निजीकरण के विरोध और कृषि कानूनो के खिलाफ हड़ताल का ऐलान
मुंबई। केंद्र सरकार द्वारा बैंकों के निजीकरण के विरोध में अगले हफ्ते 15 और 16 मार्च को देशभर के बैंक कर्मचारियों ने हड़ताल का ऐलान किया है। इसके अलावा किसान नेता राकेश टिकैत ने एक बार फिर 26 मार्च को भारत बंद की घोषणा कर दी है। जिससे त्यौहार के इस महीने मे देश अर्थव्यस्था और कारोबार पर चोट लगना तय है। बैंक कर्मियों की हड़ताल और छुट्टियों की वजह से बैंक चार दिन लगातार बंद रहेंगे।
निपटा लें अपना कामकाज
हड़ताल की वजह से बैंक 4 दिन लगातार बंद रहने वाले हैं। इसकी वजह 14 मार्च को रविवार है जबकि 13 मार्च को महीने का दूसरा शनिवार है। इन दोनों दिन भी बैंक बंद रहेंगे. इसलिए आज शुक्रवार को ही अपने बैंक के कामकाज निपटा लें। इस बीच देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने भी अगले हफ्ते होने वाली बैंक हड़ताल को देखते हुए ग्राहकों से एडवांस मे पैसे निकालकर रखने और बैंक लेनदेन करने की सलाह दी है. हालांकि एसबीआई और बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने कहा कि वह बैंङ्क्षकग सेवाओं को हड़ताल के असर से दूर रखने के लिए कदम उठा रहे हैं।
वित्तमंत्री ने की थी घोषणा
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में दो सरकारी बैंकों और एक जनरल इंश्योरेंस कंपनी के प्राइवेटाइजेशन की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि इसके लिए विधायी संशोधन की जरू रत पड़ेगी जिसके लिए वह प्रस्ताव बजट सत्र मे ही लाएंगी। बैंकों के निजीकरण के विरोध में कर्मचारियों के संगठन भारतीय बैंक संघ (आईबीए) और युनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूबीएफयू) ने यह हड़ताल बुलाई है।
बिना चढ़ाई के नहीं मानेगी दिल्ली
किसान यूनियनों ने केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 26 मार्च को अपने आंदोलन के चार महीने पूरे होने के मौके पर भारत बंद का आह्वान किया है। वहीं, किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अगर किसानों को अपनी जमीन और अपने बच्चों को बचाना है तो इन्हें दिल्ली की गद्दी से हटाना होगा। पत्रकारों से चर्चा करते हुए टिकैत ने कहा कि किसानों की मांग को दिल्ली ऐसे नहीं मानेगी, इसके लिए लड़ाई लड़नी पड़ेगी। साथ ही उन्होने कहा कि लड़ाई से ही तो किले जीते गए हैं। अगर हम हाथ जोड़ते रहेंगे तो लुटेरे नहीं मानने वाले हैं। राकेश टिकैत ने किसानों से बैरिकेडिंग तोड़ने के लिए तैयार रहने के लिए भी कहा।
भाजपा के खिलाफ मांगेगे वोट
मोर्चा का कहना है कि कृषि कानून वापस कराने के लिए आंदोलन जोरदार होना चाहिए। संगठन ने निर्णय लिया है कि हरियाणा और पंजाब के किसान पश्चिम बंगाल जाकर भारतीय जनता पार्टी क प्रत्याशियों के खिलाफ वोट मांगेंगे। किसान मोर्चा के नेताओं की टीम बंगाल के अलावा असम और केरल भी जाएगी। भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के प्रेसिडेंट बलबीर सिंह राजेवाल ने चंडीगढ़ में कहा कि मोदी सरकार देश के किसानों व मजदूरों के खिलाफ हो गई है। अब सरकार की ओर से सब चीजों को प्राइवेट किया जा रहा है, ताकि वे कॉर्पोरेट घरानों को खुश कर सकें।
15 को बैंक बंद, 26 को भारत बंद
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