आदिवासी संघर्ष समिति ने भरी हुंकार, रैली निकाल कर सौंपा ज्ञापन
बांधवभूमि, उमरिया
जिले के आदिवासी समाज ने एक बार पुन: व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए सरकार को घेरा है। उनका आरोप है कि समाज के वंचित और भोले-भाले लोगों का हर स्तर पर शोषण हो रहा है, जिसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। प्रशासन के अधिकारी उनकी तकलीफों को नहीं सुन रहे, वहीं शासन के नुमाईन्दे मौन रह कर तमाशा देख रहे हैं। जनजातीय समाज की समस्याओं को लेकर रविवार को आदिवासी संघर्ष समिति ने हुंकार भरी। इस दौरान बस स्टेण्ड से रैली निकाली गई। जो कि स्टेशन चौराहे मे आ कर आमसभा के रूप मे परिवर्तित हो गई। कार्यक्रम मे बड़वारा विधायक बसंत प्रताप सिंह सहित बड़ी संख्या मे आदिवासी समाज के लोग उपस्थित थे।
समाज को न्याय दिलाये सरकार
सभा को संबोधित करते हुए विधायक बसंत प्रताप सिंह, बाला सिंह टेकाम, श्रीमती सावित्री सिंह, सुश्री रोशनी सिंह, इंजीनियर विजय कोल, डॉ. ध्यान सिंह, फूल सिंह, निवेदन सिंह, रामबकस सिंह, धर्मदास सिंह, सुखसेन कोल आदि ने सरकार पर करारे प्रहार किये। उन्होने कहा कि एक तरफ तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आदिवासियों के उत्थान और उनके सम्मान दिलाने की बात करते हैं, वहीं दूसरी ओर समाज से डंके की चोट पर उनका हक छीना जा रहा है। युवाओं को रोजगार और योजनाओं का लाभ मिलना तो दूर आदिवासी वर्षो से जंगली जानवरों से पशुओं और फसलों को हुई नुकसानी, वनाधिकार पट्टे जैसे जायज अधिकारों के लिये भटक रहे हैं। उन्होने कहा कि समाज अब जागरूक हो चुका है, यह अन्याय अब और सहन नहीं किया जायेगा।
कांग्रेस ने दिया समर्थन
कांग्रेस ने कार्यक्रम स्थल पर जा कर आदिवासी संघर्ष समिति के प्रदर्शन को अपना समर्थन दिया। इस मौके पर मप्र कांग्रेस कमेटी के महामंत्री एवं पूर्व विधायक अजय सिंह ने कहा कि उमरिया पूरी तरह से अराजकता की भेंट चढ़ चुका है। बीते दिनो शासन की शह पर जनमत को लूटने का प्रयास किया गया। इतना ही नहीं हार के डर से भाजपा ने आदिवासी जनप्रतिनिधियों को चुनाव ही नहीं लडऩे दिया। यह लोकतंत्र का घोर अपमान है, इस स्थिति के लिये प्रदेश मे बैठी नकारा सरकार दोषी है। जिसका पूरा ध्यान मासूमो के आहार से अपना पोषण करने मे लगा हुआ है। श्री सिंह ने कहा कि कांग्रेस हरिजन, आदिवासी और कमजोर तबके के हक पर डाका नहीं पडऩे देगी। सभा मे जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश शर्मा, रामकिशोर चतुर्वेदी, मनोज सिंह, उदयप्रताप सिंह, नारायण सिंह, बसंत झारिया और विक्रम सिंह ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर ठाकुरदास सचदेव, ताराचंद राजपूत, ज्ञानप्रकाश पटेल, उमाशंकर पटेल सहित बड़ी संख्या मे नागरिक उपस्थित थे।
सौंपा 14 बिंदुओं का ज्ञापन
संघर्ष समिति द्वारा तहसीलदार सतीष सोनी को सौंपे गये 14 बिंदुओं के ज्ञापन मे प्रमुख रूप से जिला पंचायत चुनाव के दौरान अध्यक्ष पद की उम्मीदवार श्रीमती सावित्री सिंह पर दर्ज मुकदमो को वापस लेने तथा उनकी ओर से पुलिस को दी गई सूचना पर कार्यवाही करने, जनपद पंचायत मानपुर के चुनावों मे 14 सदस्यों का समर्थन हासिल होने के बावजूद सुश्री रोशनी सिंह को निर्वाचन प्रक्रिया से वंचित करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करने सहित जिले मे बनवाये बांधों मे अधिगृहित भूमि का मुआवजा और जमीन के बदले जमीन, नहरों की लागत सार्वजनिक करने, उनके निर्माण मे हुए व्यापक भ्रष्टाचार की जांच, बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के विस्थापित ग्रामवासियों को मुआवजा और प्रति परिवार को 5-5 एकड़ जमीन, समुचित पुनर्वास, जंगली जानवरों की नुकसानी की क्षतिपूर्ति, सुरक्षा, लंबित वनाधिकार के दावों की जांच एवं दोषियों के खिलाफ कार्यवाही समेत कई मांगें शामिल हैं।
हर जगह हो रहा उत्पीडऩ
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