होली पर भी नहीं पकेगी रोटी

महीनो से ठंडा पड़ा गरीबों का तवा, भात खाकर कट रही जिंदगी
बांधवभूमि, उमरिया
दीवाली के बाद जिले के गरीबों को अब होली के त्यौहार पर दाल-भात खाकर ही संतोष करना पड़ेगा। शासन द्वारा बीते महीनो की तरह फरवरी के लिये उचित मूल्य की दुकानो को सिर्फ चावल की खेप का ही आवंटन किया गया है। वहीं मार्च मे भी गेहूं मिलने की उम्मीद नहीं है। लिहाजा त्यौहार वाले आगामी महीने मे वे इसी से गुजारा करने पर मजबूर होंगे। उल्लेखनीय है कि विगत जुलाई मांह से अंत्योदय तथा प्राथमिकता वाले परिवारों को गेहूं के दर्शन नसीब नहीं हुए हैं। राशन की दुकानो मे महज चावल ही उपलब्ध है। नागरिक आपूर्ति विभाग के सूत्रों ने बताया कि प्रदेश के कई जिलों मे चावल और गेहूं दोनो जिंसों की सप्लाई निरंतर की जा रही है, लेकिन कुछ स्थानो पर केवल गेहूं ही दिया जा रहा है। उमरिया भी ऐसे जिलों मे शामिल है। आखिर हमारा जिला गेहूं से क्यों वंचित है, इसके पीछे कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया जा रहा है।
बुजुर्ग-बीमारों को परेशानी
गेहूं न मिलने से गरीबों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होने बताया कि चावल पकने के बाद इसे कुछ घंटों तक ही खाया जा सकता है। वहीं परिवार के कई लोग, विशेष कर बुजर्ग तथा शुगर, अपच और एसीडिटी आदि के मरीज चावल खाने से परहेज करते हैं। बुखार आदि मे भी इसका सेवन वर्जित रहता है। जिसकी वजह से हितग्राहियों को अनुदान पर मिला चावल बेंच कर गेहूं का जुगाड़ करना पड़ रहा है।
अदला-बदली मे हो रहा नुकसान
कहने को तो सरकार हर गरीब को मुफ्त मे राशन मुहैया करा रही है परंतु चावल बेंच कर गेहूं का जुगाड़ करने मे उन्हे उलटा अपनी जेब से पैसा खर्च करना पड़ रहा है। हितग्राहियों का कहना है कि उचित मूल्य की दुकानो से मिलने वाला सरकारी चावल औसत दर्जे का होने के कारण बाजार मे यह मात्र 15 रूपये किलो मे ही बिक रहा है, जबकि गेहूं की कीमत कम से कम 25 रूपये है। लिहाजा एक किलो की अदला-बदली मे ही गरीबों का 10 रूपये चला जाता है। इस तरह से सरकार द्वारा हर महीने करोड़ों रूपये निशुल्क राशन पर खर्चने के बावजूद लोगों को इसका लाभ तो दूर नुकसान ही उठाना पड़ रहा है।
अब नहीं लगेगा पैसा
दूसरी ओर सरकार ने अब मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के तहत एक रूपये मे मिलने वाले राशन को भी निशुल्क कर दिया है। इसके बाद पात्रता वाले परिवारों के प्रत्येक सदस्य को 5 किलो तथा अंत्योदय परिवारों को 35 किलो अनाज प्रतिमांह मुफ्त दिया जायेगा। जानकारी के अनुसार जिले मे इस श्रेणी मे आने वाले कुल परिवारों की संख्या 1 लाख 35 हजार 400 है।

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