डॉक्टर बोले- दुनिया का पहला ऐसा मामला
रांची। रांची में 23 दिन की बच्ची के पेट से आठ भ्रूण निकाले गए हैं। डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों के पेट से भ्रूण निकलने के मामले रेयर होते हैं। आठ भ्रूण निकलने का तो यह दुनिया का पहला केस है।यह मामला झारखंड के रामगढ़ का है। बच्ची का इलाज रांची के रानी चिल्ड्रन हॉस्पिटल में चल रहा था। ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर ने बताया कि बच्ची का जन्म 10 अक्टूबर को हुआ तब उसके पेट में सूजन थी। दो दिन बाद उसे रानी चिल्ड्रन अस्पताल में भर्ती किया गया।CT स्कैन देखने पर लगा कि पेट में डर्माइट सिस्ट हो सकती है। शुरुआती इलाज के बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया गया और 21 दिन बाद बुलाया गया। 2 नवंबर यानी बुधवार को उसका ऑपरेशन हुआ तो 8 भ्रूण निकले।
इसे फीटस इन फीटू कहते हैं
बच्ची का ऑपरेशन करने वाले डॉ. इमरान ने कहा, ‘इसे फीटस इन फीटू कहते हैं। दुनिया में 5-10 लाख बच्चों में से किसी एक में ऐसा मामला आता है। दुनियाभर में अब तक ऐसे 200 से भी कम केस मिले हैं। उन मामलों में भी नवजात के पेट से एक या दो भ्रूण निकाले गए। 8 भ्रूण निकलने का यह दुनिया का पहला मामला है।देश में अब तक ऐसे 10 केस पटना की गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. अनुपमा शर्मा का कहना है कि फीटस इन फीटू में बच्चे के पेट में ही बच्चा बनने लगता है। गर्भ में एक से ज्यादा बच्चे पल रहे होते हैं तो भ्रूण के विकास के दौरान जो सेल्स बच्चे के अंदर चले गए, वो भ्रूण बच्चे के अंदर बनने लगता है। हालांकि सेल्स कैसे अंदर जाता है, इसका कोई पुख्ता कारण नहीं है। जो भी कारण बताए जाते हैं वे सिर्फ अनुभव के आधार पर ही हैं।
बच्चे के पेट में बच्चा होने का अनुमान कैसे लगता है
लक्षणों की बात की जाए तो नवजात के पेल्विस यानी पेड़ू के हिस्से में सूजन रहती है, एक लंप रहता है। पेशाब आनी बंद हो जाती है। बहुत दर्द होता है। इन लक्षणों के बाद डॉक्टर जांच करते हैं, जिससे इसका पता चलता है।
लक्षणों की बात की जाए तो नवजात के पेल्विस यानी पेड़ू के हिस्से में सूजन रहती है, एक लंप रहता है। पेशाब आनी बंद हो जाती है। बहुत दर्द होता है। इन लक्षणों के बाद डॉक्टर जांच करते हैं, जिससे इसका पता चलता है।
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