25 राज्यों में फैला किसान आंदोलन

किसानों का भारत बंद सफल प्रदर्शन के दौरान दिल्ली-सिंघु बॉर्डर पर दिल का दौरा पडऩे से एक किसान की मौत
नई दिल्ली। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ सोमवार को बुलाया गया किसानों का भारत बंद पूरी तरह सफल रहा। सुबह 6 से शाम 4 बजे तक रहे बंद के दौरान कई नेशनल और स्टेट हाईवे ब्लॉक रहे। कई रूट डायवर्ट करने पड़े। ट्रेनों की आवाजाही भी प्रभावित रही। दिल्ली से जाने वाले कई ट्रेनें रद्द कर दी गईं। बंद का असर हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में ज्यादा दिखाई दिया, जबकि 25 राज्यों में आंदोलन का प्रभाव दिखा।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत कहा कि भारत बंद पूरी तरह कामयाब रहा। अब संयुक्त किसान मोर्चा आगे की रणनीति बनाएगा। इस बीच प्रदर्शन के दौरान दिल्ली-सिंघु बॉर्डर पर एक किसान की मौत हो गई। पुलिस का कहना है कि दिल का दौरा पडऩे से उसकी जान गई है। मृतक किसान की पहचान भगेल राम के तौर पर हुई है। पुलिस अधिकारी ने कहा कि पोस्टमॉर्टम के बाद इसे लेकर ज्यादा जानकारी दी जा सकेगी। कांग्रेस, आरजेडी, आम आदमी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और लेफ्ट पार्टियों ने भारत बंद का समर्थन किया। अखिल भारतीय बैंक अधिकारी परिसंघ से भी बंद को समर्थन मिला। वहीं, सरकार ने किसानों से अपील की है कि वे आंदोलन छोड़कर बातचीत का रास्ता अपनाएं। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार किसानों की आपत्तियों पर विचार करने के लिए तैयार है।
हरियाणा में व्यापक असर
किसानों ने हिसार, हांसी, फतेहाबाद, भिवानी और सिरसा जिलों में सुबह ही सड़कें और ट्रैक बंद कर दिए। किसानों ने 213 जगहों पर सड़क जाम और 8 पॉइंट पर ट्रैक रोकने का अल्टीमेटम प्रशासन को दिया था। वहीं रोहतक में 7 एनएचको किसानों ने 10 जगह जाम किया। पानीपत जिले में 4 जगहों पर किसान इकट्ठे हुए। वहीं दिल्ली-रेवाड़ी-जयपुर हाईवे बंद किया गया। जयसिंहपुर खेड़ा बॉर्डर पर धरनारत किसानों ने सर्विस लेन को भी बंद कर दिया। करनाल में बंद के दौरान कुछ युवक लाठी-डंडे लेकर बाजार और दुकानों को बंद करवाने के लिए सड़कों पर उतर आए। दुकानें बंद करवाए जाने से दुकानदारों ने गुस्सा जताया, हालांकि तोडफ़ोड़ की आंशका के मद्देनजर उन्होंने दुकानें बंद कर दीं। स्टेट हाईवे समेत जिले में 13 जगह जाम लगा। एसपी करनाल गंगाराम पुनिया ने बताया कि जहां जाम लगाया वहां से ट्रैफिक डायवर्ट किया गया। पुलिस भी बाजारों में रही ताकि कोई व्यक्ति दुकानदारों पर जबरन दबाव न बनाए। ड्यूटी मजिस्ट्रेट की निगरानी में वीडियोग्राफी करवाई गई।
एनएच 19 और पानीपत-हरिद्वार रोड पर जाम
