करंट की चपेट मे आई मादा हाथीमौके पर ही हुई मौत, बांधवगढ़ नेशनल पार्क के पनपथा परिक्षेत्र की घटना
मानपुर/रामाभिलाष त्रिपाठी। जिले के बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के बीचों-बीच गुजरने वाली जर्जर हो चुकी हाईटेंशन लाईन आसपास रहने वाले ग्रामीणो के सांथ ही दुर्लभ वन्य जीवों के लिये भी मुसीबत का सबब बन रही है। जंगली और पालतू पशु आये दिन इसकी चपेट मे आ कर अपनी जान गवां रहे है। ऐसी ही एक और घटना पार्क के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पनपथा परिक्षेत्र अंतर्गत गंगीताल बीट मे हुई है, जहां एक मादा हांथी की बिजली की तार के चपेट मे आकर मौत हो गई। बताया गया है कि करीब 23 जंगली हाथियों का झुण्ड बीती रात यहां से गुजर रहा था। इन्ही मे से एक मादा हाथी तालाब की मेड़ पर चढ़ गई, तभी उसकी सूंड़ 11 केवी हाईटेंशन लाईन से जा टकराई। करंट के झटके से हथिनी वेस्ट वेयर के पास गिर कर तड़पने लगी। इसी दौरान समीप ही मौजूद टाईगर रिजर्व के गश्ती दल की नजर उस पर पड़ी। थोड़ी ही देर मे मादी हाथी की मौत हो गई। दल के कर्मचारियों से घटना की सूचना मिलने पर रेंजर पनपथा तत्काल मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लेते हुए वरिष्ठ अधिकारियों को इससे अवगत कराया। सुबह होते ही क्षेत्र संचालक विंसेंट रहीम, पशु चिकित्सक डा. नितिन गुप्ता तथा अन्य अधिकारियों के साथ घटना स्थल पर आये और अपने समक्ष पीएम एवं अन्य आवश्यक औपचारिकतायें पूर्ण कराई। इसके उपरांत मादा हाथी को दफनाया गया।
सौ साल पुरानी है लाईन
बताया जाता है कि उमरिया से ताला, मानपुर, देवरी होते हुए बिजौरी तक जाने वाली यह विद्युत लाईन करीब सौ साल पुरानी है। जिसकी तार, खंबे, इंसूलेटर आदि सभी उपकरण सड़-गल चुके हैं। कई स्थानो पर तो यह जमीन पर झूलने लगी है। इसकी चपेट मे आये दिन पालतू गाय, बैल भैंस के अलावा बांधवगढ़ के बाघ, तेंदुआ, हांथी सहित अन्य दुर्लभ जीव भी चपेट मे आकर अपनी जान गवां रहे हैं। जानकारों के मुताबिक इसी खतरे को देखते हुए पार्क प्रबंधन की ओर से वर्ष 2010 मे ओपेन लाईन को केबल के द्वारा भूमिगत किये जाने का प्रसताव भेजा गया था परंतु आज 10 साल बीत जाने के बाद भी उसे स्वीकृति नहीं मिल सकी है।
शिकारियों के लिये सुविधा
जमीन पर झूलती बिजली की हाईटेंशन लाईन भले ही मूक जीवों के लिये जानलेवा हो, परंतु यह शिकारियों के लिये बड़ी सुविधा बनी हुई है। इसी से जीआई तार को जोड़ कर शिकारी वन्य जीवों का शिकार करते हैं। वहीं अपनी फसलों को चीतल, सांभर और जंगली सुअरों से बचाने के लिये स्थानीय किसान भी इसी का इस्तेमाल करते हैं, जिसमे फंस कर कई बाघ और तेंदुआ जैसे बहुमूल्य जीवों की मौत हो जाती है।
लो वोल्टेज की समस्या
बाबा आदम के जमाने की यह बिजली लाईन लगभग 190 किलोमीटर लंबी है। जो कि 125 किमी बफर तथा 63 किमी कोर जोन से गुजरती है। बताया जाता है कि जरा सी आंधी, पानी और बरसात मे ही इससे स्पार्किग होने लगती है। कई बार तो तार गल कर नीचे भी गिर जाती है। इससे मानपुर सहित पूरे क्षेत्र का प्रवाह आये दिन प्रभावित होता है। इसी की वजह से क्षेत्र के लोग वर्षो से लो-वोल्टेज की समस्या से जूझ रहे हैं।
हादसों का सबब बन रही बाबा आदम के जमाने की ताला-मानपुर बिजली लाईन
Advertisements
Advertisements