एक-एक वोट के गुणा-भाग मे जुटे प्रत्याशी, 28 सीटों पर होगा उपचुनाव
भोपाल। मध्य प्रदेश में २८ सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव को लेकर मंगलवार यानि ३ नवंबर को मतदान होगा। मदतान के साथ ही प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में बंद हो जाएगी। इस बार सियासी रण में ऐसे प्रत्याशी भी मैदान में हैं जो साल २०१८ के चुनाव में सबसे ज्यादा मतों से जीत हासिल की थी। साथ ही कुछ ऐसे प्रत्याशी भी चुनाव लड़ रहे हैं जिनकी जीत का अंतर सबसे कम था। ५७ हजार से ज्यादा रिकॉर्ड वोटों से इमरती देवी ने जीत हासिल की थी तो हरदीप ङ्क्षसह डंग मात्र ३५० वोटों से जीते थे। विधायकी से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल होने वाले २५ पूर्व विधायकों को अपनी जीत की ङ्क्षचता सताए हुए है। इसलिए चुनाव प्रचार के बाद वे एक-एक वोट का गणित लगा रहे हैं। दरअसल, उपचुनाव में जिस भी पूर्व विधायक की हार होगी, उसकी राजनीति पर ग्रहण लग जाएगा।
रिकार्ड मतों से जीतने वाले भी डरे
२०१८ के चुनाव में सबसे ज्यादा रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज कराने वाले पांच प्रत्याशी कांग्रेस से ही थे। इमरती देवी, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, रक्षा सिरोनिया, महेंद्र सिंह सिसोदिया और ओपीएस भदौरिया सबसे ज्यादा मतों से जीते थे। डबरा से इमरती देवी ५७४४६ वोटों से जीती थी। बदनावर से राजवर्धन सिंह दत्तीगांव ४१५०६ मतों से जीते थे। भांडेर से रक्षा सिरोनिया ३९८९६ मतों से जीती थी। बमोरी से महेंद्र सिंह सिसोदिया २७९२० मतों से जीते थे। इसी तरह मेहगांव से ओपीएस भदौरिया ने २५८१४ रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की थी। लेकिन इस बार पांचों प्रत्याशी दल बदल कर कांग्रेस छोड़ भाजपा के टिकट पर उपचुनाव में मैदान में है। इन सभी के सामने रिकॉर्ड मतों को बरकरार रखने की चुनौती है।
प्रात: 7 बजे से सायं 6 बजे तक होगा मतदान
प्रदेश के १९ जिलों के २८ विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उप निर्वाचन के लिये ३ नवम्बर को प्रात: ७ बजे से सायं ६ बजे तक मतदान होगा। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्यप्रदेश द्वारा लोकतंत्र की मजबूती के लिये मतदाताओं से अधिक से अधिक संख्या में मतदान करने की अपील की गई है। संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मोहित बुंदस ने बताया कि कोविड-१९ से सुरक्षित मतदान के लिये मतदान केन्द्रों पर सभी आवश्यक व्यवस्थाएं पूरी की गई हैं।
कमलनाथ को सुप्रीम कोर्ट से राहत
मध्य प्रदेश की २८ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से स्टार प्रचारक का दर्जा छीनने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग के आदेश पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह आपके अधिकार क्षेत्र में नहीं है। बता दें कि कांग्रेस का तर्क था कि स्टार प्रचारक का दर्जा चुनाव आयोग नहीं देता है। यह पार्टी तय करती है, तो चुनाव आयोग उससे यह कैसे छीन सकता है। इससे पहले, राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि चुनाव आयोग की कार्रवाई अलोकतांत्रिक है। आयोग ने बिना नोटिस दिए कमलनाथ को स्टार प्रचारक की सूची से अलग कर दिया। इसे लेकर कांग्रेस ने ई-फाइल के जरिए कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट दो दिन अवकाश के कारण बंद होने के बाद सोमवार को खुला था। चुनाव आयोग ने शुक्रवार को जारी आदेश में कहा, आदर्श आचार संहिता के बार-बार उल्लंघन और उसके लिए जारी की गई सलाह की अनदेखी करने के लिए आयोग ने कमलनाथ का स्टार प्रचारक का दर्जा खत्म करने का निर्णय लिया है।