नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि पिछले वर्ष दिसंबर में यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) से 4 लाख करोड़ रुपए से भी अधिक का डिजिटल भुगतान हुआ है। वर्तमान में देश के 200 से ज्यादा बैंक यूपीआई व्यवस्था से जुड़े हैं। बजट सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कोविंद ने कहा कि जनधन खातों, आधार और मोबाइल की त्रिशक्ति ने लोगों को उनका अधिकार सुनिश्चित किया गया है। इस जैम त्रिशक्ति की वजह से, 1.8 लाख करोड़ रुपए गलत हाथों में जाने से बचे हैं। जबकि दो गज की दूरी की अनिवार्यता के बीच, देश की संस्थाओं और नागरिकों ने डिजिटल इंडिया की ताकत से देश की रफ्तार को थमने नहीं दिया। पिछले वर्ष दिसंबर में यूपीआई से 4 लाख करोड़ रुपए से भी अधिक का डिजिटल भुगतान हुआ है। यूपीआई डिजिटल भुगतान प्रणाली है जिसे नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने तैयार किया है। इसके जरिये उपयोगकर्ता मोबाइल फोन के जरिये अपने संबद्ध खाते से दूसरे खाते में पैसा तत्काल हस्तांतरण कर सकते हैं। कोविंद ने यह भी कहा कि डिजिलॉकर का, 400 करोड़ से अधिक डिजिटल डॉक्युमेंट्स के लिए ‘पेपरलेस प्लेटफ़ार्म’ की तरह उपयोग किया जा रहा है। उमंग ऐप पर भी देश के करोड़ों नागरिक 2 हजार से ज्यादा सेवाओं का लाभ ले रहे हैं। साथ ही देश में साढ़े 3 लाख से अधिक साझा सेवा केंद्र (कॉमन सर्विस सेंटर) ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को सरकारी सेवाओं से जोड़ रहे हैं। प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के जरिये पिछले छह साल में लाभार्थियों को 13 लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि हस्तांतरित किये गये और 41 करोड़ से अधिक जनधन खाते खोले गये ताकि गरीबों को बैंक व्यवस्था का लाभ मिल सके।
4 लाख करोड़ रुपए से भी अधिक का डिजिटल भुगतान हुआ: कोविंद
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