कोयले से भरी मालगाड़ी के 15 बोगी स्वाहा, नौरोजाबाद मे बुझाई गई आग
उमरिया। धू-धू कर जलता हुआ कोयला लिये मालगाड़ी स्टेशन पर स्टेशन पार करती रही परंतु किसी भी अधिकारी ने न तो उसे रोका और ना ही आग को बुझाने की कोई पहल की। धीरे-धीरे आग ने ट्रेन के 15 बोगियों को अपने आगोश मे ले लिया। सुबह करीब 6.30 बजे जिले के नौरोजाबाद पहुंची दि बर्निग ट्रेन को कई घंटों बाद जाकर ठंडा किया गया। इस लापरवाही भरे मामले के संबंध मे रेलवे का कोई अधिकारी जवाब देने को तैयार नहीं है। जानकारी के अनुसार कोयले का यह रैक अनूपपुर की ओर से जब शहडोल पहुंचा तभी इसमे आग की लपटें उठती देखी गई, लेकिन वहां के स्टेशन मास्टर और कर्मचारियों ने इसे नजरअंदाज करते हुए जाने दिया। मजे की बात यह है कि रेलवे की मोटी तनख्वाह लेने वाले ड्राईवर और गार्ड ने भी इस संबंध मे कोई कार्यवाही नहीं की, नतीजतन रेलवे को लाखों रूपये की चपत तो लगी ही, बड़ा हादसा होते-होते रह गया।
किस्मत से पड़ी नजर
सूत्रों के अनुसार कोयला मालवाहक रेल गाड़ी अलसुबह जब नौरोजाबाद रेलवे स्टेशन पर रूकी तो वहां के कर्मचारियों की नजर बोगियों से निकलते धुंअे पर पड़ी। वहां पर भी काफी देर तक यही आलम रहा। घंटों बीत जाने के बाद स्थानीय प्रशासन को इसकी जानकारी दी गई। जिसके बाद आनन-फानन मे तीन-चार फायर ब्रिगेड बुलवाये गये, जिनके माध्यम से आग पर काबू पाया गया।
मौके पर कोई नही रहे जिम्मेदार
बताया जाता है कि नौरोजाबाद मे सुबह से दोपहर तक मालगाड़ी मे लगी आग बुझाने की कवायद चलती रही परन्तु मौके पर रेलवे का कोई जिम्मेदार अधिकारी मौजूद नहीं रहा। फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों द्वारा पानी ला-ला कर आग को बुझाने का काम किया। सवाल उठता है कि जब शहडोल मे ही बोगियों मे आग लगी हुई थी तो मालगाड़ी को आगे क्यों जाने दिया गया और आग वहीं पर क्यों नहीं बुझाई गई। इतना बड़ा जोखिम क्यों लिया गया और लाखों रूपये के नुकसान की जिम्मेदारी किस पर तय होगी। इसका जवाब रेलवे द्वारा इस मामले मे की जाने वाली कार्यवाही के बाद ही मिल सकेगा।
बुझा दी गई है आग
कोयले का रैक जब सुबह करीब 6.30 बजे नौरोजाबाद स्टेशन पर पहुंचा था तो इसमे आग लगी हुई थी। आग कैसे और कहां लगी इसकी जानकारी नहीं है। बोगियों मे लगी आग बुझा दी गई है। सांथ ही इसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दे दी गई है।
जयप्रकाश
स्टेशन प्रबंधक, नौरोजाबाद