नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अपनी विशेष शक्ति का प्रयोग करते हुए उत्तर प्रदेश में हुए ४२,००० करोड़ रूपए के ‘बाइक बोट और ‘ग्रैंड वेनिस मॉल घोटाले में दर्ज सैकड़ों एफआईआर का एक ही एफआईआर में विलय कर दिया। शीर्ष अदालत के इस फैसले के बाद अब पहली दर्ज एफआईआर संख्या २०६/२०१९ पीएस-दादरी, जिला- गौतमबुद्ध नगर, यूपी में ही अन्य सभी ११८ एफआईआर को समेकित कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि बाइक बोट और ‘ग्रैंड वेनिस मॉल घोटाले में उत्तर प्रदेश में ११८ और दिल्ली में १ एफआईआर दर्ज हुई थी। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद अब दोनों घोटालों में दर्ज की गई सभी एफआईआर की सुनवाई ग्रेटर नोएडा कोर्ट में ही होगी। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एएम खानविलकर, न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति जेबी परदीवाला ने निर्णय को देते हुए कहा सभी एफआईआर में अपराध की प्रकृति और शिकायत एक जैसी होने कारण, कार्रवाइयों की बहुलता व्यापक जनहित में नहीं है। अनुच्छेद १४२ के तहत मिली शक्तियों का उपयोग करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला लिया। सर्वोच्च न्यायालय से पहले बाइक बोट घोटाले के आरोपी सत्येंद्र सिंह भसीन उर्फ मोंटू और दिनेश पांडे को २०२०-२१ में सभी एफआईआर में नियमित जमानत दे दी थी।
42000 करोड़ के घोटाले मे दर्ज 119 एफआईआर का सुप्रीम कोर्ट ने एक मे विलय किया
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