नए वैरिएंट के खतरे के बीच सरकार का फैसला, 10 अप्रैल से शुरू होगा टीकाकरण
नई दिल्ली। 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को 10 अप्रैल से कोरोना वैक्सीन का तीसरा डोज लगाया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे प्रिकॉशन डोज नाम दिया है। हेल्थ वर्कर्स ओर 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को यह मुफ्त लगाया जाएगा, जबकि बाकी वयस्कों को भुगतान करना होगा। यह प्राइवेट वैक्सीनेशन सेंटर्स पर लगाया जाएगा। यह डोज सिर्फ उन्हीं लोगों को लगाया जाएगा जिनकी उम्र 18 साल से अधिक है और जिन्होंने दूसरा डोज नौ महीने या उससे पहले लगवाया था। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने बताया कि कोवीशील्ड के प्रिकॉशन डोज की कीमत 600 रुपए होगी। इस पर टैक्स भी लगेगा, जिसके बाद इसकी कीमत कुछ और होगी। पूनावाला ने बताया कि कोवावैक्स को जब बूस्टर डोज के तौर पर मान्यता मिलेगी तो इसकी कीमत 900 रुपए होगी। इसके ऊपर टैक्स भी लगेगा।
भारत में कोविड वैक्सीन के आंकड़े
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में 15 से अधिक उम्र वालों में से करीब 96% को लोग कोविड-19 का सिंगल डोज लग चुका है। जबकि 83% लोगों को दोनों डोज लगाए जा चुके हैं। हेल्थ वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60+ एज ग्रुप को 2.4 करोड़ से अधिक बूस्टर डोज लगाए गए हैं। 12 से 14 वर्ष आयु वर्ग के 45% लोगों ने भी पहली डोज ले ली है।
भारत में प्रिकॉशन डोज की क्यों जरूरत पड़ी
प्रिकॉशन डोज कोरोना वैक्सीन का ही तीसरा डोज है। इस डोज की आवश्यकता दुनियाभर में कोविड-19 के नए वैरिएंट के आने के बाद महसूस की गई। भारत में इस साल 10 जनवरी को फ्रंटलाइन वर्कर्स और गंभीर बीमारियों से ग्रसित 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को बूस्टर डोज देना शुरू किया था।
मुफ्त नहीं होगा तीसरा डोज
हेल्थकेयर कर्मचारी, फ्रंटलाइन स्टाफ और 60 साल से ऊपर के लोगों के लिए घोषित बूस्टर खुराक के विपरीत, तीसरा डोज अधिकांश वयस्कों के लिए मुफ्त नहीं होगा। पूनावाला ने एक न्यूज चैनल को बताया कि कोविशील्ड पर पहले की तरह 600 रुपये खर्च होंगे। कोवोवैक्स एक बार बूस्टर के रूप में स्वीकृत होने के बाद 900 रुपये में उपलब्ध होगा। उन्होंने बताया कि कोविशील्ड को बूस्टर खुराक के रूप में स्वीकृत किया गया है और कोवोवैक्स को आखिरकार बूस्टर के रूप में भी स्वीकृत किया जाएगा। पूनावाला ने कहा कि सीरम इंस्टिट्यूट उन अस्पतालों और वितरकों को बड़ी छूट देगा जो बूस्टर की पेशकश करेंगे।