50 फीसदी बढ़ गये लोहे के दाम

50 फीसदी बढ़ गये लोहे के दाम
चरम पर पहुंची मंहगाई, मुश्किल हो रहा पक्के घर का सपना
बांधवभूमि, उमरिया
बीते कुछ दिनो से लोहे के दामो मे लगातार हो रही बढ़ोत्तरी ने आम-आदमी का बजट बिगाड़ कर रख दिया है। हालत यह है कि एक पखवाड़े के भीतर ही सरिया की कीमतों मे 50 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ोतरी दर्ज की गई है। याने जो टीएमटी रॉड 15-20 फरवरी के बीच 50 रूपये प्रति किलो बिक रही थी, वह अब 74 रूपये हो गई है। जानकारों का मानना है कि यह लोहे की कीमतों मे आई अब तक की सबसे बढ़ी उछाल है। इससे पहले ऐसा कभी नहीं देखा गया है। बताया गया है कि सिर्फ सरिया ही नहीं बल्कि लोहे की सभी चीजों मे यही हाल देखा जा रहा है। इस दौरान एंगल, पट्टी, टीन सीट, चद्दर आदि के रेट भी आसमान छूने लगे हैं। गौरतलब है कि लोगों को अब तक किराना, अनाज, पेट्रोल-डीजल, घरेलू गैस की मंहगाई से जूझना पड़ रहा था, परंतु मंहगाई ने अब हार्डवेयर का रूख कर लिया है।
निर्माण कार्यो पर पड़ेगा असर
सामग्री मे आई तेजी का असर व्यापक स्तर पर पडऩा तय है। कांस्ट्रक्शन क्षेत्र से जुड़े लोगों ने बताया कि लोहा, रेत, गिट्टी और मजदूरी की कीमतों मे हो रही वृद्धि के चलते निर्माण कार्यो की रफ्तार थमेगी। यदि ऐसा ही चलता रहा तो लोग घर आदि बनवाने का विचार या तो स्थगित कर देंगे या फिर कीमतें कम होने का इंतजार करेंगे। दोना परिस्थियों मे व्यापार और रोजगार सीधे तौर पर प्रभावित होगा। जानकारों का मत है कि निर्माण और विकास कार्यो से लाखों लोगों को रोजगार मिलता है। यदि इसके व्यवधान आया तो बेरोजगारी की समस्या मे और इजाफा हो सकता है।
ठेकेदारों के लिये बढ़ी मुसीबत
निर्माण कार्य मे लगने वाला साजो-सामान मंहगा होने से सरकारी विभागों मे ठेकेदारी करने वाले वाले लोगों के लिये समस्या पैदा हो गई है। बताया गया है कि उनके द्वारा जिस समय टेण्डर भरा गया, तब लोहे की कीमतें आज के मुकाबले काफी कम थीं, परंतु कार्यादेश मिलते-मिलते दाम कई गुना बढ़ गये हैं। वहीं कीमतों के चलते बिलो परसेंट मे ठेका लेने वाले संविदाकारों को काम जारी रखने मे काफी दिक्कतें आ रही हैं।
मंहगाई लील गई पीएम आवास का अनुदान
इस मंहगाई से शासन की महात्वाकांक्षी प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राही भी खासा परेशान हैं। उन्होने बताया कि सरकार से मिलने वाला अनुदान मंहगाई की भेंट चढ़ रहा है। ज्ञांतव्य हो कि इस योजना के तहत शहरी क्षेत्र के लोगों को करीब 2.50 लाख तथा ग्रामीण अंचलों के हितग्राहियों को 1.30 से 1.5 लाख रूपये पक्का मकान बनाने के लिये मिलता है। हितग्राहियों ने बताया कि जब यह योजना शुरू हुई थी तब लोहा 30 रूपये किलो था, वहीं सीमेंट, रेता, ईट, गिट्टी आदि के दाम भी बेहद कम थे। अब इस योजना मे उन्हे सिर्फ मजदूरी ही मिल रही है।

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