आजाक मंत्री सुश्री मीना सिंह ने दिये अधिकारियों को निर्देश, निरस्त दावों की हुई समीक्षा
वनाधिकार अधिनियम के तहत निरस्त दावों के निराकरण मे उमरिया जिला प्रथम स्थान पर रहे। शासन की इस महात्वाकांक्षी योजना से कोई भी पात्र हितग्राही वंचित न हो। सरकार की मंशा वर्षो से काबिज लोगों को स्थाई दस्तावेज प्रदान करने की है जिससे वे भूमि को लेकर हमेशा के लिये चिंता मुक्त हो कर जीवन-यापन कर सकें। उक्त आशय के उद्गार शासन की आदिम जाति कल्याण एवं जिले की प्रभारी मंत्री सुश्री मीना सिंह ने कल कलेक्ट्रेट सभागार मे आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए व्यक्त किये।
उमरिया। प्रदेश शासन की आदिम जाति कल्याण मंत्री सुश्री मीना सिंह ने कलेक्ट्रेट सभागार उमरिया मे वनाधिकार अधिनियम के तहत निरस्त दावों के निराकरण की समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि दावों का निराकरण संवेदनशीलता के साथ किया जाए। उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार का यह प्राथमिकता का कार्यक्रम है। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा वन भूमि में काबिज परिवारों को वनाधिकार पत्र देकर उन्हें चिंतामुक्त करनें का निर्णय लिया है। प्रदेश सरकार की आदिवासी परिवारों को समय सीमा में अधिकार पत्र दिए जानें की योजना है। वन अधिकार अधिनियम के तहत निरस्त दावों के निराकरण मे उमरिया जिला प्रदेश मे प्रथम स्थान मे रहे, इसके लिए संबंधित अधिकारी निराकरण मे तेजी लाते हुए कार्य करे।
ये रहे उपस्थित
बैठक में कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव , वनमण्डला अधिकारी आर एस सिकरवार, उप संचालक नेशनल पार्क सिद्धार्थ गुप्ता, अपर कलेक्टर अशोक ओहरी, एसडीएम बांधवगढ अनुराग सिंह, एसडीएम पाली नेहा सोनी, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास आनंद राय सिन्हां, अनुविभागीय अधिकारी वन उमरिया एवं पाली , मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मानपुर एवं पाली तथा मास्टर ट्रेनर उपस्थित रहे।
आदिवासियों कारण ही जल, जंगल, जमीन सुरक्षित
आदिम जाति कल्याण मंत्री सुश्री मीना सिंह ने कहा कि वनवासी आदिवासियो ने जल, जमीन एवं जंगल को बचाया है, उन्हें वनाधिकार पत्र दिए जाने चाहिए। आपने कहा कि साक्ष्य के अभाव में कोई भी प्रकरण निरस्त नही किया जाए । आवश्यकतानुसार ग्राम के दो बुजुर्गो के कथन दर्ज कर साक्ष्य के रूप में उपयोग किया जाए। जो व्यक्ति पूर्व में काबिज थे उन्हे ंभी वनाधिकार पत्र दिए जाए । आपने कहा कि सामुदायिक उपयोग के लिए वह भूमि आवंटित नही की जाए जिनमें पूर्व से ही कोई व्यक्ति काबिज है। इसके लिए खाली भूमि आवंटित की जाए।
जिले मे अब तक 294 दावे मान्य
कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि जिले में अभी तक 294 दावे मान्य कर लिए गए है तथा 134 दावे एक-दो दिन मे निराकृत कर दिए जायेंगे। उन्होने बताया कि ग्राम स्तरीय एवं अनुभाग स्तरीय समितियों से दावों का तेजी से निराकरण किया जा रहा है। कोई भी दावा अमान्य नही किया गया है। आपने कहा कि शीघ्र ही जिले की उपलब्धि परिलक्षित होने लगेगी। वनमण्डलाधिकारी द्वारा मान्य किए गए दावों की जानकारी से अवगत कराया गया।
हर पात्र को मिले वनाधिकार
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