आंदोलन के 38वें दिन एक और किसान ने किया आत्महत्या, अब तक 50 किसानों की मौत
नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों को लेकर आंदोलनरत किसानों और सरकार के बीच 4 जनवरी को होने वाली बैठक से पहले दोनों पक्ष अपनी-अपनी तैयारी में जुट गए हैं। नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 38 दिनों से जारी प्रदर्शन कर रहे किसानों ने सरकार को सख्त चेतावनी जारी की है। शनिवार को बैठक करते हुए किसान संगठनों ने कहा कि यदि सरकार 4 जनवरी तक उनकी मांगों पर उचित फैसला नहीं लेती है तो उसके बाद की परिस्थितियों के लिए वही जिम्मेदार होगी। किसान नेताओं ने अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर 4 जनवरी को सरकार के साथ हमारी मांगों पर सहमत नहीं बनी तो 23 जनवरी को किसान बड़ा घेराव करेंगे। इसके साथ ही 26 जनवरी को बड़ी ट्रैक्टर परेड की जाएगी। हालांकि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आश्वासन दिया है कि अगली बैठक में खेती और किसानों के हित में फैसला हो जाएगा। उधर, गाजीपुर बॉर्डर पर शनिवार को 75 साल के किसान कश्मीर सिंह ने टॉयलेट में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। किसान नेता अशोक धवाले ने बताया कि अब तक 50 किसानों की जान जा चुकी है। कश्मीर सिंह ने सुसाइड नोट में लिखा, ‘सरकार फेल हो गई है। आखिर हम यहां कब तक बैठे रहेंगे। सरकार सुन नहीं रही है। इसलिए मैं जान देकर जा रहा हूं। अंतिम संस्कार मेरे बच्चों के हाथों दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर होना चाहिए। मेरा परिवार, बेटा-पोता यहीं आंदोलन में निरंतर सेवा कर रहे हैं।Ó किसान का शव बिना पोस्टमॉर्टम के परिजन को सौंप दिया गया है। यूपी पुलिस ने सुसाइड नोट अपने कब्जे में ले लिया है।
4 जनवरी को होनी है बातचीत
इससे पहले 30 दिसंबर को किसान और सरकार के बीच 7वें दौर की बातचीत में पूरा समाधान तो नहीं निकला, लेकिन विवाद के 2 मुद्दों पर सहमति बन गई थी। अब 4 जनवरी को किसानों और सरकार के बीच 8वें दौर की बैठक होगी। उम्मीद की जा रही है कि इस दिन गतिरोध खत्म हो सकता है। नरेंद्र तोमर ने कहा है कि 4 जनवरी को सकारात्मक नतीजे आएंगे। इस बीच, किसान संगठनों ने आंदोलन के मद्देनजर 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकालने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि हम शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे, कर रहे हैं और ऐसा ही करेंगे। हम लोग दिल्ली की सीमाओं पर बैठे हुए हैं, लेकिन नए कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया गया है।
2 कानूनों पर अब भी सरकार से बहस जारी
स्वराज इंडिया संगठन के नेता योगेंद्र यादव ने कहा था कि हमारे दो कानून पर सरकार अभी तक टस से मस नहीं हुई है। इसलिए अब आंदोलन को तेज किया जाएगा। सरकार के साथ 4 जनवरी को वार्ता है। यदि उसमें सकारात्मक परिणाम नहीं निकलते हैं तो 6 जनवरी से 20 जनवरी तक देश में जागृति अभियान चलाया जाएगा।
नेताजी की जयंती पर किसान करेंगे कार्यक्रम
दरसअल, 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर पूरे देश में कार्यक्रम किया जाएगा। अब यूपी के शाहजहांपुर में भी किसान मोर्चा लगाया जाएगा। गुजरात में और उत्तर प्रदेश में भी सरकारों ने कानून को ताक पर रखा हुआ है। हम गुजरात के साथियों के संपर्क में हैं। सरकार की ऐसी हालत हो गई है कि इन्हें किसानों का समर्थन जताने के लिए एक भी असली किसान नहीं मिलता।
4 जनवरी की वार्ता से पहले सरकार और किसानों की बनने लगी रणनीति
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