जिला अस्पताल मे मचा कोहराम, मामले को छिपाता रहा प्रबंधन
शहडोल/सोनू खान। शासकीय कुशाभाऊ ठाकरे जिला अस्पताल शहडोल में डॉक्टरों से लेकर अस्पताल के जिम्मेदार अधिकारी तक लापरवाह हो गए हैं। आए दिन इस अस्पताल में कोई न कोई नया कारनामा देखने को मिलता है। जिस अस्पताल को प्रदेश के मुखिया ने प्रदेश का नंबर वन हॉस्पिटल बनाया था उस हॉस्पिटल में अब नवजात भी सुरक्षित नहीं है। यह अस्पताल हाथी दांत साबित हो रहा है, देखने को तो इस अस्पताल में शासकीय राशि का खूब उपयोग हो रहा है लेकिन मरीज को किसी भी प्रकार का कोई फायदा नहीं मिलता, पर यह जरूर कह सकते हैं कि यहां कार्यरत डॉक्टर व जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी के जलवे दिनोंदिन सातवें आसमान पर पहुंचते जा रहे हैं क्योंकि अस्पताल के जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी पर खरे नहीं उतर रहे हैं जिसके कारण उनके अधिनस्थ कर्मचारी लापरवाह हो गए हैं। वही शासकीय राशि का सब लोग मिलाकर दुरपयोग कर रहे है। अस्पताल में २४ घन्टे के भीतर ५ बच्चो की मौत, २४ घन्टे के अंदर ४ बच्चो के बाद १ और बच्ची की मौत, वहीं अस्पताल प्रबंधन ५ बच्चों की मौत का मामले को दबाने का प्रयास करने में कोई कसर नहीं छोड़ा है परिजनों के बताने पर ही मामला उजागर हुआ पूर्व में भी हुए ६ बच्चों की मौत के मामले में अस्पताल प्रबंधन मामले को छुपाता रहा जबकि परिजनों से ही इस बात की जानकारी मीडिया के माध्यम से प्रशासन तक पहुंचा था।
इन बच्चों की हुई मौत
शहडोल संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल कुशा भाऊ ठाकरे अस्पताल पहले २४ घन्टे के अंदर ४ नवजात की उपचार के दौरान मौत हो गई। २४ घन्टे के अंदर एसएनसीयू और पीआईसीयू ४ बच्चो की मौत हुई है। जिसको लेकर हड़कंप मच गया था। कुछ ही समय बीता था कि एक और बच्ची की मौत की खबर ने लोगो को झीकोर कर रख दिया। २४ घंटे के अंदर पहले जिन बच्चो की मौत हुई उनमें बुढ़ार के अरझूली का ४ माह का बच्चा पुष्पराज, सिंहपुर के बोडरी का ३ माह का बच्चा राज कोल, २ माह का प्रियांश, व उमरिया जिले के ३ दिन की निशा मौत हुई है। जिसके कुछ देर बाद जिला मुख्यालय के सोहागपुर अंतर्गत ग्राम कटहरी के मुकेश बैगा की ३ माह की बच्ची काजल में भी दम तोड़ दिया।
पहले भी हुई थी घटना
इस घटना को जिला अस्पताल प्रबंधन लगातार छिपाने का प्रयास कर रहा था। वही मृत बच्चो के परिजन बच्चो की मौत के लिए अस्पताल प्रबंधन को जिम्मेवार ठहरा रहे है। नवजात की मौत की खबर लगते ही शहडोल से लेकर भोपाल तक हड़कंप मच गया है । वही ४ बच्चो की मौत के बाद अस्पताल प्रबंधन बच्चो के मौत का मामला छिपाता रहा। २४ घन्टे के भीतर ५ बच्चो की मौत का यह कोई पहला मामला नही है बल्कि पूर्व में भी २४ घन्टे के अंदर ६ बच्चो की मौत से हड़कंप मच गया था। जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्री शहडोल आना पड़ा था। जिसके बाद सिविल सर्जन व सीएमचो को हटाया था तब जाकर मामला शांत हुआ था। तब भी सीएमएचओ राजेश पांडेय थे और अब भी सीएमएचओ राजेश पांडेय ही है। एक बार फिर २४ घन्टे के अंदर ४ बच्चो के मौत के मामले में जिला अस्पताल प्रबंधन एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गया है।
कांग्रेस ने सीएमएचओ के खिलाफ हल्ला बोला
कुशाभाऊ ठाकरे जिला चिकित्सालय शहडोल में २४ घंटे के अंदर ४ नवजात शिशुओं की मौत को लेकर कांग्रेस ने सीएमएचओ के खिलाफ हल्ला बोल दिया है। जिला कांग्रेस अध्यक्ष आजाद बहादुर सिंहपुर के निर्देश पर आईटी सेल के जिला अध्यक्ष समी खान बंटी अपने साथियों के साथ जिला अस्पताल के सामने धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका आरोप है कि जिला अस्पताल प्रबंधन द्वारा घोर लापरवाही बरती जा रही है। लगातार २४ घंटे के अंदर ४ नवजात शिशु की मौत का मामला फिर से उजागर हुआ है। कांग्रेस इस मामले को लेकर सीएमएचओ को हटाने की मांग कर रही है। साथ ही जिम्मेदारियों के खिलाफ कार्रवाई की आवाज उठा रही है।
24 घण्टे मे 5 नवजात की मौत
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