21वीं सदी में भारत के पास ग्लोबल लीडर के तौर पर उभरने का अवसरः प्रधानमंत्री

अहमदाबाद । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कहा कि 21वीं सदी में भारत के पास ग्लोबल लीडर के तौर पर उभरने का अवसर है और केंद्र सरकार इन अवसरों के संदर्भ में ही नीति-निर्माण का कार्य कर रही है। यह बात उन्होंने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अहमदाबाद के वैष्णो देवी मंदिर के निकट नवनिर्मित सरदार धाम भवन का लोकार्पण और सरदार धाम फेज-2 कन्या छात्रालय का भूमिपूजन करते हुए करते हुए कही। उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संदर्भ में कहा कि प्रतिस्पर्धी दुनिया में भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए भारत ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कौशल वर्धन को बड़ी प्राथमिकता दी है जो भारत की नई पीढ़ी को वास्तविकताओं का सामना करने के लिए तैयार करेगी। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कोरोना काल का जिक्र करते हुए कहा कि कोरोना के मुश्किल वक्त में जब वैश्विक अर्थव्यवस्थाएं रक्षात्मक नीति अपना रही थीं, तब भारत ने सुधार की नीति अपनाकर विकास यात्रा को आगे बढ़ाया है। प्रधानमंत्री ने आज 11 सितंबर (9/11) की तारीख का उल्लेख करते हुए कहा कि दुनिया में इस तारीख को कई कारणों से जाना जाता है। इसी दिन मानवता पर (अमेरिकी ट्विन टावर पर हमला) प्रहार हुआ था और यही वह दिन है जब 1893 में शिकागो की विश्व धर्म परिषद में स्वामी विवेकानंद ने दुनिया को भारत के मानवीय मूल्यों से परिचित कराया था। इन दोनों घटनाओं का संदर्भ देते हुए मोदी ने कहा कि आज दुनिया इस बात को महसूस कर रही है कि 9/11 जैसी त्रासदी का स्थायी समाधान मानवता के मूल्यों में ही निहित है। मोदी ने तमिल कवि एवं दार्शनिक सब्रमण्यम भारती की 100वीं पुण्यतिथि का स्मरण करते हुए बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में सुब्रमण्यम भारती के नाम पर एक पीठ की स्थापना करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ आर्ट्स में तमिल अध्ययन पर ‘सुब्रमण्यम भारती पीठ’ की स्थापना की जाएगी। प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को गणेश चतुर्थी एवं ऋषि पंचमी के साथ ही जैनों के पवित्र पर्यूषण पर्व के अंतिम दिन क्षमावाणी दिवस की शुभकामनाएं दीं और मिच्छामी दुक्कड़म कहा।
पीएम मोदी ने कहा कि जब उन्होंने भारत के समक्ष ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का विचार रखा था, तब यह पूरा देश इस प्रयास का हिस्सा बना गया और इस तरह सरदार की प्रतिमा देश की एकता की प्रतीक बनकर खड़ी है। उन्होंने कहा कि सरदार धाम ने केवल देश के भविष्य के निर्माण के प्रतिष्ठान का कार्य करेगा, बल्कि यह सरदार साहेब के विचारों से युवाओं को प्रेरित भी करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि समाज के उन वर्गों को आगे लाने के लिए लगातार कोशिशें की जा रही हैं जो पीछे छूट गए हैं। उन्होंने कहा कि आज एक तरफ जहां दलितों और सामाजिक रूप से पिछड़े लोगों के हकों के लिए काम हो रहा है, वहीं आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को 10 फीसदी आरक्षण भी दिया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये कोशिशें समाज में एक नया भरोसा पैदा कर रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भविष्य में बाजार में हमारे युवाओं से जो कौशल अपेक्षित है उसके लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति छात्रों को शुरू से ही तैयार करेगी। उन्होंने कहा कि ‘कौशल भारत मिशन’ भी देश के लिए एक बड़ी प्राथमिकता है। इस मिशन के तहत लाखों युवाओं को विभिन्न कौशल सीखने का मौका मिला है और वे स्वतंत्र हो रहे हैं। राष्ट्रीय शिक्षुता संवर्धन योजना (एनएपीएस) के तहत छात्रों को कौशल विकास के तहत अपने कौशल को निखारने के साथ-साथ अपनी आय बढ़ाने का मौका मिल रहा है। उन्होंने कहा कि ये कई वर्षों के निरंतर प्रयासों का परिणाम ही है कि आज गुजरात में जहां एक तरफ स्कूल ड्रॉपआउट रेट 1 फीसदी से भी कम हो गया है, वहीं लाखों युवाओं को विभिन्न योजनाओं के जरिए एक नया भविष्य प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि आज गुजरात के युवाओं की प्रतिभा को स्टार्टअप इंडिया जैसे अभियान से एक नया इकोसिस्टम मिल रहा है।
प्रधानमंत्री ने पाटीदार समाज की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे जहां भी जाते हैं, व्यापार को एक नई पहचान देते हैं। उन्होंने कहा, “आपके इस कौशल को अब न सिर्फ गुजरात और देश में बल्कि पूरी दुनिया में पहचाना जा रहा है।” उन्होंने कहा कि पाटीदार समाज की एक और बड़ी विशेषता है कि वे चाहे कहीं पर भी हों, उनके लिए भारत का हित सर्वोपरि है। पीएम मोदी ने कहा कि इस महामारी ने भारत को प्रभावित किया है लेकिन नुकसान की तुलना में हमारी रिकवरी कहीं ज्यादा तेजी से हो रही है। जब बड़ी अर्थव्यवस्थाएं रक्षात्मक मुद्रा में थीं, तब भारत सुधार की मुद्रा में था। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब सारी वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला बाधित हो रही थी, तब हम इस लहर को भारत के पक्ष में मोड़ने के लिए पीएलआई योजनाएं शुरू कर रहे थे। उन्होंने कहा कि टेक्सटाइल में हाल ही में शुरू की गई पीएलआई से सूरत जैसे शहरों को काफी फायदा होगा।

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