4 साल पहले सड़क दुर्घटना मे हुई युवक की मौत पर 3 करोड़ मुआवजा देने का आदेश

मुंबई। चार वर्ष पूर्व मुंबई में एक महिला के बेटे की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी.अब ट्राइब्यूनल कोर्ट के आदेश पर परिजनों को 3 करोड़ रुपए मुआवजा मिलेगा. यह मुआवजा बीमा कंपनियां ट्राइब्यूनल कोर्ट के आदेश के बाद देंगी. यह दुर्घटना दावा अब तक किए गए सबसे अधिक भुगतान में से एक होगा. दरअसल मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण ने एक टैंकर मालिक और एक बीमा कंपनी को मुंबई के पचिमी उपनगर कांदिवली स्थित प्राइवेट कंपनी में सुरक्षा सेवा कंपनी के जोनल प्रमुख प्रशांत (37) के परिवार को लगभग 3.11 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है जिसकी मौत साल 2018 में उस स्कूटर से हुई जिस पर वह पीछे बैठा था। खबर के अनुसार ट्रिब्यूनल कोर्ट के सामने साल 2019 में दावा पेश किया गया था. जहां मृतक प्रशांत (37) के परिवार ने कहा कि दुर्घटना 6 दिसंबर 2018 को हुई थी. परिवार ने कोर्ट में दावा टैंकर के मालिक दीना बी गावड़े और नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के खिलाफ दायर किया गया था. उन्होंने पेश किए दावे में कहा कि जब प्रशांत का स्कूटर हाइवे के पास एक जंक्शन पर पहुंचा तो टैंकर पीछे से तेज गति से आया और लापरवाही से स्कूटर से टकरा गया जिसके बाद प्रशांत की मौके पर ही मौत हो गई थी. वहीं ट्रिब्यूनल कोर्ट के अनुसार इंश्योंस कंपनी को बीमे की रकम पीड़ित प्रशांत विश्वास की मां पत्नी और नाबालिग बेटियों को देना होगा। ट्रिब्यूनल ने मुआवजे की राशि की गणना करते हुए पीड़िता के सालाना वेतन को करीब 17 लाख रुपए माना है। ट्रिब्यूनल ने टैंकर ड्राइवर और अन्य पुलिस दस्तावेजों के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर भरोसा करते हुए कहा “इस प्रकार रिकॉर्ड पर सबूत यह स्थापित करते हैं कि दुर्घटना टैंकर चालक द्वारा तेज और लापरवाही से गाड़ी चलाने के कारण हुई जिसके चलते मृतक की मौत चोटों के कारण हुई थी. जबकि ट्रिब्यूनल के नोटिस के बावजूद टैंकर मालिक पेश नहीं हुआ इसलिए उसके खिलाफ मामला एकतरफा चला. बीमा कंपनी ने याचिका का विरोध किया और कहा कि आवेदन खराब था. क्योंकि सवार और स्कूटर के मालिक को कार्यवाही में पक्षकार नहीं बनाया गया था. इसके अलावा बीमा कंपनी के अनुसार दुर्घटना के समय टैंकर ड्राइवर शराब के नशे में था. इस दौरान बीमा कंपनी ने ट्रिब्यूनल कोर्ट में पेश अपने दावे में कहा कि ड्राइवर ने मोटर वाहन अधिनियम के तहत तय नियमों का उल्लंघन किया है जिसमें ट्रिब्यूनल ने तर्कों का खंडन किया. इसमें एक डॉक्टर की रिपोर्ट का हवाला दिया गया जिसने दुर्घटना के बाद टैंकर ड्राइवर की जांच की थी. डॉक्टर ने नोट किया था कि ड्राइवर के मुंह और सांस से शराब की गंध आ रही थी लेकिन उसकी बोली और चाल सामान्य थी और वह सीधी रेखा में चल रहा था।

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