15 महीने मे 30 रूपये लीटर मंहगा हुआ पेट्रोल

शर्म उनको मगर आती नहीं…
15 महीने मे 30 रूपये लीटर मंहगा हुआ पेट्रोल
कोरोना मे भी कटती रही जनता की जेब, अब डीजल भी 100 के करीब
मरते हैं आरज़ू मे मरने की, मौत आती है पर नहीं आती। काबा किस मुंह से जाओगे ग़ालिब, शर्म तुम को मगर नहीं आती।। गालिब के शेर की अंतिम लाइने मौजूदा हालात पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं। यह संवेदनहीनता की पराकाष्ठा का दौर है। मंहगाई और बदइंतजामियों का शिकार जनता कराह रही है पर हुक्मरान मनमानी पर मनमानी करने के बाद भी बेफिक्र हैं। शायद उन्हे लगता हो कि चुनाव का समय आते-आते जनता उनकी दी हुई त्रासदियों भूल जायेगी।
उमरिया। यदि सब कुछ ठीक रहा तो एक-दो दिन मे डीजल भी सैकड़ा पार हो जायेगा। जिले मे रविवार को डीजल के दाम 98 रूपये 96 पैसे हो गये। जो कि शतक से मात्र 1 रूपये 4 पैसे कम हैं। जबकि पेट्रोल की कीमत बढ़ कर 108 रूपये 13 पैसे प्रति लीटर हो गई। बीते 15 महीने मे पेट्रोल और डीजल मे 30 रूपये प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी हुई है। गत अप्रेल 2020 मे डीजल के दाम 69 रूपये 35 पैसे प्रति लीटर तथा पेट्रोल की कीमत 78 रूपये 71 पैसे थी। यह वह समय था जब देश मे कोराना का तांडव सिर चढ़ कर बोल रहा था। लोग महामारी से लगातार जूझते हुए अपनो को खो रहे थे। लॉॅकडाउन ने व्यापार पूरी तरह चौपट कर दिया। लाखों लोगों की नौकरी चली गई। और तो और छोटे-मोटे कारोबारी और मजदूर भी बेरोजगार हो कर घर बैठ गये। ऐसे कठिन समय मे भी सरकार को जनता पर तरस नहीं आया और वह पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार बढ़ाती रही।
बढ़ गया तीन हजार का खर्च
डीजल और पेट्रोल की बढ़ती कीमतें यूं तो हर व्यक्ति के लिये मुसीबत का सबब बन रही हैं, पर इससे गरीब और मध्यम वर्ग बुरी तरह पिस रहा है। एक आम मजदूर, छोटा कारोबारी या नौकरीपेशा कर्मचारी मोटर साईकिल से ही आवागमन करता है। उनका कहना है कि पिछले साल तक वे 100 रूपये के पेट्रोल से दो दिन तक काम चला लेते थे, पर जब से दाम बढ़े हैं, उनका खर्च करीब 3 हजार रूपये महीना बढ़ गया है। जबकि कमाई पहले से घटती जा रही है।
हर वस्तु हो रही मंहगी
वहीं डीजल के दामो मे हो रही बढ़ोत्तरी से भाड़ा और किराया भी बढ़ता जा रहा है। ट्रांसपोटिंग मंहगी होने से किराना, कपड़ा, बर्तन, इलेक्ट्राक्सि आदि सभी वस्तुओं की कीमते दिनो दिन बढ़ रही हैं। यह भार भी अंतत: आम जनता पर ही पड़ रहा है।
टेक्सियों का भाड़ा भी बढ़ा
पेट्रोलियम पदार्थो की मूल्यवृद्धि से टेक्सियों का भाड़ा भी आसमान छू रहा है। कोरोना के कारण ट्रेनो के बंद होने से जरूरी काम पडऩे पर लोग प्रायवेट टेक्सियों से ही आवागमन कर रहे हैं। बताया गया है कि डीजल की कीमते बढऩे के कारण टेक्सी भाड़ा करीब 30 प्रतिशत बढ़ गया है।

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