3 सांसदों को किया हॉउस से बहार

किसानो के मुद्दे पर हंगामे और नारे बाजी के बाद सभापति नायडू ने की कार्यवाही
नई दिल्ली। बुधवार को जब राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो आम आदमी पार्टी (आप) के सांसदों संजय ङ्क्षसह, सुशील कुमार गुप्ता और एनडी गुप्ता ने किसानों के मुद्दे पर नारेबाजी और हंगामा शुरू कर दिया। सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा, ‘जब किसानों के मुद्दे पर चर्चा की सहमति बन चुकी है तो कार्यवाही में खलल क्यों पैदा कर रहे हैं? ऐसी स्थिति न बनाएं कि मुझे मार्शलों को बुलाकर आपको बाहर करना पड़े। तीनों सांसद इस पर भी नहीं माने और नारेबाजी करते रहे। इसके बाद सभापति ने उन्हें दिनभर की कार्यवाही से सस्पेंड कर दिया और मार्शल बुलाकर सदन से बाहर करवा दिया। संसद के बजट सेशन में सरकार किसानों के मुद्दे पर चर्चा के लिए राजी हो गई है। इसके लिए राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्यसभा में चल रही चर्चा में एक्स्ट्रा टाइम को एडजस्ट किया जाएगा। पहले इस पर १० घंटे चर्चा होनी थी। अब बुधवार और गुरूवार के प्रश्नकाल-शून्यकाल को मिलाकर कुल १५ घंटे चर्चा होगी। १८ विपक्षी दलों को किसानों के मुद्दे पर भी बात रखने का मौका मिलेगा।
प्रधानमंत्री खुद कानून वापस लेने का ऐलान करें:नबी
राज्यसभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने चर्चा की शुरूआत की। उन्होंने कहा सरकार को तीनों कृषि कानून वापस लेने चाहिए, प्रधानमंत्री खुद यह ऐलान करें तो अच्छा होगा। अंग्रेजों के जमाने से किसानों का संघर्ष होता रहा है। अंग्रेजों को भी किसानों के आगे झुकना पड़ा। किसान विरोधी कानून वापस लेने पड़े।
पगड़ी संभाल जट्टा क्रांतिकारी गीत बन गया
उन्होंने कहा १९०६ में अंग्रेज हुकूमत ने किसानों के खिलाफ तीन कानून बनाए थे और उनका मालिकाना हक ले लिया था। इसके विरोध में १९०७ में सरदार भगत सिंह के भाई अजीत सिंह के नेतृत्व में पंजाब में आंदोलन हुआ और उसे लाला लाजपत राय का भी समर्थन मिला। पूरे पंजाब में प्रदर्शन हुए। उस समय एक अखबार के संपादक बांके दयाल ने पगड़ी संभाल जट्टा, पगड़ी संभाल वे कविता लिखी जो बाद में क्रांतिकारी गीत बन गया। अंग्रेजों को कानून में कुछ बदलाव करने पड़े। इससे लोग और भड़क गए। बाद में अंग्रेजों ने तीनों कानूनों को वापस लिया।
राष्ट्रीय ध्वज का अपमान नहीं सहा जाएगा
आजाद ने २६ जनवरी को लाल किले पर हुई घटना की ङ्क्षनदा भी की। उन्होंने कहा कि लाल किले पर जो कुछ भी हुआ वह लोकतंत्र और कानून-व्यवस्था के खिलाफ है। जिस जगह से प्रधानमंत्री देश को संबोधित करते हैं, वहां राष्ट्रीय ध्वज का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। लाल किले में हुई ङ्क्षहसा में शामिल लोगों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन बेकसूर किसान नेताओं को झूठे मुकदमों में फंसाने की कोशिश नहीं होनी चाहिए। गुलाम नबी ने कहा कि कुछ वरिष्ठ पत्रकारों, सांसद शशि थरूर के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है, जिसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि जो व्यक्ति विदेश राज्य मंत्री रहा हो, वह देशद्रोही कैसे हो सकता है? कश्मीर के मुद्दे पर उन्होंने कहा, ‘कश्मीर के छोटे कर्मचारी दो साल से घर में बैठे हैं। टूरिज्म खत्म हो गया। एजुकेशन खत्म हो गई, क्योंकि कोविड की वजह से स्कूल-कॉलेज बंद रहे। अभी भी बंद हैं। कुछ जगह ऑनलाइन एजुकेशन शुरू हुई है। कश्मीर में तो अभी भी २जी है। कश्मीर में सड़कों की हालत खराब है। अच्छी बात ये हुई कि लोकल बॉडी के इलेक्शन हुए, लेकिन प्रधानमंत्रीजी को इसके अलावा बाकी कुछ दिखाई नहीं देता।
कार्यवाही की मोबाइल रिकॉॄडग से सभापति नाराज
सभापति नायडू ने सदन में मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने एडवाइजरी करते हुए कहा कि कुछ सदस्य अपने चैंबर से सदन की कार्यवाही की मोबाइल से रिकॉॄडग करते देखे गए हैं। यह संसदीय मर्यादा के खिलाफ है। इस तरह कार्यवाही को रिकॉर्ड करना और सोशल मीडिया पर सर्कुलेट करना सदन की अवमानना (कंटेम्प्ट) का मामला हो सकता है।
राहुल गांधी का तंज, तानाशाहों के नाम ‘एम से क्यों?
राज्यसभा में जब बहस शुरू हो रही थी, तभी राहुल गांधी ने एक तंज कसते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट की। उन्होंने सवाल किया कि इतने सारे तानाशाहों के नाम रू से ही क्यों शुरू होते हैं।

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