जोधपुर। जोधपुर में करीब 17.30 घंटे तक अपने परिवार को बंधक बनाकर रखने और रुक-रुककर अपने क्वाटर की बालकनी से फायरिंग करने वाले सीआरपीएफ के जवान नरेश जाट ने आखिरकार को खुद गोली मारकर आत्महत्या कर ली। नरेश ने रविवार शाम को अपने क्वाटर का दरवाजा बंद कर लिया था। उसके बाद उसने रुक-रुककर अपनी बालकनी में आकर फायरिंग शुरू कर दी थी। इससे सीआरपीएफ ट्रेनिंग सेंटर में हड़कंप मच गया था। जवान को समझाइश के सभी प्रयास फेल हुए। उसके बाद उसने सोमवार को सुबह करीब 11.30 खुद को गोली मार ली जिससे उसकी मौत हो गई।
नरेश जाट जोधपुर के सीआरपीएफ के प्रशिक्षण केंद्र में पदस्थापित था। रविवार शाम करीब छह बजे उसने अपनी पत्नी और 6 वर्षीय मासूम को वहां स्थित खुद के सरकारी क्वाटर में बंद कर लिया था। बाद में उसने क्वाटर की बालकनी में आकर फायरिंग कर दी थी। इससे सीआरपीएफ कैम्पस गूंज उठा। घटना की जानकारी मिलने पर सीआरपीएफ के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर समझाने का प्रयास किया, लेकिन नेरश ने ना ही अपने क्वाटर का दरवाजा खोला और न ही किसी की बात सुनी। इसकी सूचना पर बाद में रात को जोधपुर पुलिस कमिश्नर रविदत्त गौड़, जोधपुर डीसीपी डॉ अमृता दोहन और एसीपी राजेन्द्र दिवाकर समेत कई आला अधिकारी वहां पहुंचे और उसे समझाने का प्रयास किया। इस पर भी बात नहीं बनी, तब नरेश के पिता और दोस्तों को नरेश को समझाने के लिये बुलाया गया। लेकिन नरेश उनसे भी नहीं माना और पास आने पर गोली मार देने की धमकी देने लगा। बताया जा रहा है कि शाम करीब छह बजे से रात लगभग 2 बजे तक नरेश ने रुक-रुककर करीब एक दर्जन फायर किए थे। इससे पहले वह अपने साथ क्वाटर में 40 राउंड फायर साथ ले गया था। बताया जा रहा है कि सोमवार को सुबह उसने सीआरपीएफ के आईजी के समक्ष सरेंडर की शर्त रखी थी। इस पर सीआरपीएफ के आईजी विक्रम सहगल जयपुर से जोधपुर पहुंचे। आईजी से बात करने के बाद उसने सुबह करीब 11.30 बजे अपनी ठुड्डी के नीचे बंदूक रखकर गोली दाग दी जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। नरेश की पत्नी और बच्चा सुरक्षित है। घटना के कारणों का अभी तक खुलासा नहीं हो पाया है।
17.30 घंटे तक अपने परिवार को बंधक बनने वाले सीआरपीएफ जवान ने खुद को गोली मारी, पत्नी और बच्चा सुरक्षित
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