हमारा संविधान हमारी संस्कृति से उत्पन्न:कमिश्नर

बांधवभूमि, सोनू खान

शहडोल । कमिश्‍नर शहडोल संभाग  राजीव शर्मा ने कहा कि है कि हमारा संविधान हमारे  आदर्शों से लिया गया है। भारतीय संस्‍कृति से उत्‍पन्‍न हुआ है। उन्‍होंने कहा कि मैने संविधान मूल प्रत्यासा देखी है, जिन महान  चित्रकारों ने संविधान की सुंदर पुस्‍तक का चित्र का बनाया है वो राम बाल्मिक, कबीर, तुलसी , साम्राट अशोक को नही भूले। भारतीय संस्‍कृति का जो मूल  आधार है  वह सबके सब  हमारे संविधान की नींव में है। उन्‍होंने कहा है  कि  संविधान सभा में संविधान  1949 में बना और 1950में लागू हुआ। लेकिन उसके बहुत पहले  हमारे  पूर्वजों ने ,ऋषियों ने तपस्वीयो ने अपनी जीवन पद्धति से एक संविधान बनाया था। कमिश्‍नर ने कहा कि भारत का संविधान केवल अधिकारियों, राजनेताओं के लिये नही है। भारत का संविधान सभी के लिये है जिसकों सामान अधिकार दिये गये है और जिसमें गलत को गलत कहने का  अधिकार भी दिया गया है। कमिश्‍नर ने कहा है कि संविधान जिस देश में किताब में सो जाता है वहां जनतादार बन जाती है, हमें संविधान के प्रति  जागरूक रहने की आवश्‍यकता है, अपने अधिकारों के प्रति भी जागरूक रहने की आवश्‍यकता है। कमिश्‍नर शहडोल संभाग श्री राजीव शर्मा ने आज सेंट्रल एकेडमी स्‍कूल मऊ में आयेाजित संविधान जागरूकता  कार्यक्रम को सम्‍बोधित कर रहे थें। उन्‍होंने कहा कि हमारे लिये यह आवश्‍यक है कि सेवाओं में आने से पहले संविधान के बरीकियों को समझना चाहिए। उन्‍होंने विद्यार्थियों को समझाइश देते हुए कहा कि वह संविधान के संबंध में जानकारी रखें, प्रशासनिक सेवा परीक्षा के लिये जो विद्यार्थी तैयारी कर रहें है उनके सिलेबस में है। कार्यक्रम को संम्‍बोधित करते हुए एडीजी  दिनेश चंद्र सागर ने कहा कि विद्यार्थियों को अनुशासित होकर शिक्षा ग्रहण करना चाहिए, दुर्व्‍यसनों से दूर रहना चाहिए। कार्यक्रम को  रवि मिश्रा, विमल यादव सहित अन्‍य व्‍यक्‍ताओं ने भी सम्‍बोधित किया। इस अवसर बड़ी संख्‍या में स्‍कूली छात्र-छात्राएं उपस्थित थें।
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