शहडोल । दो दिन की पुलिस अभिरक्षा की अवधि पूरी होने के बाद शनिवार को पुनः सूदखोरी के आरोप में पकड़े गए चारो आरोपियो जवाहर जसवानी, सुनील उर्फ कालू जसवानी, मुनव्वर अली बृजवासी अग्रवाल को बुढ़ार न्यायालय में पेश किया गया। पुलिस ने फिर से आगे की पूछताछ के लिए न्यायालय से एक सप्ताह की पुलिस अभिरक्षा की मांग की लेकिन न्यायालय द्वारा अब अतिरिक्त समय पुलिस को न देते हुए सभी को 9 अप्रैल तक 15 दिन की न्यायायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश जारी कर दिया। पुलिस द्वारा दर्ज मामलों में एसटी-एससी एक्ट की धाराएं भी बढ़ाई गयी है। उक्त मामले में अभी अभी दो अन्य आरोपी ब्रजवासी अग्रवाल की पत्नी त्रिवेणी अग्रवाल व उसका साला फरार है जिनकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है।
परिवार की सहमति बगैर नही मिलेगा रुपए
पुलिस अधीक्षक अवधेश गोस्वामी के निर्देश पर कोयलांचल में सूदखोरों के खिलाफ की गई ऐतिहासिक कार्यवाही के बाद एसईसीएल सोहागपुर क्षेत्र के प्रबंधन को होश आया। जिसके बाद सोहागपुर क्षेत्र एरिया चीफ पर्सनल मैनेजर द्वारा क्षेत्र के विभिन्न माइंसो के वेलफेयर व अन्य अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई, जिसमे सभी को निर्देश दिया गया कि अब से किसी भी कर्मचारी द्वारा यदि बैंक से लोन अथवा अपने किसी भी कालरी फंड से पैसों की मांग की जाती है तो सबसे पहले उसके परिवार से संपर्क कर इस बात का पता लगाया जाए की यह जानकारी परिवार के सदस्यों को है अथवा नही। इतना ही नही लोन व कालरी के अन्य मद में जमा पैसों की निकासी के लिए संबंधित कालरी कर्मचारी के परिवार से सहमति लेना भी आवश्यक होगा। बिना उनकी सहमति के अब एक रुपए भी कालरी के फंड में जमा उक्त कर्मचारी का पैसा उसे नही मिल सकेगा। क्योंकि अभी तक सूदखोर बिना परिवार की जानकारी में कालरी कर्मी को चुंगल में फंसाकर उससे रुपए ऐंठ लेते थे। कालरी प्रबन्धन के इस आदेश के पीछे पुलिस अधीक्षक श्री गोस्वामी का वह अभियान है जिसे सूदखोरों की धड़पकड़ के लिए शुरू किया गया है । क्योंकि अब तक कि जांच में यह बात सामने आई है कि पकड़े गए सूदखोर कोरे चेको में हस्ताक्षर करवाकर अथवा लोन के मॉध्यम से इन कालरी कर्मचारियो की खून पसीने की कमाई हजम कर जाते थे। इनके इस कृत्य में बैंक अथवा संबंधित कालरी अधिकारियों की भी भूमिका की गहन जांच पड़ताल की जा रही है। जिसका खुलासा आने वाले दिनों में हो सकता है। इन आरोपियों के अलावा भी अभी अन्य सूदखोर कोयलांचल में सक्रिय है। जिनका विभिन्न राजनीतिक दलों से भी ताल्लुक है और वह कई पदों की शोभा बढ़ा चुके है। इनके गिरेबाँ तक पुलिस के हाथ कब तक पहुचते है यह भी आने वाला समय ही बताएगा। बहरहाल पुलिस का सूदखोरों के खिलाफ़ छेड़ा गया ऑपरेशन शंखनाद जारी है।
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