2020 में बोडो समझौते ने स्थायी शांति के द्वार खोले
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कार्बी आंगलोंग जिले के दीफू में ‘शांति, एकता और विकास रैली’ को संबोधित किया। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने विभिन्न परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी। प्रधानमंत्री ने पशु चिकित्सा महाविद्यालय (दीफू), डिग्री कॉलेज (पश्चिम कार्बी आंगलोंग) और कृषि महाविद्यालय (कोलोंगा, पश्चिम कार्बी आंगलोंग) की आधारशिला रखी। 500 करोड़ रुपये से अधिक की ये परियोजनाएं क्षेत्र में कौशल और रोजगार के नए अवसर लेकर आएंगी। प्रधानमंत्री ने 2950 से अधिक अमृत सरोवर परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी। राज्य इन अमृत सरोवरों को लगभग 1150 करोड़ रु की संचयी लागत से विकसित करेगा। असम के राज्यपाल जगदीश मुखी और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भी उपस्थित लोगों में शामिल थे। प्रधानमंत्री ने कार्बी आंगलोंग के लोगों को उनके द्वारा गर्मजोशी से स्वागत करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने आजादी का अमृत महोत्सव और असम के महान सपूत लचित बोरफुकन की 400वीं वर्षगांठ के संयोग को एक ही समय अवधि में पड़ने के बारे में चर्चा की। प्रधानमंत्री ने कहा, “लचित बोरफुकन का जीवन राष्ट्रभक्ति और राष्ट्रशक्ति की प्रेरणा है। कार्बी आंगलोंग से देश के इस महान नायक को मैं नमन करता हूं। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘डबल इंजन’ की सरकार सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की भावना से काम करती है। उन्होंने कहा, “आज ये संकल्प कार्बी आंगलोंग की इस धरती पर फिर सशक्त हुआ है। असम की स्थाई शांति और तेज विकास के लिए जो समझौता हुआ था, उसको जमीन पर उतारने का काम तेजी से चल रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि आज असम में भी 2600 से अधिक अमृत सरोवर बनाने का काम शुरू हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरोवरों का निर्माण पूरी तरह से जनभागीदारी पर आधारित है। उन्होंने कहा कि ऐसे सरोवरों की तो जनजातीय समाज में एक समृद्ध परंपरा रही है। उन्होंने कहा कि इससे गांवों में पानी के भंडार तो बनेंगे ही, इसके साथ-साथ ये कमाई के भी स्रोत बनेंगे।

