18 दिन मे 7 फीसदी खरीद

18 दिन मे 7 फीसदी खरीद
धान उपार्जन की मंद गति, अब तक फसल ले कर पहुंचे 1037 किसान
उमरिया। जिले मे खरीफ फसल का उपार्जन शुरू होने को 18 दिन बीत जाने के बावजूद अब तक मात्र 7 प्रतिशत के आसपास की खरीदी हो सकी है। खाद्य विभाग का दावा है कि सभी केन्द्रों मे बारदाने पहुंचाये गये हैं। सांथ ही सभी जरूरी इंतजाम भी कर दिये गये हैं। हलांकि मौजूदा हालात उनके दावों पर खरे नहीं उतर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक शासन द्वारा 29 नवंबर से फसल खरीदी का कार्यक्रम घोषित किया गया था, जबकि खरीदी इसके 15 दिन बाद13 दिसंबर से शुरू हो सकी। उल्लेखनीय है कि उपार्जन का कार्य 21 जनवरी 2022 तक किया जाना है, इसमे भी सप्ताह मे दो दिन खरीद का कार्य बंद रहता है। मतलब अब उपार्जन के लिये मात्र 25 दिन शेष रह गये हैं। ऐसे मे बाकी बची 93 प्रतिशत से ज्यादा धान की खरीदी हो भी पायेगी या नहीं, इसमे संशय बना हुआ है।
9 लाख टन का लक्ष्य
बताया गया है कि इस बार जिले मे 9 लाख टन धान उपार्जन का लक्ष्य तय है। जिसमे से अब तक 1037 किसानो से सिर्फ 61 हजार 029 टन धान का उपार्जन हो सका है। इस लिहाज अभी 8 लाख 39 हजार 071 टन धान की खरीदी और होनी है। जिले के खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी बीएस परिहार ने बताया है कि उपार्जित धान का परिवहन भी शुरू हो गया है। उनका कहना है कि 34 हजार टन धान केन्द्रों से परिवहन कर गोदामो मे पहुंचा दी गई है।
बनाये गये हैं 41 केन्द्र
गौरतलब है कि धान उपार्जन हेतु जिले मे कुल 41 केन्द्र बनाये गये हैं। इनमे उमरिया, चंदिया, बेसहनी, भरेवा, कौडिया, नरवार, पथरहठा कोयलारी, पथरहठा, भरौला, सलैया दुब्बार खैल मैदान, मजमानीकला, बिलासपुर, पिण्ड्रा अखड़ार, करकेली, घुनघुटी, घुलघुली, छांदाखुर्द, ददरौड़ी, चौरी, मालाचुआ, कछराटोला, गढपुरी परासी, कौठिया पनपथा, उमरिया बकेली, मानपुर ओपन कैप खुटार, नौगवां, नौगवां छपरौड़ कैप, सिगुड़ी, अतिरिक्त केंद्र कैप खुटार, कुम्हरवाह डोडका, बल्हौड, इंदवार, गडरिया टोला, चिल्हारी, हर्रवाह, कोटरी, बरा, पड़वार आदि केन्द्र शामिल हैं।
कलेक्टर की दबिश का असर?
जिले मे धान के उपार्जन की रफ्तार न बढऩे के पीछे भी लोगों के अलग-अलग तर्क हैं। कुछ का कहना है कि आने वाले दिनो मे उपार्जन केन्द्रों मे अनाज की आमद बढ़ेगी। वहीं कुछ इसे हाल ही मे कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव द्वारा भण्डारित धान के खिलाफ की गई दबिश से भी जोड़ कर देख रहे हैं। जानकारों का मत है कि कई वर्षो से जिले मे कई दलाल सक्रिय हो गये थे, जिनके द्वारा स्थानीय किसानो अथवा अन्य जिलों से धान की खरीदी कर इसे उपार्जन केन्द्रों मे बेंचने का का कार्य कर रहे हैं। कलेक्टर की मुहिम से उनमे खलबली मची हुई है। हलांकि इस दौरान कुछ जायज किसानो पर भी कार्यवाही होने की बात कही जा रही है।

 

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