तोमर बोल विकल्प दो, किसान बोले रद्द करो कानून
नई दिल्ली । नए कृषि कानून को लेकर सरकार और किसानों के बीच मंगलवार को 11वें दौर की बातचीत होनी है। इससे पहले बयानों का दौर तेज हो गया है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हमने किसान संगठनों को एक प्रस्ताव भेजा था जिसमें हम उनकी मंडी से जुड़ी समस्याओं, व्यापारियों के पंजीकरण और दूसरे मुद्दों पर चर्चा के लिए राजी हो गए थे, सरकार पराली और बिजली से जुड़ी समस्याओं पर भी चर्चा करने को तैयार थी, लेकिन किसान सिर्फ कानून को रद्द कराना चाहते हैं, लेकिन ज्यादातर किसान और विशेषज्ञ कृषि कानूनों के पक्ष में हैं। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कानून को लागू नहीं किया जा सकता है, अब हमें उम्मीद है कि 19 जनवरी को किसान बिंदूवार चर्चा करें और सरकार को बताएं कि कृषि कानून रद्द करने के अलावा वे और क्या चाहते हैं? उधर, किसानों का कहना है सरकार कानून को रद्द करे तभी बातचीत हो पाएगी।
किसान 26 जनवरी को दिल्ली आउटर रिंग रोड पर
दिल्ली-एनसीआर के कई बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन लगातार चल रहा है। साथ ही प्रदर्शनकारी किसान 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च निकालने पर आमदा हैं, लेकिन दिल्ली पुलिस सुरक्षा का हवाला देकर किसानों को इसकी इजाजत नहीं दे रही है। किसानों का कहना है कि किसान शांतिपूर्ण ढंग से परेड करेंगे, उम्मीद है कि दिल्ली, हरियाणा पुलिस रोक नहीं लगाएगी।
किसान संगठनों ने की एनआईए के समन की निंदा
किसान संगठनों ने एनआईए के समन भेजे जाने की निंदा की है। किसान संगठनों का कहना है कि केंद्र सरकार अत्याचार कर रही है। उसने किसानों का दमन शुरू कर दिया है। केंद्रीय कृषि मंत्री एनआईए मामले में देखने की बात कही थी। उनके आश्वाशन के बाद भी एनआईए ने समन भेजा।
किसानों की आय दोगुनी करना मोदी सरकार की प्राथमिकता: शाह
अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता किसानों की आय दो गुना करना है। शाह ने कहा कि 2013-14 में कृषि बजट 21 हजार 900 करोड़ के लगभग थी, जबकि 2020-21 में कृषि बजट बढ़कर 1 लाख 34 हजार 399 करोड़ हो गया है। अमित शाह ने कहा कि एमएसपी में भी हमारी सरकार ने बढ़ोतरी की है। अमित शाह ने कहा कि किसान सम्मान निधि योजना के तहत हमारी सरकार ने 1 लाख 13 हजार 619 करोड़ रुपये सीधे उनके खाते में किया है।
कमेटी के सामने नहीं जाएंगे किसान
भारत किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि सरकार को कृषि कानूनों को वापस लेना ही पड़ेगा। राकेत टिकैत ने कहा कि किसान सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित कमेटी के सामने नहीं जाएंगे और सरकार को कृषि कानून वापस लेना ही पड़ेगा। राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों का प्रदर्शन जारी रहेगा।
11वीं बैठक से पहले तेज हुआ बयानों का दौर
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