की ओर से जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्रीमती अर्चना रानी मरावी एवं सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी बीके वर्मा ने मामले मे सशक्त पैरवी करते हुए आरोपी को कठोर दण्ड देने का निवेदन किया गया।
किन धाराओं मे कितनी सजा
प्रकरण का सूक्ष्म परिशीलन करने के उपरांत विशेष न्यायाधीश श्री विवेक सिंह रघुवंशी की अदालत ने आरोपी बादल महोबिया का दोष सिद्ध पाये जाने पर धारा 363और 366 मे 7-7 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500-500 रूपये अर्थदण्ड, धारा 344 मे 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रूपये का अर्थदण्ड, धारा 376 घ मे 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं रूपये का अर्थदण्ड, धारा 376 (2)(ढ)मे 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रूपये का अर्थदण्ड, 506 भाग-2 मे 1 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रूपये अर्थदण्ड तथा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 6 के अंतर्गत 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रूपये के अर्थदण्ड का दण्डादेश पारित किया है।
6 मांह तक करते रहे दुष्कर्म
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