हरिवंश चुने गये राज्यसभा के उप सभापति

पहली बार लोकसभा के सदस्यों ने राज्यसभा मे बैठकर लिया कार्यवाही मे हिस्सा
नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बीच १७वीं लोकसभा का चौथा सत्र सोमवार से शुरू हो गया। राज्यसभा में भाजपा के मेंबर जेपी नड्डा ने उप-सभापति पद के लिए एनडीए के कैंडिडेट हरिवंश के नाम का प्रस्ताव रखा। ध्वनि मत से हरिवंश को उप-सभापति चुन लिया गया। राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने इसकी घोषणा की। हरिवंश जदयू सांसद हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन में कहा कि हरिवंश जी ने सांसद बनने के बाद यह सुनिश्चित किया है कि सभी सांसद ज्यादा से ज्यादा कर्तव्यनिष्ठ बनें। उनके अंदर का पत्रकार आज भी जिंदा है। आपकी भूमिका लोकतंत्र को मजबूत करती है। पहले दिन संसद में सब कुछ बदला-बदला नजर आया। संसद परिसर में एंट्री से लेकर सदन की कार्यवाही तक में कोरोना का असर देखा गया। प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, सांसद से लेकर संसद के कर्मचारी और सिक्योरिटी स्टाफ फेस मास्क पहने और सोशल डिस्टेंङ्क्षसग का पालन करते दिखे। संसद के एंट्री पॉइंट पर टेम्परेचर चेक किया गया। सभी की कोविड टेस्ट की रिपोर्ट देखी गई। निगेटिव होने के बाद ही अंदर जाने की परमिशन दी गई। सत्र की शुरूआत के पहले करीब ४००० लोगों का कोरोना टेस्ट हुआ। इनमें सांसद, उनके स्टाफ, संसद के कर्मचारी और सिक्योरिटी पर्सनल भी शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक, जांच में अब तक १७ सांसदों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इनमें मीनाक्षी लेखी, अनंत कुमार हेगड़े और प्रवेश साहिब सिंह समेत सबसे ज्यादा १२ सांसद भाजपा के हैं। वाईआरएस कांग्रेस के दो और शिवसेना, डीएमके और आरएलपी के एक-एक सांसद हैं।
बदला-बदला नजर आया नजारा
लोकसभा सचिवालय के मुताबिक, पहले दिन लोकसभा की कार्यवाही में ३५९ सदस्यों ने हिस्सा लिया। लोकसभा में सिर्फ २०० सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की गई थी। ३० सदस्य गैलरी में बैठे थे। लोकसभा में ही एक बड़ा स्क्रीन लगाया गया है, जिसके माध्यम से राज्यसभा में बैठे लोकसभा के सदस्य भी नजर आ रहे थे। बाकी सदस्य राज्यसभा में बैठे। ऐसे ही राज्यसभा में बैठे सदस्य स्क्रीन के जरिए लोकसभा की कार्यवाही देख रहे थे। पहली बार लोकसभा की कार्यवाही में प्रश्नकाल नहीं हुआ। विपक्ष ने इस हंगामा किया और इसे लोकतंत्र के खिलाफ बताया। लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने सांसदों को अपनी सीट पर बैठकर बोलने की अनुमति दी। चार घंटे की कार्यवाही में सभी सांसदों ने बैठकर सवाल-जवाब किए। सभी सांसद मास्क और ग्लव्स पहने नजर आए। दो गज की दूरी बनाकर सांसद बैठे थे।
पूरी संसद और देश सेना के साथ:पीएम
लोकसभा की शुरू होने के पहले सुबह संसद परिसर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया से बात की। मोदी ने कहा, आज जब हमारी सेना के वीर जवान सीमा पर डटे हुए हैं। हिम्मत के साथ, जज्बे के साथ, बुलंद हौसलों के साथ, दुर्गम पहाडि़यों में डटे हुए हैं। कुछ समय के बाद बर्फबारी भी शुरू होगी। ऐसे वक्त में संसद से एक भाव, एक सुर से ये आवाज आनी चाहिए कि देश और पूरा सदन उनके साथ खड़ा है। कोरोना के दौर में जब तक दवाई नहीं, तब तक कोई ढिलाई नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि दुनिया के किसी कोने में वैक्सीन बने और हम सभी को मिले। उन्होंने कहा, मुश्किल दौर में संसद का सत्र शुरू हो रहा है।
आप कर रहे लोकतंत्र का गला घोंटने की कोशिश:अधीर
प्रश्नकाल नहीं होने से हंगामा हुआ। कांग्रेस के सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि प्रश्नकाल सदन की कार्यवाही का अहम हिस्सा है। यह गोल्डन आवर्स है, लेकिन आप कह रहे हैं कि विशेष परिस्थितियों की वजह से इसे नहीं करा सकते हैं। दरअसल, आप लोकतंत्र का गला घोंटने की कोशिश कर रहे हैं। एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सरकार ने हमारे सवाल पूछने का अधिकार छीन लिया है। विपक्ष के अन्य सदस्यों ने भी कहा कि प्रश्नकाल होना जरूरी है। तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि प्रश्नकाल संसदीय प्रणाली के मूलभूत ढांचे से जुड़ा है। इसका प्रमुख अंग है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रश्नकाल के मुद्दे पर सरकार का बचाव किया। उन्होंने कहा कि असाधारण परिस्थितियों में संसद की कार्यवाही हमको करनी पड़ रही है। चार घंटे के लिए सदन चलेगा। मैंने अपील की थी कि इसमें प्रश्नकाल न हो। आधे घंटे का एक जीरो आवर हो।

 

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