घटना: मेडिकल कॉलेज के डाक्टरों ने निकाला दुष्कर्म के आरोपी द्वारा घोंपा गया चाकू
3 घंटे तक वेदना सहते रहे एसआई
देर रात को शहडोल मे हुआ आपरेशन, अब हालत खतरे से बाहर
उमरिया। जिले के नौरोजाबाद मे दुष्कर्म के आरोपी द्वारा पुलिस अधिकारी के पेट मे घोंपा गया चाकू मेडिकल कॉलेज के डाक्टरों की टीम द्वारा सफलतापूर्वक निकाल लिया गया है। सोमवार देर रात को हुए 30 मिनट के ऑपरेशन के दौरान छुरा बाहर किया गया। सर्जरी के उपरांत अधिकारी को आईसीयू मे रखा गया था परंतु सुबह हालत बेहतर होने के बाद उन्हे प्रयवेट वार्ड मे शिफ्ट किया गया है। डाक्टरों के मुताबिक घायल एसआई पहले से स्वस्थ्य और खतरे से बाहर है। गौरतलब है कि दुराचार के आरोपी गोलू उर्फ प्रमोद पिता रमेश कोल ने गिरफ्तारी से बचने के लिये एसआई वेदप्रकाश के पेट मे छुरा घोंप दिया था। इस घटना मे वे गंभीर रूप से घायल हो गये थे। जिन्हे एसईसीएल अस्पताल मे प्राथमिक उपचार के बाद जिला चिकित्सालय शहडोल रेफर किया गया था।
खतरनाक थी छुरे की बनावट
बदमाश के हमले मे बुरी तरह जख्मी एसआई की जान बचाने मे जहां एडीजी श्री सागर और मेडिकल कॉलेज के डाक्टरों का बहुमूल्य योगदान था वहीं स्वयं उनकी हिम्मत और धैर्य ने भी काफी बड़ा काम किया। आपरेशन के बाद निकले चाकू की बनावट देख कर नकेवल डाक्टर बल्कि पुलिस अधिकारी भी हैरान रह गये। चाकू का एक हिस्सा जहां धारदार था वहीं उसके दूसरी तरफ दांते निकले हुए थे। इस दौरान यदि उसे खींच कर बाहर निकालने का प्रयास किया जाता तो पेट की आंतों, लीवर आदि को भारी नुकसान हो सकता था। ऐसे मे करीब 3 घंटे तक पेट के अंदर धंसे चाकू का भीषण दर्द सहना एसआई की जान बचने का सबब बन गया। एडीजी डीसी सागर ने भी एसआई वेदप्रकाश की बहादुरी, और जज्बे की तारीफ की है।
एडीजी ने करवाये इंतजाम
नौरोजाबाद मे हुई घटना की जानकारी मिलते ही एडीजी डीसी सागर एकदम सक्रिय हो गये। उन्होने तत्काल शहडोल मेडिकल कॉलेज जा कर डाक्टरों को एलर्ट किया। सांथ ही आपरेशन थियेटर मे जरूरी इंतजाम करवाये ताकि मरीज के पहुंचते ही सर्जरी की कार्यवाही प्रारंभ की जा सके। जैसे ही वाहन वेदप्रकाश को लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंचा, आपरेशन शुरू हो गया। करीब 30 मिनट तक चले आपरेशन के बाद डाक्टरों ने पेट चाकू निकाल बाहर किया। इस तरह से एडीजी की तत्परता के कारण पुलिस अफसर की जान बच सकी।
फिर भी आरोपी को दबोचा
गिरफ्तारी के दौरान बलात्कार के फरार आरोपी गोलू उर्फ प्रमोद पिता रमेश कोल द्वारा एसआई वेदप्रकाश को बुरी तरह घायल करने के बावजूद पुलिस ने उसे जाने नहीं दिया। बताया जाता है कि इस अभियान मे कुल 6 लोगों ने हिस्सा लिया। जैसे ही आरोपी ने एसआई पर हमला किया, दूसरे पुलिस कर्मियों ने उसे दबोच लिया।
3 घंटे तक वेदना सहते रहे एसआई
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