हाथियों के बाद अब बाघ ने दी शहर मे दस्तक

गाय का किया शिकार, आसपास के लोगों मे दहशत
उमरिया। जंगली हाथियों के बाद अब उमरिया शहर के निकट बाघ ने दस्तक दे दी है। शहर में दस्तक देने के साथ ही बाघ ने गायों का शिकार भी शहर निकट किया है। बाघ ने जहां शिकार किया है वहां पर गायों की पूंछ, चमड़ा और शरीर के दूसरे अंग पाए गए हैं। शहर से लगे खेत मे काम करने वाले किसानों ने बताया कि गुरूवार की शाम को ही उन्होंने गायों के शिकार की जानकारी प्राप्त कर ली थी लेकिन ज्यादा शाम हो जाने के कारण लोग घटना स्थल के निकट नहीं पहुंच पाए थे। शुक्रवार की सुबह किसान जब अपने खेतों पर पहुंचे तो उन्हें कुछ दूरी पर गाय का शिकार होने की जानकारी मिली थी। इसके बाद लोग वहां इकठ्ठा होने लगे और शहर मे बाघ के दस्तक की खबर आग की तरह फैल गई।
वन विभाग को दी गई जानकारी
शहर मे बाघ के दस्तक की जानकारी यहां के लोगों ने वन विभाग के अधिकारियों को दे दी। घटना की जानकारी लगने के बाद वन अमला सक्रिय हो गया और बाघ की तलाश शुरू कर दी गई। इस बारे मे जानकारी देते हुए एसडीओ आरएन द्विवेदी ने बताया कि वन अमला पिछले तीन दिनों से अपने स्तर पर पूरे क्षेत्र मे नजर बनाए हुए है और लोगों की सुरक्षा पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है। हालांकि उन्होंने यह आशंका भी व्यक्त की है कि खेतों मे जहां बाघ के होने की आशंका व्यक्त की जा रही है वहां बाघ नहीं बल्कि तेंदुआ हो सकता है। पगमार्क की लंबाई का देखते हुए यही माना जा रहा है कि जो पगमार्क बने हैं वह बाघ के जैसे नहीं बल्कि तेंदुए के जैसे हैं।
खेत मे दिखे पगमार्क
शहर से लगे जमुनिहा नाले के किनारे के खेतों में बाघ के पगमार्क देखने को मिले थे। लालपुर मे भी नहर के किनारे शिवदयाल के खेत के पास बाघ के पद चिन्ह देखे गए हैं। इस बारे में मिली जानकारी के अनुसार सुनील कुशवाहा के खेत मे सबसे पहले बाघ के पगमार्क देखे गए थे। तीन दिन पहले एक दिसम्बर की सुबह जब किसान खेतों पर पहुंचे तो देखा कि गीली मिट्टी मे गहरे धंसे पद चिन्ह बने हुए थे। पहले तो लोगों ने ध्यान नहीं दिया लेकिन जब कुछ बुजुर्ग लोगों की नजर इन पगमार्क पर पड़ी तो उनके होश उड़ गए। उन्होंने बताया कि यह पगमार्क बाघ के हैं। खेत की मिट्टी ज्यादा गीली होने के कारण सभी जगह तो स्पष्ट चिन्ह नजर नहीं आ रहे थे लेकिन कुछ ऐसे स्थान भी थे जहां साफ. साफ चिन्हों को देखा जा सकता था। कई स्थानों पर लोगों ने इन चिन्हों को देखा और मोबाइल से इनका फोटो भी लिया।
दहशत मे किसान
जिन किसानों के खेत और खेत के आसपास बाघ के पद चिन्हों को देखा गया है उनमें खासी दहशत बनी हुई है। किसानों का कहना है कि बाघ अभी भी आसपास कहीं हो सकता है। यही कारण है कि शुक्रवार को किसान कुछ ज्यादा ही अलर्ट रहे। किसानों ने तय कर लिया है कि वे रात को ज्यादा देर तक खेत पर नहीं रहेंगे और अगर रहने की आवश्यकता हुई तो वे समूह में रहेंगे। किसान यह मानकर चल रहे हैं कि बाघ आसपास कहीं जंगल मे ही छिपा हुआ होगा और वह रात को शिकार के लिए निकल सकता है। किसानों को यह आशंका भी है कि बाघ दोबारा उसी रास्ते से गुजरेगा जहां से वह पिछली रात गुजरा होगा।
लगा हुआ है जंगल
शहर से बमुश्किल पांच से दो, तीन किलोमीटर की दूरी से जंगल लगा हुआ है। जहां खेत हैं वहां से जंगल की दूरी आधा किलोमीटर भी नहीं है। इस क्षेत्र में हर तरफ घने वृक्ष लगे हुए हैं जिससे होकर जंगल के रास्ते गुजरते हैं। आसपास के जंगलों मे जंगली जानवरों की भरमार है और यह जानवर अक्सर खेतों तक पहुंच जाते हैं। हालांकि बाघ जैसा बड़ा जंगली जानवर काफी अर्से से इस तरफ नहीं आया था। इस मामले मे वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बाघ को अभी देखा नहीं गया है। इस मामले मे और जानकारी ली जा रही है इसके बाद ही कुछ साफ तौर से कहा जा सकेगा।

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