MP बोर्ड का फैसला
भोपाल। माध्यमिक शिक्षा मंडल (MP बोर्ड) की10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षा इस बार दो माह की देरी से अप्रैल के अंतिम सप्ताह से शुरू होगी, जो मई तक चलेगी। साथ ही कोरोना संक्रमण को देखते हुए बोर्ड परीक्षा ऑनलाइन भी हो सकती है। यह निर्णय बोर्ड की साधारण सभा की बैठक में सोमवार को लिया गया है। सत्र 2020-21 से बोर्ड परीक्षा देने वाले दसवीं व बारहवीं के विद्यार्थियों के लिए बोर्ड ने कई बदलाव किए हैं। इस सत्र से सप्लीमेंट्री परीक्षा नहीं होगी, बल्कि दो मुख्य परीक्षा ली जाएगी। श्रेणी सुधार के लिए स्टूडेंट को अगले साल का इंतजार नहीं करना होगा,। वह दोबारा होने वाली परीक्षा में शामिल हो सकता है। यानी कोई स्टूडेंट बोर्ड परीक्षा में फेल हो गया तो 3 माह बाद वह दोबारा परीक्षा दे सकता है। बैठक में बोर्ड के अध्यक्ष राधेश्याम जुलानिया, सचिव उमेश कुमार सिंह, परीक्षा नियंत्रक बलवंत वर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। वहीं प्रदेश सरकार द्वारा माध्यमिक शिक्षा अधिनियम के अनुसार माध्यमिक शिक्षा मंडल की समिति का गठन किया जा चुका है। समिति गठित होने के बाद बोर्ड की साधारण सभा की पहली बैठक हुई। इसमें मंडल की परीक्षा, वित्त संबंधित अन्य बिंदुओं का अनुमोदन कराया गया। इसके अलावा महत्वपूर्ण विषयों पर निर्णय लिया गया।
मार्कशीट में नहीं लिखा होगा सप्लीमेंट्री
बोर्ड ने तय किया है कि अब मार्कशीट पर सप्लीमेंट्री नहीं लिखा होगा या किसी फेल विषय के सामने स्टार नहीं लगेगा। बोर्ड ने मुख्य परीक्षा मई तक और दूसरी परीक्षा जुलाई में कराने का निर्णय भी लिया गया है। स्टूडेंट को यह विकल्प दिया गया है कि अगर उसके मुख्य परीक्षा में कम अंक आए हैं तो वह सभी विषयों की परीक्षा भी दोबारा दे सकता है। यदि वह सिर्फ एक या दो विषय में फेल है तो वह चाहे तो दूसरी परीक्षा में उसी विषय की परीक्षा में शामिल हो सकता है। अगर वह सभी विषयों की परीक्षा देना चाहे तो दे सकता है। जिस परीक्षा में अधिक अंक मिलेंगे, उसे मान्य किया जाएगा। उसी साल रिजल्ट में सुधार आ जाएगा।
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