पलवल में किसानों ने एनएच 19 को किसान धरना स्थल के पास पूरी तरह जाम कर दिया। जाम के कारण हाईवे के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई। मौके पर भारी पुलिस बल भी मौजूद है। वहीं पानीपत में उग्राखेड़ी, सनौली रोड को किसान संगठनों ने ब्लॉक कर दिया। रोड 2 राज्यों हरियाणा और उत्तर प्रदेश को जोड़ता है। किसानों ने ट्रैक्टर ट्रॉली खड़ी कर रोड को पूरी तरह बंद कर दिया। सिर्फ जरूरी सेवाएं जैसे एंबुलेंस और अन्य इमरजेंसी को ही जाने की छूट दी। रामनिवास मलिक ने कहा कि तीन काले कानूनों से किसान आहत हैं और इसलिए सड़कों पर उतरे।
ट्रेनों की आवाजाही पर भी पड़ा असर
हरियाणा और पंजाब से गुजरने वाली ट्रेनों पर भी बंद का व्यापक असर दिखा। पंजाब में रेलवे ने 27 ट्रेनें रद्द कर दीं। इनमें 13 प्रदेश से बाहर और 14 भीतर चलने वाली हैं। वहीं कालका-न्यू दिल्ली शताब्दी स्पेशल समेत 8 ट्रेनें शार्ट टर्मिनेट की गईं। वहीं हरियाणा के कुरुक्षेत्र रेलवे स्टेशन पर मालवा एक्सप्रेस और दादर एक्सप्रेस कुछ टाइम पहले आकर खड़ी हुई। दोनों ट्रेन यहीं खड़ी रहेंगी। मालवा एक्सप्रेस वैष्णो देवी, कटरा जा रही थी और दादर एक्सप्रेस अमृतसर। करनाल में स्वराज एक्सप्रेस को रोका गया, इस ट्रेन के यात्रियों के लिए गुरुद्वारा डेरा कार सेवा ने लंगर लगाया।
पंजाब में बंद से बढ़ी परेशानी
पंजाब में बंद के मद्देजनर किसानों ने हाईवे और रेल ट्रैक पर डेरा जमाया। जाम से दिल्ली-अमृतसर-पठानकोट हाईवे बंद रहा। जालंधर में ही 2000 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी व्यवस्था संभालने के लिए लगाए गए। लुधियाना में किसान लाडोवाल टोल प्लाजा, एमबीडी मॉल, भारत नगर चौक और जगराओं पुल समेत 18 जगह बंद कर बैठे। व्यापारियों ने भी किसानों को समर्थन देते हुए पूरे बाजार बंद करवा दिए।
यूपी में किसानों ने चक्का जाम किया
कृषि कानूनों के विरोध में यूपी, हरियाणा, पंजाब और दूसरे राज्यों के किसान 10 महीने से धरना दे रहे हैं। कई जगहों पर व्यापारी वर्ग, वकीलों और छात्र भी किसानों के भारत बंद का समर्थन किया। वेस्ट यूपी के 27 जिलों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए। सभी मुख्य मार्गों और हाईवे पर किसानों ने चक्का जाम किया।अखिल भारतीय किसान सभा के अध्यक्ष अशोक धवले ने कहा कि भारत बंद को पिछले कई साल में इतना समर्थन कभी नहीं मिला था। 25 से ज्यादा राज्यों में बंद कामयाब हुआ है। जब तक किसान विरोधी कानून वापस नहीं लिए जाते और रूस्क्क की गारंटी देने वाला केंद्रीय कानून न हो, हम तब तक संघर्ष करने के लिए तैयार हैं।
किसानों का अहिंसक सत्याग्रह आज भी अखंड:राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट करके कहा कि किसानों का अहिंसक सत्याग्रह आज भी अखंड है, लेकिन शोषण-कार सरकार को ये नहीं पसंद है। इसलिए आज भारत बंद है। वहीं, कांग्रेस नेता जयवीर शेरगिल ने कहा कि आज एक साल हो गया है, जब तीन काले कानूनों के द्वारा देश की किसानी और किसान पर काले बादल ला दिए गए थे। आज हर भारतवासी को भाजपा का जो लक्ष्य है… किसान और किसानी खत्म उसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए, भारत बंद का समर्थन करके।

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