7500 करोड़ की लागत से बनेंगी 2 यूनिट; वायुसेना के लिए एक यूनिट पहले ही मंजूर
नई दिल्ली । देश की उत्तरी सीमाओं पर बढ़ते खतरे से निपटने के लिए भारतीय सेनाएं मजबूत रॉकेट फोर्स बना रही हैं। इसी कड़ी में डिफेंस फोर्सेस, 250 प्रलय बैलिस्टिक मिसाइल के लिए दो और यूनिट बनाने का ऑर्डर देने को तैयार हैं। इसकी लागत 7500 करोड़ रुपए से ज्यादा होगी।पिछले साल दिसंबर में रक्षा मंत्रालय ने वायु सेना के लिए प्रलय मिसाइल की एक यूनिट को मंजूरी दी है।
तीनों सेनाओं के लिए बनाया जा रहा है रॉकेट फोर्स
एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, रक्षा बलों के लिए प्रलय बैलिस्टिक मिसाइलों की दो और यूनिट का अधिग्रहण किया जा रहा है। जिससे तीनों सेनाओं के लिए रॉकेट फोर्स और संपत्ति बनाने की दिशा में बढ़ा कदम है। दूसरी तरफ, आर्मी के लिए इन मिसाइलों की खरीद का प्रस्ताव अंतिम चरण में है और जल्द ही इसे मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, रक्षा बलों के लिए प्रलय बैलिस्टिक मिसाइलों की दो और यूनिट का अधिग्रहण किया जा रहा है। जिससे तीनों सेनाओं के लिए रॉकेट फोर्स और संपत्ति बनाने की दिशा में बढ़ा कदम है। दूसरी तरफ, आर्मी के लिए इन मिसाइलों की खरीद का प्रस्ताव अंतिम चरण में है और जल्द ही इसे मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
प्रलय मिसाइल की खासियतें
1. 150 से 500 KM तक सटीक मार कर सकती है
प्रलय मिसाइल 150 से 500 किलोमीटर तक अपने टारगेट को निशाना बना सकती है। साथ ही, बीच हवा में एक निश्चित सीमा तय करने के बाद अपना रास्ता बदलने की क्षमता रखती है।DRDO ने अभी तक प्रलय की गति का खुलासा नहीं किया है, लेकिन अनुमान के मुताबिक इसकी गति 2000 किमी प्रति घंटा हो सकती है।
प्रलय मिसाइल 150 से 500 किलोमीटर तक अपने टारगेट को निशाना बना सकती है। साथ ही, बीच हवा में एक निश्चित सीमा तय करने के बाद अपना रास्ता बदलने की क्षमता रखती है।DRDO ने अभी तक प्रलय की गति का खुलासा नहीं किया है, लेकिन अनुमान के मुताबिक इसकी गति 2000 किमी प्रति घंटा हो सकती है।
2. जमीन से जमीन पर सटीक मार कर सकती है
प्रलय जमीन से जमीन पर मार करने वाली क्वासी मिसाइल है। प्रलय मिसाइल में सॉलिड प्रोपेलेंट वाला रॉकेट मोटर लगा है। इसमें नई टेक्नोलॉजी के गाइडेंस सिस्टम में स्टेट-ऑफ-द-आर्ट नेविगेशन एंड इंटिग्रेटेड एवियोनिक्स भी लगाया गया है। प्रलय के निर्माण की बात 2015 से ही चल रही थी। DRDO ने अपने एनुअल रिपोर्ट में इस मिसाइल का जिक्र किया था।
प्रलय जमीन से जमीन पर मार करने वाली क्वासी मिसाइल है। प्रलय मिसाइल में सॉलिड प्रोपेलेंट वाला रॉकेट मोटर लगा है। इसमें नई टेक्नोलॉजी के गाइडेंस सिस्टम में स्टेट-ऑफ-द-आर्ट नेविगेशन एंड इंटिग्रेटेड एवियोनिक्स भी लगाया गया है। प्रलय के निर्माण की बात 2015 से ही चल रही थी। DRDO ने अपने एनुअल रिपोर्ट में इस मिसाइल का जिक्र किया था।
3. पृथ्वी मिसाइल की तकनीक
प्रलय मिसाइल, भारत की तीन शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल प्रहार, पृथ्वी-2 और पृथ्वी-3 मिसाइल की तकनीक से मिलकर बनी है। प्रलय की टारगेट ध्वस्त करने की सटीकता 10 मीटर यानी 33 फीट है। यानी जितना इलाका चुना है, उतना ही बर्बाद होगा।
प्रलय मिसाइल, भारत की तीन शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल प्रहार, पृथ्वी-2 और पृथ्वी-3 मिसाइल की तकनीक से मिलकर बनी है। प्रलय की टारगेट ध्वस्त करने की सटीकता 10 मीटर यानी 33 फीट है। यानी जितना इलाका चुना है, उतना ही बर्बाद होगा।
4. रात के समय में भी हमला किया जा सकता है
दिसंबर 2021 में लगातार दो दिन में दो बार इस मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था। तब से भारतीय सेना में इसे शामिल करने की कवायद चल रही है। प्रलय, चीन की डोंगफेंग मिसाइल का मुकाबला करेगी। खास बात यह है कि इससे रात को भी हमला किया जा सकता है।
दिसंबर 2021 में लगातार दो दिन में दो बार इस मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था। तब से भारतीय सेना में इसे शामिल करने की कवायद चल रही है। प्रलय, चीन की डोंगफेंग मिसाइल का मुकाबला करेगी। खास बात यह है कि इससे रात को भी हमला किया जा सकता है।
5. पड़ोसियों की इन मिसाइलों को देगी टक्कर
चीन के पास प्रलय के स्तर की डोंगफेंग-12 मिसाइल है। जबकि, पाकिस्तान के पास गजनवी, एम-11 और शाहीन मिसाइल है। गजनवी, एम-11 पाकिस्तान को चीन से मिली है। गजनवी 320 किलोमीटर, एम-11 350 किलोमीटर और शाहीन 750 किलोमीटर रेंज की मिसाइलें हैं।
चीन के पास प्रलय के स्तर की डोंगफेंग-12 मिसाइल है। जबकि, पाकिस्तान के पास गजनवी, एम-11 और शाहीन मिसाइल है। गजनवी, एम-11 पाकिस्तान को चीन से मिली है। गजनवी 320 किलोमीटर, एम-11 350 किलोमीटर और शाहीन 750 किलोमीटर रेंज की मिसाइलें हैं।
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