3407 हितग्राहियों का केरोसीन बंद

3407 हितग्राहियों का केरोसीन बंद
सूची से बाहर होंगे उज्जवला के लाभार्थी, अब तक 58514 को मिले सिलेण्डर
उमरिया। उज्जवला योजना का लाभ पाने वाले हितग्राहियों को रियायती दरों पर केरोसीन नहीं मिल सकेगा। अब तक 3407 ऐसे लोगों के नाम सूची से पृथक किये जा चुके हैं, जो उज्जवला योजनांतर्गत सिलेण्डर प्राप्त कर चुके हैं। सूत्रों का मानना है कि जैसे-जैसे एनआईसी मे योजना के लाभार्थियों की फीडिग़ होती जायेगी, उनका आवंटन घटता जायेगा। एक जानकारी के मुताबिक वर्तमान मे जिले मे 1 लाख 26 हजार 787 पीला कार्डधारी हैं, जिन्हे 3 लीटर केरोसीन दिया जाता है। जबकि नीला कार्डधारियों को सिर्फ 1 लीटर केरोसीन प्रतिमांह दिया जा रहा है। इनमे बीपीएल, कर्मकार, रिक्शा चालक सहित करीब दो दर्जन श्रेणियां शामिल हैं।
तीन महीने से नहीं हुआ वितरण
हलांकि जुलाई के बाद से जिले मे मिट्टी तेल का वितरण बंद है। खाद्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अक्टूबर महीने के लिये 1.92 लाख लीटर का आवंटन प्राप्त हुआ है। इसमे से 1.82 लाख लीटर का वितरण किया जाना है, शेष आगे के लिये स्टॉक मे रखा जायेगा।
71000 यूनिट का लक्ष्य
विभागीय सूत्रों ने बताया है कि उज्जवला-2 के तहत जिले मे 71000 परिवारों को कनेक्शन दिये जाने का लक्ष्य है। जिनमे से अब तक 10 हजार 787 कनेक्शन वितरित किये जा चुके हैं। जबकि इससे पूर्व प्रथम चरण मे 47 हजार 727 यूनिट का वितरण किया गया था। इस तरह से 58 हजार 514 लोग योजना से लाभान्वित हुए हैं। वहीं अभी भी 60 हजार 213 परिवारों को कनेक्शन दिया जाना शेष है।
मंहगाई की वजह से बना रहे दूरी
सरकार द्वारा उज्जवला योजना मे पर्याप्त लक्ष्य दिये जाने एवं जिला प्रशासन की भरपूर कोशिशों के बावजूद हितग्राही इसे लेकर उदासीन हैं। इसका सबसे बड़ा कारण घरेलू गैस के बढ़ते हुए दाम हैं। जानकारों का मानना है कि केन्द्र सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना के शुभारंभ के समय सब्सिडी काट कर गैस के दाम महज 500 रूपये के आसपास थे, जो अब बढ़ कर 900 के पार जा चुके हैं। अनुमान है कि जल्दी ही सिलेण्डर 1000 रूपये के आंकड़े को छू सकता है। जो कि गरीब तो दूर मध्यम वर्ग की हिम्मत के बाहर है। कहा जा रहा है कि जिन हितग्राहियों ने उज्जवला गैस प्राप्त कर ली है, उनमे से अधिकांश लोग सिलेण्डर रीफिल ही नहीं करवा रहे हैं।

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