रॉड, भाले और धारदार हथियार लेकर आ रहे थे चीनी सैनिकों को रोकने पर की फायरिंग
नई दिल्ली/बीजिंग। सीमा पर फायङ्क्षरग को लेकर भारतीय सेना ने चीन के बयान को झूठा बताया है। भारतीय सेना ने कहा कि फायरिंग चीन की तरफ से हुई। सरकारी सूत्रों ने बताया कि ५० से ६० चीनी सैनिक रॉड, भाला और धारदार हथियार लेकर पूर्वी लद्दाख में भारतीय पोस्ट की ओर बढ़ रहे थे। वो मुखपरी पीक और रीक्विन ला एरिया से भारतीय सैनिकों को हटाना चाहते थे। सेना ने जब उन्हें इससे रोका, तो चीन के सैनिकों ने १०-१५ राउंड हवाई फायर किए। इससे पहले चीन ने बयान दिया था कि फायङ्क्षरग भारत की ओर से हुई। सेना के बयान के मुताबिक ७ सितंबर को चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) हमारी फॉरवर्ड पोजीशन के नजदीक आने की कोशिश कर रही थी। जब भारतीय सैनिकों ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो चीनी सैनिकों ने फायङ्क्षरग की। उकसाने के बावजूद भारतीय सैनिकों ने जिम्मेदाराना व्यवहार किया।
उकसाने की हो रही कोशिश :भारत
भारतीय सेना ने यह भी कहा कि हमारी ओर से लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर स्थिति सामान्य करने की कोशिश जारी है, जबकि चीन उकसाने वाली हरकतें कर रहा है। हमने एलएसी पार नहीं की और न ही फायरिंग या कोई ऐसी अग्रेसिव हरकत। चीन बेपरवाह होकर दोनों देशों के बीच हुए समझौते का उल्लंघन करता जा रहा है। एक ओर वो हमारे साथ मिलिट्री, डिप्लोमैटिक और राजनीतिक स्तर पर बातचीत कर रहे हैं और दूसरी ओर ऐसी हरकतें। सेना ने ये भी कहा है कि हम शांति कायम रखना चाहते हैं लेकिन देश की संप्रभुता और सरहदों की रक्षा किसी भी कीमत पर करेंगे। सेना के मुताबिक, चीन के वेस्टर्न थियेटर कमांड ने झूठे बयान के जरिए अपने देश और बाकी दुनिया के लोगों को गुमराह करने की कोशिश की है।
उलटे लगा रहा आरोप
चीनी सेना के वेस्टर्न थियेटर कमांड के प्रवक्ता के मुताबिक भारतीय सैनिकों ने ७ सितंबर को पैंगॉन्ग सो के दक्षिणी किनारे पर एलएसी पार कर घुसपैठ की कोशिश की। भारतीय सेना ने एलएसी पार करने के बाद हवाई फायर भी किए। भारतीय सेना ने शेनपाओ इलाके में एलएसी पार की और जब चीनी की पेट्रोङ्क्षलग पार्टी भारतीय जवानों से बातचीत करने के लिए आगे बढ़ी तो उन्होंने जवाब में वॉॄनग शॉट किए यानी हवा में गोली चलाई।
कब्जे की कोशिश कर रहे थे चीनी सैनिक
घटना ७ सितंबर देर शाम की है। चीन के सैनिक आगे बढ़कर भारतीय इलाके में कब्जे की कोशिश कर रहे थे। वो भारतीय सेना की लोकेशन के काफी नजदीक आ रहे थे। भारतीय सेना ने उन्हें पीछे हटने को कहा। बहस बढ़ी और भारतीय सेना को चेतावनी देते हुए हवाई फायर करना पड़ा। ये इलाका रेचन ला है। सूत्रों के मुताबिक इस झड़प के दौरान एक दो नहीं बल्कि कई राउंड फायरिंग हुई। चीन के सैनिकों ने भी फायर किया। हालांकि, ये अब तक साफ नहीं हो पाया है कि पहले चीन के सैनिकों ने फायङ्क्षरग की या भारत के जवानों ने। इस फायङ्क्षरग के बाद चीन के सैनिक अपनी लोकेशन पर लौट गए। फिलहाल हालात सामान्य हैं। गलवान में २० सैनिकों को खोने के बाद और पिछले दो हफ्तों से जारी झड़प के बीच भारतीय सेना ने अपने रूल ऑफ एंगेजमेंट में बदलाव किए हैं। हमारे सैनिकों को ऑर्डर मिले हैं कि यदि हालात बिगड़ने लगें और चीनी सैनिक करीब आने की कोशिश करें तो वो फायङ्क्षरग कर सकते हैं।
1975 मे ऐसे ही दिया था धोखा
दोनों देशों की सीमा पर इससे पहले ४५ साल पहले गोली चली थी। २० अक्टूबर १९७५ को अरूणाचल प्रदेश के तुलुंग ला में चीन ने असम राइफल की पैट्रोङ्क्षलग पार्टी पर धोखे से एम्बुश लगाकर हमला किया था। इसमें भारत के ४ जवान शहीद हुए थे। वहीं इसी साल जून में गलवान में दोनों देशों के बीच हुई झड़प में हमारे २० सैनिकों की शहादत हुई थी। हालांकि गलवान घाटी में हुई ङ्क्षहसक झड़प के दौरान भी चीनी और भारतीय जवानों की ओर से गोलियां नहीं चलाई गई थीं। ये घटना तब हुई है जब दो दिन पहले दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के बीच मॉस्को में मुलाकात हुई थी। चीन की घुसपैठ को लेकर रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि चीन ने फिर यथास्थिति का उल्लंघन किया है। २९ अगस्त की रात चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख के भारतीय इलाके में घुसपैठ की कोशिश की थी।
भारत सैनिकों को नियंत्रित करें
इससे पहले, १ सितंबर को भारत में चीनी दूतावास ने बयान जारी कर आरोप लगाया था कि भारतीय सैनिकों ने पैंगॉन्ग सो झील के दक्षिणी तट पर फिर से एलएसी क्रॉस की। चीनी सेना के वेस्टर्न थियेटर कमांड के प्रवक्ता कर्नल झांग शुइली ने यह भी कहा है कि भारत अपने सैनिकों को नियंत्रित करे। उनके मुताबिक जब चीन के बॉर्डर गाड्र्स ने भारतीय सैनिकों को रोका तो उन्होंने गोली चलाई। जिसके बाद पीएलए के सैनिकों को स्थिति को संभालना पड़ा। न्यूज एजेंसी एएनआई ने भी सूत्रों के हवाले से एलएसी पर फायरिंग होने की बात कही है।
तीन वजहें, जिनसे बढ़ी बौखलाहट
पहला, ब्लैक टॉप और हेलमेट टॉप पर भारतीय सेना के मजबूत पोजिशन लेने के बाद चीन की पोस्ट भारतीय फायरिंग रेंज में हैं। दूसरा, भारतीय सैनिक ऊंचाई पर हैं, जबकि चीन की पोस्ट नीचे। चीन की पोजीशन और ट्रूप को भारतीय इलाकों से देखा जा सकता है। और उस पर निगरानी रख सकते हैं। तीसरा, हमारी पोजिशन से चीन के भारतीय इलाकों में एंट्री पॉइंट्स बंद हो गए हैं। जिन इलाकों से एलएसी को लेकर घपला कर चीन भारतीय सीमा में पेट्रोलिंग करता था, वहां अब भारतीय सेना का दबदबा है।