गृह मंत्री शाह की मौजूदगी मे असम-मेघालय के सीएम ने किए समझौते पर हस्ताक्षर
नई दिल्ली।असम व मेघालय के बीच 50 साल पुराना सीमा विवाद खत्म हो गया है। दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने आज दिल्ली में एक समझौते पर हस्ताक्षर कर विवाद का अंत कर दिया। इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे। उनकी मौजूदगी में ही गृह मंत्रालय में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और मेघालय के सीएम कोनराड संगमा ने समझौते पर हस्ताक्षर किए। बैठक में दोनों राज्यों के मुख्य सचिव भी मौजूद थे। अमित शाह ने समझौते का ब्योरा देते हुए कहा, “मुझे खुशी है कि आज विवाद की 12 जगहों में से 6 पर असम और मेघालय के बीच समझौता हुआ है। सीमा की लंबाई की दृष्टि से देखें तो लगभग 70% सीमा आज विवाद मुक्त हो गई है। मुझे भरोसा है कि बाकी की 6 जगहों को भी हम निकट भविष्य में सुलझा देंगे।” उन्होंने आगे कहा, “आज का दिन एक विवाद मुक्त पूर्वोत्तर के लिए ऐतिहासिक दिन है, देश में जब से मोदी जी प्रधानमंत्री बने तब से पूर्वोत्तर की शांति प्रक्रिया, विकास, समृद्धि और यहां की सांस्कृतिक धरोहर के संवर्धन के लिए अनेक वृहद प्रयास किए।”
12 क्षेत्रों से संबंधित है विवाद
मेघालय को 1972 में असम से अलग राज्य के रूप में बनाया गया था और इसने असम पुनर्गठन अधिनियम, 1971 को चुनौती दी थी, जिससे साझा 884.9 किमी लंबी सीमा के विभिन्न हिस्सों में 12 क्षेत्रों से संबंधित विवाद पैदा हुए थे। दोनों राज्यों के बीच कई बार सीमा विवाद भड़क चुके हैं। 2010 में ऐसी ही एक घटना में लैंगपीह में पुलिस गोलीबारी में चार लोग मारे गए थे।
बिस्वा ने पीएम मोदी से की मुलाकात
गृह मंत्रालय में समझौते से पहले असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। जानकारी के मुताबिक, गृह मंत्रालय में बैठक शाम चार बजे के बाद होनी है।
12 क्षेत्रों से संबंधित है विवाद
मेघालय को 1972 में असम से अलग राज्य के रूप में बनाया गया था और इसने असम पुनर्गठन अधिनियम, 1971 को चुनौती दी थी, जिससे साझा 884.9 किमी लंबी सीमा के विभिन्न हिस्सों में 12 क्षेत्रों से संबंधित विवाद पैदा हुए थे। दोनों राज्यों के बीच कई बार सीमा विवाद भड़क चुके हैं। 2010 में ऐसी ही एक घटना में लैंगपीह में पुलिस गोलीबारी में चार लोग मारे गए थे।
बिस्वा ने पीएम मोदी से की मुलाकात
गृह मंत्रालय में समझौते से पहले असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। जानकारी के मुताबिक, गृह मंत्रालय में बैठक शाम चार बजे के बाद होनी है।
समझौते से बहाल होगी शांति-संगमा
मेघालय के सीएम कोनराड के संगमा ने कहा कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की ओर से इस सीमा विवाद को सुलझाने के लिए बहुत जोर दिया गया। वह यह देखना चाहते थे कि जब भारत-बांग्लादेश विवाद को सुलझा सकते हैं तो देश के दो राज्य क्यों नहीं। हम गृहमंत्री अमित शाह और असम के सीएम के बहुत आभारी हैं। हमने 12 में से छह विवादों को हल करने का काम किया है। इससे सीमावर्ती इलाकों में शांति बहाल होगी।
पहले बैठक 27 मार्च को होनी थी
पहले यह बैठक 27 मार्च को होनी थी, लेकिन इसे दो दिन के लिए टाल दिया गया। मेघालय और असम के मुख्यमंत्रियों ने पहले चरण में छह स्थानों ताराबारी, गिजांग, हाहिम, बोकलापारा, खानापारा-पिलंगकाटा और रातचेरा में सीमा विवाद को हल करने के लिए 29 जनवरी को गुवाहाटी में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। इसके बाद 31 जनवरी को इसे जांच के लिए गृह मंत्रालय को भेजा गया था। 36.79 वर्ग किमी भूमि के लिए प्रस्तावित सिफारिशों के अनुसार, असम 18.51 वर्ग किमी भूमि रखेगा और शेष 18.28 वर्ग किमी मेघालय को देगा।
मेघालय के सीएम कोनराड के संगमा ने कहा कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की ओर से इस सीमा विवाद को सुलझाने के लिए बहुत जोर दिया गया। वह यह देखना चाहते थे कि जब भारत-बांग्लादेश विवाद को सुलझा सकते हैं तो देश के दो राज्य क्यों नहीं। हम गृहमंत्री अमित शाह और असम के सीएम के बहुत आभारी हैं। हमने 12 में से छह विवादों को हल करने का काम किया है। इससे सीमावर्ती इलाकों में शांति बहाल होगी।
पहले बैठक 27 मार्च को होनी थी
पहले यह बैठक 27 मार्च को होनी थी, लेकिन इसे दो दिन के लिए टाल दिया गया। मेघालय और असम के मुख्यमंत्रियों ने पहले चरण में छह स्थानों ताराबारी, गिजांग, हाहिम, बोकलापारा, खानापारा-पिलंगकाटा और रातचेरा में सीमा विवाद को हल करने के लिए 29 जनवरी को गुवाहाटी में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। इसके बाद 31 जनवरी को इसे जांच के लिए गृह मंत्रालय को भेजा गया था। 36.79 वर्ग किमी भूमि के लिए प्रस्तावित सिफारिशों के अनुसार, असम 18.51 वर्ग किमी भूमि रखेगा और शेष 18.28 वर्ग किमी मेघालय को देगा।
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