कर्नाटक से उत्तर प्रदेश तक बवाल, पहले चरण की वोटिंग से पूर्व कूदे राजनेता
नई दिल्ली। यूपी विधानसभा चुनाव २०२२ के पहले चरण में १० फरवरी को होने वाले पहले चरण के मतदान से पहले कर्नाटक का हिजाब विवाद चरम पर है। बुधवार को इसमें देश-विदेश के दिग्गज नेता कूद पड़े। असदुद्दीन ओवैसी, प्रियंका गांधी, मलाला युसूफजई और तालिबान जहां हिजाब के पक्ष में खड़े नजर आए, वहीं यूपी के वरिष्ठ मंत्री केशव प्रसाद मौर्य, कर्नाटक के मंत्री सुनील कुमार और भाजपा विधायक रेणुकाचार्य ने पलटवार किए। ऐसे में जानना जरूरी है कि यह विवाद क्यों गरमा रहा है? और इसका सियासी मकसद क्या है?
पहले चरण की 58 सीटों पर नजर
दरअसल यूपी चुनाव के पहले चरण में गुरुवार को ११ जिलों की ५८ सीटों पर वोटिंग होगी। ये सभी जिले पश्चिमी यूपी के हैं। इनमें मेरठ, मथुरा, अलीगढ़, गौतम बुद्धनगर, हापुड़, बागपत, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, शामली, गाजियाबाद और आगरा की ५८ विधानसभा सीट शामिल हैं। इस इलाके में भाजपा, सपा, कांग्रेस व बसपा मुख्य मुकाबले में हैं। इन सीटों पर मुस्लिम वोटर भी बड़ी तादाद में हैं। यह इलाका संवेदनशील भी है। मुजफ्फरनगर दंगों की आंच में झुलस चुका है। तीन तलाक को अवैध करार देने से भाजपा व केंद्र सरकार द्वारा बटोरी गई मुस्लिम महिलाओं की सहानुभूति को भी कम करना इसका मकसद माना जा रहा है। पहले चरण में जिन ११ जिलों पर कल मतदान होगा, वहां मुस्लिम वोट बैंक निर्णायक है।
ओवैसी ने छेड़ा मुस्लिम राग
एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को उस हिजाब पहनी लड़की की जमकर तारीफ की जिसने कर्नाटक के कॉलेज में कुछ युवकों की नारेबाजी के बीच अल्लाहू अकबर का नारा गूंजाया। ओवैसी ने उसकी प्रशंसा कर यूपी के मुस्लिम वोटरों को अपनी पार्टी के पक्ष में साधने का प्रयास किया।
प्रियंका गांधी ने साधा निशाना
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट कर हिजाब विवाद को महिलाओं को कुछ भी पहनने की आजादी से जोड़ दिया। इसी क्रम में उन्होंने बिकिनी का भी जिक्र कर दिया, लेकिन हिजाब से बिकिनी तक की आजादी की यह लड़ाई मेल खो बैठी और वह भाजपा नेताओं के निशाने पर आ गईं। हालांकि मुस्लिम महिलाओं व युवतियों को साधने में प्रियंका गांधी ने पूरी कोशिश की है।
विपक्ष राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास न करे:खागड़े
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खडग़े ने कर्नाटक सरकार से ऐसे संवेदनशील मामले को जल्द निपटाने की सलाह दी। उन्होंने विपक्ष से भी अपील की कि वह इसका राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास न करे। वरिष्ठ नेता ने कहा कि इस मामले को नियमानुसार हल किया जाना चाहिए।
रोज हो रहे स्कूल-कॉलेजों में विवाद
कर्नाटक में १ जनवरी से हिजाब पर विवाद तब शुरू हुआ जब एक शिक्षण संस्थान में छह मुस्लिम लड़कियों को हिजाब पहनकर कक्षा में आने से मना कर दिया गया। कॉलेज प्रबंधन ने हिजाब को कॉलेज के ड्रेस कोड के खिलाफ बताया। इसके बाद राज्य के कभी किस कॉलेज में तो कभी किस स्कूल में हिजाब पहने युवतियां के पहुंचने व उनके खिलाफ प्रदर्शन का सिलसिला शुरू हो गया। बहरहाल कर्नाटक हाईकोर्ट में मामला विचाराधीन है। तीन दिन के लिए राज्य के स्कूल कॉलेज बंद कर मामले को शांत करने का प्रयास किया गया है।
हिजाब को लेकर मप्र में कोई भी विवाद नहीं: शिक्षा मंत्री
कर्नाटक में चल रहा हिजाब विवाद मध्यप्रदेश तक पहुंच गया है। एमपी के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि प्रदेश के स्कूलों में हिजाब पर प्रतिबंध लगेगा। जिसके बाद कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि प्रदेश में हिजाब पर प्रतिबंध लगा,तब आर-पार की लड़ाई होगी। इतनी अती सहन नहीं होगी। दरअसल विवाद को लेकर प्रदेश के गृह मंत्री का बयान सामने आया है। जहां स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार हिजाब पर प्रतिबंध लगाने की बात कर रहे हैं। वहीं प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि हिजाब को लेकर राज्य में कोई भी विवाद नहीं है और ना ही प्रदेश में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन है।
हिजाब का बहाना, चुनाव पर निशाना
Advertisements
Advertisements