16 दलों का एक ही होगा कैंडिडेट

विपक्षी दलों की बैठक मे फैसला, राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए 3 नामो पर हुई चर्चा

नई दिल्ली। राष्ट्रपति उम्मीदवार का नाम फाइनल करने के लिए दिल्ली में टीएमसी सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल सीएम ममता बनर्जी ने विपक्षी नेताओं को बैठक के लिए बुलाया। बैठक के बाद नेताओं ने बताया कि सभी 16 दलों का एक ही कैंडिडेट होगा, जो मोदी सरकार को रोकेगा। विपक्षी नेताओं की महत्वपूर्ण बैठक से टीआरएस, आम आदमी पार्टी और बीजद ने जरूर किनारा किया लेकिन, बाकी विपक्षी नेताओं ने बैठक में हिस्सा लेकर राष्ट्रपति उम्मीदवारी को लेकर अपनी राय रखी। इस बीच यह जानकारी सामने आई कि विपक्षी नेताओं की बैठक में गोपाल कृष्ण गांधी का नाम सबसे आगे चल रहा है। गोपाल कृष्ण राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पोते हैं। वे पश्चिम बंगाल के गवर्नर और आईएएस अधिकारी रह चुके हैं। गोपाल कृष्ण गांधी के अलावा विपक्षी नेताओं की बैठक में राष्ट्रपति उम्मीदवारी के लिए शरद पवार, फारूख अब्दुल्ला और यशवंत सिन्हा का नाम भी सामने आया था। ममता ने कहा कि सभी विपक्षी दलों ने तय किया है कि एक ही कैंडिडेट होगा ताकि मोदी सरकार के खिलाफ अपने कैंडिडेट को मजबूती से खड़ा किया जाए। साथ ही केंद्र की दमनकारी नीतियों पर अंकुश लग सके। बुधवार को विपक्षी दलों की बैठक शरद पवार के नेतृत्व में हुई थी। इससे पहले बुधवार को यहां कंस्टीट्यूशन क्लब में दोपहर बाद शुरू हुई बैठक में आने वाले विपक्षी नेताओं का खुद ममता बनर्जी ने हॉल के प्रवेश द्वार पर स्वागत किया।

ये रहे उपस्थित

बैठक में ममता बनर्जी के अलावा राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल, जनता दल एस के एच डी देवेगौड़ा और एच डी कुमारस्वामी, कांग्रेस के जयराम रमेश और रणदीप सुरजेवाला, समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव, जम्मू कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की महबूबा मुफ्ती, राष्ट्रीय लोकदल पार्टी के जयंत चौधरी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विश्वम, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा और तृणमूल के सुखेन्दू शेखर राय आदि नेता ने हिस्सा लिया। द्रविड़ मुनेत्र कषगम, शिवसेना , नेशनल कांफ्रेन्स, आईयूएमएल ,वाम दलों और जेएमएम के नेता भी बैठक में पहुंचे। सूत्रों के अनुसार एआईएमआईएम, तेलंगाना राष्ट्र समिति और आम आदमी पार्टी ने इस बैठक में नहीं जाने का निर्णय लिया है।

गोपाल कृष्ण गांधी का नाम आगे
पवार के नाम पर लगभग सभी विपक्षी नेताओं की सहमति थी। पवार के नाम पर आप नेता संजय सिंह की भी सहमति थी। लेकिन शरद पवार ने उम्मीदवारी से अपना नाम यह कहकर वापस खींच लिया कि वहां अभी सक्रिय राजनीति का हिस्सा बने रहना चाहते हैं। ममता बनर्जी ने बताया कि पवार के नाम पर सभी दलों की सहमति थी लेकिन उन्होंने उम्मीदवारी से इनकार कर दिया। शरद पवार के बाद नेशनल कांफ्रेस के नेता फारूख अब्दुल्ला का नाम भी सामने आया। ममता बनर्जी की तरफ से यशवंत सिन्हा का नाम आगे बढ़ाया गया, लेकिन इस पर भी सहमति नहीं बनी। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान कांग्रेस पार्टी की तरफ से चुप्पी साधी रही। सूत्र बताते हैं कि वाम दलों की ओर से महात्मा गांधी के पोते गोपाल कृष्ण गांधी का नाम आगे बढ़ाया गया है। इस पर लगभग सभी विपक्षी नेताओं ने अपनी सहमति दी है। सिर्फ कांग्रेस प्रतिनिधियों की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया। हालांकि अपना नाम राष्ट्रपति उम्मीदवारी के लिए बढ़ाने पर गोपाल कृष्ण गांधी ने सोचने के लिए समय मांगा है। इस बारे में गोपालकृष्ण गांधी ने कहा, “मुझसे पूछा गया है कि अगर मेरे नाम पर आम सहमति बनती है, तब क्या मैं ऐसे उम्मीदवार होने पर विचार करूंगा। मैंने कहा है कि मुझे इस महत्वपूर्ण सुझाव के बारे में सोचने के लिए कुछ समय चाहिए।” उन्होंने कहा, “सभी संबंधितों के बीच विचार-विमर्श चल रहा है। इस समय अधिक कुछ कहना जल्दबाजी होगी।”

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