36 खरीदी केन्द्रों मे नहीं हुई बोहनी
अब तक मात्र 1038 क्विंटल धान की खरीदी, बारिश ने बढ़ाई किसानो की मुसीबत
बांधवभूमि न्यूज
मध्यप्रदेश
उमरिया
मौसम मे आये बदलाव ने किसानो के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। बीते कई दिनो से आसमान पर छाये बादलों के कारण पहले से ही धान की गहाई धीमी हो गई थी, ऊपर से बारिश ने रही-सही कसर पूरी कर दी है। बुधवार सुबह से ही जिले मे बूंदाबांदी का दौर शुरू हो गया, जो दिन भर चलता रहा। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक इस दौरान करीब 2 एमएम वर्षा रिकार्ड की गई है। मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि चक्रवाती तूफान मिचौंग की वजह से पूरे प्रदेश यह परिवर्तन आया है। कुछ जगहों पर कोहरे की समस्या भी देखी जा सकती है। आसमान के साफ होने के बाद ठंड मे भी इजाफा होने की संभावना है। उन्होने बताया कि एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तर पश्चिमी राजस्थान पर साइक्लोनिक सर्कुलेशन के रूप में मौजूद है। वहीं एक अन्य साइक्लोनिक सर्कुलेशन दक्षिण पूर्व अरब सागर पर केंद्रित है। साथ ही चक्रवात मिचौंग एक गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप मे तब्दील हो गया है। इसके प्रभाव से रीवा, शहडोल आदि संभागों मे हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक या दो स्थानों पर भारी बारिश की संभावना है। मौसम का यह मिजाज अगले एक या दो दिन इसी तरह रहने का अनुमान है।
कटाई और गहाई मे व्यवधान
कृषि से जुड़े सूत्रों के अनुसार मौसम की बेरूखी ने खरीफ के फसलों की कटाई और गहाई मे व्यवधान उत्पन्न कर दिया है। जिले मे अभी तक करीब 60 प्रतिशत धान की गहाई ही हो पाई है। जबकि बड़ी मात्रा मे गहाई का काम बाकी है। पिछले कई दिनो से धूप नहीं निकलने और नमी के कारण कटाई और गहाई दोनो कार्य नहीं हो पा रहे हैं। किसानो के अनुसार फसल को अब तत्काल धूप की जरूरत है। ज्यादा दिनो तक नमी और बारिश से अनाज खराब होना शुरू हो जायेगा। जिसके बाद उपार्जन कार्य मे काफी दिक्कतें आयेंगी। वहीं कई किसान धान बेंच कर उस पैसे से रबी के लिये खाद-बीज का इंतजाम करते हैं। बारिश ने उनके लिये भी समस्या खड़ी कर दी है।
इस बार 12 लाख क्विंटल का लक्ष्य
गौरतलब है कि शासन ने इस बार जिले मे 12 लाख क्विंटल खरीफ फसल खरीदी का लक्ष्य तय किया है। इसके लिये 37 उपार्जन केन्द्र बनाये गये हैं। जिनमे 1 दिसंबर से खरीदी प्रारंभ हो गई है। शासन द्वारा धान उपार्जन का मूल्य 2183 रूपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। जानकारी के अनुसार बीते 6 दिनो मे केवल एक केन्द्र पर ही किसान अपनी फसल लेकर पहुंचे हैं। इस दौरान 22 कृषकों से 1038.80 क्विंटल धान की खरीदी की गई है। जबकि शेष 36 केन्द्रों पर अभी तक बोहनी भी नहीं हुई है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि धान का उपार्जन आगामी 19 जनवरी तक किया जायेगा।
खाद के लिये भटक रहे किसान
एक तरफ कृषि विभाग जिले मे पर्याप्त उर्वरक होने की बात कहता नहीं थक रहा है, तो दूसरी तरफ किसानो को खाद के लिये दर-दर भटकना पड़ रहा है। जिला मुख्यालय स्थित एफसीआई गोदाम के सामने लगी भीड़ अधिकारियों के दावों की पोल खोल रही है। वहां मौजूद कई किसानो ने बताया कि वे अपना सारा काम छोड़ कर तीन दिन से खड़े हैं, परंतु खाद नहीं दी जा रही है। उन्होने आरोप लगाया कि समिति के कर्मचारी खुलेआम खाद की कालाबाजारी कर रहे हैं। बताया गया है कि सहकारी समितियों मे चल रही धांधली के कारण कई किसान बाजार से मंहगी खाद खरीदने पर मजबूर हैं।