2020 मे कोरोना की दवा आने की संभावना नही

 
स्वास्थ्य मे मंत्री डा. हर्षवर्धन ने किया खुलासा, देश मे 47.88 लाख केस
नईदिल्ली। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन बोले- कोरोना की वैक्सीन २०२१ की शुरूआत में आ सकती है, फोकस हाई रिस्क वालों पर होगा; नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कोरोना वैक्सीन को लेकर अच्छी खबर दी है। उन्होंने कहा कि अगले साल यानी २०२१ की शुरूआत तक वैक्सीन आ सकती है। हालांकि, अभी कोई डेट देना मुमकिन नहीं होगा। डॉ. हर्षवर्धन ने सोशल मीडिया पर अपने फॉलोअर्स के सवालों के जवाब में कहा कि एक बार वैक्सीन आने के बाद सरकार का पूरा फोकस हाई रिस्क वालों पर होगा। इनमें पहले से बीमार लोग, बुजुर्ग शामिल हैं। इन्हें सबसे पहले वैक्सीन दी जाएगी। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन को लेकर बनी नेशनल एक्सपर्ट कमेटी प्लान बना रही है, जिससे वैक्सीन को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जा सके। उन्होंने कहा कि वैक्सीन तैयार करने में सभी तरह की सावधानी बरती जा रही है। इस बीच, देश में कोरोना मरीजों का आंकड़ा ४७ लाख ८८ हजार ४८४ हो गया है। राहत की बात यह है कि इनमें ३७ लाख ३० हजार ८९४ लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि ९ लाख ७७ हजार ९८९ मरीजों का इलाज अभी चल रहा है। संक्रमण के चलते अब तक ७८ हजार ९३० मरीजों की मौत हो चुकी है।
सबसे ज्यादा इन राज्यों मे कोरोना से जान
देश में इस महामारी के कारण मरने वाले लोगों की संख्या ७८,५८६ हो गई है। इनमें से २९,११५ लोगों की मौत महाराष्ट्र में, ८,३०७ की तमिलनाडु में, ७,१६१ की कर्नाटक में, ४,८४६ की आंध्र प्रदेश में, ४,७१५ की दिल्ली में, ४,३४९ की उत्तर प्रदेश में, ३,८८७ की पश्चिम बंगाल में, ३,१९५ की गुजरात में, २,२८८ की पंजाब में और १,७२८ लोगों की मौत मध्यप्रदेश में हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि संक्रमण से मौत के ७० फीसदी से अधिक मामलों में पीडि़त अन्य बीमारियों से भी ग्रस्त थे। मंत्रालय ने कहा, हमारे आंकड़ों का मिलान आईसीएमआर के आंकड़ों से किया जा रहा है।
मप्र मे ऑक्सीजन न मिलने से 4 मरीजों की मौत
कोरोना मरीजों के लिए संजीवनी का काम रही है ऑक्सीजन, लेकिन देश में ऑक्सीजन के संकट से मरीजों की जान पर आफत मंडराने लगी है। मध्य प्रदेश में ऑक्सीजन न मिलने से चार मरीजों की मौत हो गई। गुजरात में ऑक्सीजन की कमी के कारण मरीजों को दूसरे अस्पताल भेजा रहा है। वहीं, लॉकडाउन में किल्लत शुरू होने के बाद यूपी, पंजाब, दिल्ली व छत्तीसगढ़ के कुछ शहरों मे कालाबाजारी के मामले सामने आए हैं। देश में ६४०० मीट्रिक टन ऑक्सीजन उत्पादन में से मात्र एक हजार मीट्रिक टन का इस्तेमाल अस्पतालों में लाया जाता है। बाकी का उद्योंगों के काम लिया जाता है। केंद्र का दावा है पर्याप्त मात्रा में उत्पादन हो रहा है। हालांकि छह माह से आपूर्ति लडखड़़ाई है, अब हालात बिगडने लगे हैं। समस्या बढ़ते देख महाराष्ट्र सरकार ने ऑक्सीजन निर्माता कंपनियों को कुल उत्पादन का ८० फीसदी हिस्सा चिकित्सा क्षेत्र में देने को कहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय भी राज्यों को ऑक्सीजन आपूर्ति बनाए रखने को लेकर ताकीद कर चुका है। प्रदेश में कोरोना का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। यहां बीते ४३ दिन में ८५२ मौतें हुई हैं। शनिवार को प्रदेश में ३७ मौतें हुईं, जो ६ महीने में एक दिन में सबसे ज्यादा हैं। शनिवार को भोपाल में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा के ओएसडी की भी कोरोना से मौत हो गई। वहीं, ५२ जिलों में से सिर्फ डिंडौरी ही इकलौता है, जहां कोरोना से कोई मौत नहीं हुई।

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