20 जुलाई से शुरू होगा संसद का मानसून सत्र, 23 दिनी सत्र में होंगी 17 बैठकें

मानसून सत्र में पेश हो सकता है यूसीसी बिल
नई दिल्ली। संसद का मॉनसून सत्र 20 जुलाई से शुरू होकर 11 अगस्त तक चलेगा। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने शनिवार को यह जानकारी दी। जोशी ने ट्वीट किया, संसद का मानसून सत्र, 2023 आगामी 20 जुलाई से शुरू होकर 11 अगस्त तक चलेगा। 23 दिन तक चलने वाले इस सत्र में कुल 17 बैठकें होंगी। उन्होंने कहा, मैं सभी पार्टियों से सत्र के दौरान संसद के विधायी और अन्य काम-काज में रचनात्मक योगदान देने की अपील करता हूं।संसद का मानसून सत्र हंगामेदार रहने की संभावना है क्योंकि अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर प्रमुख विपक्षी दलों ने नरेन्द्र मोदी नीत भाजपा सरकार के खिलाफ मोर्चेबंदी शुरू कर दी है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समान नागरिक संहिता की वकालत करने के बाद कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया आई है। सूत्रों के अनुसार सत्र की शुरुआत पुराने संसद भवन में होगी और बाद में नये संसद भवन में बैठक हो सकती हैं।
यूसीसी बिल हो सकता है पेश
आसन्न सत्र में केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अध्यादेश की जगह लेने के लिए विधेयक ला सकती है जो सेवा मामलों में दिल्ली सरकार को विधायी एवं प्रशासनिक नियंत्रण देने वाले उच्चतम न्यायालय के फैसले को निष्प्रभावी कर देगा। इसके अलावा सरकार राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एनआरएफ) विधेयक 2023 को संसद में पेश कर सकती है जिससे राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एनआरएफ) की स्थापना का मार्ग प्रशस्त होगा। खबरों का बाजार इस बात से गर्माया हुआ है कि मोदी सरकार इस मानसून सत्र में समान नागरिक संहिता बिल पेश कर सकते है। यूसीसी कानून संबंधी बिल संसदीय समिति को भी भेजा सकता है।
मानसून सत्र रहेगा हंगामेदार
मानसून सत्र के दौरान दिल्ली के लिए लाए गए केंद्र सरकार के संशोधन बिल पर भी चर्चा हो सकती है। बता दें कि यह बिल सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के बाद लाया गया है, जिसमें दिल्ली में प्रशासन के लिए कोर्ट ने दिल्ली सरकार को अधिकृत किया है। इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी काफी मुखर है और विभिन्न पार्टियों का समर्थन जुटाकर केंद्र पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है। ऐसे में संसद के मानसून सत्र के दौरान इस पर खूब हंगामा देखने को मिल सकता है। मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर भी विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार को घेर सकती हैं।

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